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पीएम सुरक्षा चूक केस: ‘जिसे जान की फ़िक्र हो, उसे देश में बड़ी जिम्मेदारी नहीं लेनी चाहिए’, चन्नी ने किया ट्वीट

चरणजीत सिंह चन्नी ने सरदार वल्लभभाई पटेल की फोटो के साथ उनके एक उद्धरण को ट्वीट किया। चरणजीत सिंह चन्नी ने ट्वीट कर लिखा- ‘जिसे कर्त्तव्य से ज़्यादा जान की फ़िक्र हो, उसे भारत जैसे देश में बड़ी जिम्मेदारी नहीं लेनी चाहिए ! – सरदार वल्लभभाई पटेल’

पंजाब के फिरोजपुर में बीते बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा चूक का मामला गरमाता जा रहा है। पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने एक बार फिर से सीधा पीएम मोदी पर निशाना साधा है। चरणजीत सिंह चन्नी ने शुक्रवार रात को सरदार वल्लभभाई पटेल की फोटो के साथ उनके एक उद्धरण को ट्वीट किया। चरणजीत सिंह चन्नी ने ट्वीट कर लिखा- ‘जिसे कर्त्तव्य से ज़्यादा जान की फ़िक्र हो, उसे भारत जैसे देश में बड़ी जिम्मेदारी नहीं लेनी चाहिए ! – सरदार वल्लभभाई पटेल

चन्नी ने कहा था, नौटंकी कर रहे हैं पीएम

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पंजाब दौरे के दौरान ‘सुरक्षा चूक’ को लेकर बीजेपी की आलोचना का सामना कर रहे मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने इसके पहले गुरुवार को आरोप लगाया था कि नरेंद्र मोदी की ‘जान को खतरे की नौटंकी’ का उद्देश्य राज्य में ‘लोकतांत्रिक ढंग से चुनी गई सरकार को गिराने’ का है। चन्नी ने कहा कि प्रधानमंत्री देश के एक सम्मानित नेता हैं, लेकिन उनके कद के नेता को इस तरह की ‘घटिया नौटंकी’ में शामिल होना शोभा नहीं देता।

‘मोदी की जान को कोई खतरा नहीं था’

आधिकारिक बयान के अनुसार, चन्नी टांडा में न्यू अनाज मंडी में 18 करोड़ रुपये के विकास कार्यों की आधारशिला रखने के बाद एक सभा को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने दावा किया कि मोदी की जान को कोई खतरा नहीं था, बल्कि फिरोजपुर में भाजपा की रैली में लोगों की संख्या कम होने के कारण उन्होंने अपना कार्यक्रम रद्द कर दिया। उन्होंने कहा कि रैली स्थल पर खाली कुर्सियों के कारण प्रधानमंत्री ‘सुरक्षा खतरे के तुच्छ कारण’ का हवाला देते हुए राष्ट्रीय राजधानी वापस चले गए।

‘झूठे बहाने पर पीएम ने रद्द की यात्रा’

चन्नी ने आरोप लगाया कि जिस ‘झूठे बहाने’ पर प्रधानमंत्री ने अपनी यात्रा रद्द की, वह ‘पंजाब को बदनाम करने और राज्य में लोकतंत्र की हत्या करने की एक बड़ी साजिश का हिस्सा है जैसा कि पूर्व में जम्मू कश्मीर में किया गया।’ मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर प्रदर्शनकारी एक किलोमीटर से अधिक दूर थे तो प्रधानमंत्री की जान को खतरा कैसे हुआ। उन्होंने कहा कि जहां मोदी का काफिला रुका, वहां एक नारा भी नहीं लगा, तो उनकी जान को खतरा कैसे हो सकता था।

‘पंजाबियों ने दी है प्राणों की आहुति’

चन्नी ने कहा कि पंजाबियों ने देश की एकता, अखंडता और संप्रभुता के लिए अपने प्राणों की आहुति दी है और वे कभी भी प्रधानमंत्री के जीवन तथा सुरक्षा के लिए कोई खतरा पैदा नहीं कर सकते। मुख्यमंत्री ने कहा कि रैली में जनता की कम उपस्थिति ने राज्य में भाजपा की खराब स्थिति को उजागर कर दिया है। दसूया में चन्नी ने कहा कि 70,000 कुर्सियों के साथ रैली में केवल 700 लोग मौजूद थे, यह मोदी सरकार के खिलाफ लोगों के मन में बढ़ती नाराजगी को दर्शाता है।

‘खाली कुर्सियों ने बीजेपी नेतृत्व को आईना दिखाया’

चन्नी ने कहा, ‘खाली कुर्सियों ने भाजपा और उसके पूरे नेतृत्व को जनता की भावनाओं को समझने में विफलता के बारे में आईना दिखाया। पंजाबियों ने आगामी विधानसभा चुनावों में भाजपा के घमंडी नेताओं को सबक सिखाने का मन बना लिया है और भाजपा का यह फ्लॉप शो इसकी झलक था। प्रधानमंत्री और उनकी मंडली की नौटंकी का मकसद राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाना है।’ लुधियाना के मच्छीवाड़ा में एक अलग कार्यक्रम में चन्नी ने कहा कि अगर प्रधानमंत्री के आसपास के खुफिया अधिकारियों को उनकी सुरक्षा के लिए खतरा महसूस हुआ था तो वे क्या कर रहे थे।