सरकारी सिस्टम में भ्रष्टाचार इतना फैला हुआ है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Rajasthan CM Gehlot) भी लाचार नज़र आ रहे हैं. गहलोत ने कहा कि जो विभाग मेरे पास है, उसमें भी मैं गारंटी नहीं ले सकता कि विभाग में भ्रष्टाचार नहीं हो रहा. वहां भी अपने लोग हैं. भ्रष्टाचार करने कोई बाहर से, विदेश से तो आ नहीं रहा है. सोमवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत शिक्षकों के विभाग में भ्रष्टाचार की शिकायत करने पर सफ़ाई दे रहे थे.
सरकारी सिस्टम में भ्रष्टाचार (Corruption) इतना फैला हुआ है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Rajasthan CM Gehlot) भी लाचार नज़र आ रहे हैं. गहलोत ने कहा कि जो विभाग मेरे पास है, उसमें भी मैं गारंटी नहीं ले सकता कि विभाग में भ्रष्टाचार नहीं हो रहा. वहां भी अपने लोग हैं. भ्रष्टाचार करने कोई बाहर से, विदेश से तो आ नहीं रहा है. सोमवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत शिक्षकों के विभाग में भ्रष्टाचार की शिकायत करने पर सफ़ाई दे रहे थे.
16 नवंबर को टीचरों से गहलोत ने पूछा था कि काम कराने के लिए पैसे देने पड़ते हैं क्या तो सबने हां कहा था. तब से मुख्यमंत्री आठ बार भ्रष्टाचार को लेकर सफ़ाई दे चुके हैं. जब मुख्यमंत्री से पूछा गया कि जो भ्रष्टाचार में पकड़े जाते हैं, उन पर सरकार मुक़दमा चलाने की इजाज़त क्यों नहीं देती तो मुख्यमंत्री का जवाब था कि कई बार मामला कुछ और दिखता है और बाद में कुछ और निकलता है.
ग़ौरतलब है कि बड़ी संख्या में भ्रष्टाचार के आरोपों में पकड़े गए अधिकारी कर्मचारी सरकार की तरफ़ से अभियोजन की स्वीकृति नहीं मिलने से बरी हो जाते हैं और बहाल हो जाते हैं. भ्रष्टाचार के आरोप में पकड़े गए आईएएस और आईपीएस अधिकारियों को फिर से प्राइम पोस्टिंग देने को लेकर गहलोत ने ठीकरा केंद्र सरकार पर फोड़ दिया. उन्होंने कहा कि आईएएस और आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ मुक़दमा चलाने की इजाज़त केंद्र सरकार की तरफ़ से आती है. उसमें हम कुछ नहीं कर सकते हैं. गहलोत ने कहा कि हम करप्शन के खिलाफ पूरी मॉनिटरिंग कर रहे है.
राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सलाहकार ने ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को चिट्ठी लिखकर सरकारी कार्यक्रमों का बहिष्कार करने और काले झंडे दिखाने की धमकी दे डाली है. कभी सचिन पायलट के क़रीबी रहे और बाद में कैंप बदल कर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सलाहकार बने सवाई माधोपुर के विधायक दानिश अबरार सरकारी अफ़सरों से इतने ख़फ़ा हो गए हैं कि उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को चिट्ठी लिखकर धमकी दे डाली है. एक सरकारी कार्यक्रम में नाम नहीं छपने से विधायक ख़फ़ा हो गए हैं. गहलोत को सलाहकार ने लिखा है कि सरकारी अधिकारी अगर ऐसे मनमानी करेंगे तो हम सरकारी कार्यक्रमों का बहिष्कार करेंगे और ऐसे कार्यक्रमों को काला झंडा भी दिखाएंगे.
आमंत्रण पत्र पर नाम न होने से आग बबूला हो गए विधायक
कार्यक्रम मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का ड्रीम प्रोजेक्ट है, जिसके तहत निवेश को लेकर सवाई माधोपुर में इन्वेस्टमेंट समिट के लिए आमंत्रण पत्र तैयार किया गया था. इसमें पीडब्ल्यूडी मंत्री और उद्योग मंत्री व उद्योग सचिव के अलावा दूसरे मंत्रियों और अधिकारियों के नाम थे, मगर विधायक का नाम नहीं था. इसकी वजह से वह आग बबूला हो गए. नाराज़ इतने ज़्यादा थे कि पत्र लिखते समय उन्होंने जनवरी की बजाय फ़रवरी का डेट डाल दिया. विधायक की चिट्ठी को लेकर हंगामा मचा तो कलेक्टर राजेन्द्र किशन ने कहा कि मैंने अपनी तरफ़ से नाम या फॉर्मेट नहीं दिया है. उद्योग विभाग से जो फॉर्मेट और नाम आए थे, वहीं छापे गए हैं. विधायक दानिश अबरार हाल ही में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सलाहकार बनाए गए हैं.