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लखनऊ में सियासी सस्पेंस! नामांकन खत्म होने में तीन दिन बचे, सपा-भाजपा क्यों नहीं घोषित कर रही प्रत्याशी

यूपी की राजधानी लखनऊ में सत्ता का सिंहासन सजता है. पूरे प्रदेश में चुनावी माहौल है, लेकिन लखनऊ की सीटों पर अब तक प्रत्याशियों की सूची सपा और भाजपा ने जारी नहीं की है. कुछ सीटों पर विवाद है तो कहीं नाराजगी. कुल मिलाकर लखनऊ में फिलहाल बेचैनी बरपी है.

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की 9 विधानसभा सीटों के लिए नामांकन खत्म होने में महज तीन दिन बचे हैं. बसपा और कांग्रेस ने इन सीटों के लिए अपने-अपने प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है, लेकिन बीजेपी और सपा ने अपने पत्ते अभी तक नहीं खोले हैं.

दोनों ही पार्टियों से चुनाव लड़ने वाले दावेदारों की लंबी कतार है. ऐसे में वो एक दूसरे के उम्मीदवारों की लिस्ट के लिए वेट-एंड-वाच के मूड में है और सूबे के दिग्गज नेताओं की लंबी कतार है. इसीलिए दोनों ही पार्टियां अभी तक कैंडिडेट का ऐलान नहीं कर सकी हैं?

2017 में बीजेपी ने जीती थीं लखनऊ की 8 सीटें

दरअसल, लखनऊ की 9 सीटों में से बीजेपी ने 8 सीटों पर कब्जा है जबकि एक सीट पर सपा को जीत मिली थी. लखनऊ की मोहनलालगंज सीट छोड़कर सभी सीटें बीजेपी के पास है. सपा ने लखनऊ की मोहनलालगंज और मलिहाबाद सीट के लिए अभी तक प्रत्याशी का ऐलान किया है जबकि बीजेपी ने किसी भी सीट पर किसी भी नाम की घोषणा नहीं की है जबकि बसपा और कांग्रेस उम्मीदवार चुनावी प्रचार में जुटे हैं.

लखनऊ में टिकट दावेदारों के बीच बेचैनी

बीजेपी और सपा दोनों ही लखनऊ की विधानसभा सीटों के लिए टिकट नहीं घोषित कर रही है, जिसके चलते दोनों ही पार्टी के दावेदारों की उलझनें बढ़ गई है. लखनऊ कैंट, मोहनलालगंज, बख्शी का तालाब, सेंट्रल लखनऊ, नार्थ लखनऊ, पश्चिमी लखनऊ, पूर्वी लखनऊ, मलिहाबाद और सरोजनीनगर सीट है. बीजेपी और सपा दोनों ही पार्टियों से एक-एक सीट पर कई दावेदारों के नाम सामने आ रहे हैं.

लखनऊ की ज्यादातर सीटें बीजेपी के लिए सुरक्षित सीट मानी जाती हैं. सूबे की योगी कैबिनेट के तीन बड़े मंत्री आशुतोष टंडन, ब्रजेश पाठक और स्वाति सिंह राजधानी से विधायक हैं जबकि दिनेश शर्मा और मोहसिन रजा एमएलसी हैं. इसके बाद भी भाजपा अपने दिग्गज नेताओं के टिकट को अभी तक फाइल नहीं हो सके हैं. माना जा रहा है कि बीजेपी लखनऊ में अपने कई मंत्रियों की सीटें बदल सकती है.

सरोजनी नगर और लखनऊ कैंट सीट पर सस्पेंस

राजधानी में सबसे ज्यादा सस्पेंस सरोजनी नगर और लखनऊ कैंट सीट पर है. सरोजनी नगर सीट पर स्वाति सिंह का अपने पति दयाशंकर सिंह के साथ टिकट को लेकर विवाद है. दोनों ही इस सीट पर दावे कर रहे हैं. वहीं, लखनऊ कैंट सीट पर भी कई दिग्गज नेता टिकट के लिए मशक्कत कर रहे हैं. लखनऊ वेस्ट, बख्शी का तालाब, मोहनलालगंज, लखनऊ उत्तरी और पूर्वी सीट को लेकर सस्पेंस बनाकर रखा है.

योगी कैबिनेट के मंत्री के साथ ही सांसद रीता बहुगुणा जोशी भी अपने बेटे मयंक जोशी के लिए लखनऊ कैंट सीट से दावा कर रही हैं. रीता बहुगणा जोशी दो बार इस सीट से विधायक रही हैं. डिप्टीसीएम दिनेश शर्मा भी यहीं से चुनाव लड़ाने की योजना बना रहे है तो हाल ही में बीजेपी में एंट्री करने वाली मुलायम सिंह यादव की बहू अपर्णा यादव भी इस सीट पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है.

पिछली बार लखनऊ मध्य सीट से जीतकर कानून मंत्री ब्रजेश पाठक भी इस बार अपनी सीट बदलने के मूड में है. वो भी कैंट सीट से चुनाव लड़ने का मन बना रहे हैं और अपनी सीट से पत्नी को चुनाव लड़ाने की तैयारी में है. वहीं, लालजी टंडन के बेटे आशुतोष टंडन की सीट बदलने की चर्चा है, लेकिन वो अपनी परंपरागत सीट से चुनावी किस्मत आजमाने के मूड में है.

बीजेपी के तरह सपा भी कशमकश में फंसी हुई है. सपा की नजर बीजेपी की उम्मीदवारों की लिस्ट पर है. इसीलिए वो अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं. दिलचस्प बात यह है कि दोनों ही पार्टियां एक दूसरे के उम्मीदवारों के इंतजार में है, क्योंकि दोनों पार्टियों के कुछ सीटो के उम्मीदवार एक-दूसरे के संपर्क में बताए जा रहे हैं. लखनऊ में जिसका का टिकट इधर से कटा वो उधर से टिकट लाएगा. इसीलिए दोनों पार्टियां अपने-अपने पत्ते नहीं खोल रही हैं.