देश

गोवा में प्रशांत किशोर के सगंठन I-PAC के ठिकानों पर छापा, गांजा बरामद, एक सदस्य अरेस्ट

प्रशांत किशोर की कंपनी I-PAC ने गोवा में चुनावी काम के लिए पोरवोरिम में 8 बंगले किराए पर ले रखे हैं. पुलिस ने इन बंगलों पर ही रेड की है. कार्रवाई के दौरान गिरफ्तार किए गए I-PAC के कर्मचारी की उम्र 28 साल है.

गोवा में तृणमूल कांग्रेस (TMC) के लिए जमीन तैयार करने की कोशिश में जुटे चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के संगठन I-PAC के ठिकानों पर पुलिस ने रेड की है. कार्रवाई के दौरान पुलिस ने प्रशांत किशोर की कंपनी I-PAC के एक कर्मचारी को पोरवोरिम शहर से गिरफ्तार किया है. आरोपी के पास से गांजा (मादक पदार्थ) बरामद किया गया है.

गोवा पुलिस ने शुक्रवार को पोरवोरिम के कई बंगलों में छापामार कार्रवाई की. यहां 8 बंगले I-PAC ने किराए पर ले रखे हैं. इस रेड के दौरान ही I-PAC के कर्मचारी को गिरफ्तार किया गया. गिरफ्तार कर्मचारी की उम्र 28 साल है. पुलिस ने उसके खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है.

बता दें कि गोवा में विधानसभा चुनाव के लिए 14 फरवरी को मतदान होने हैं. पिछले करीब ढाई साल से TMC के लिए रणनीति तैयार कर रहे प्रशांत किशोर गोवा में पार्टी का काम संभाल रहे हैं. हालांकि, कुछ दिन पहले प्रशांत और टीएमसी के बीच रिश्तों में खटास की खबरें आईं थीं. ये पहली बार नहीं है, जब प्रशांत किशोर की किसी पार्टी से रिश्तों में खटास आई है.

प्रशांत और ममता के बीच अनबन क्यों?

हाल ही में ममता सरकार में मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने दावा कर दिया था कि उनके अकाउंट से “One Man One Post” को लेकर कुछ पोस्ट शेयर की गईं. इस बारे में उनसे कोई परमीशन नहीं ली गई थी. बता दें कि टीएमसी ने पिछले साल जून में One Man One Post पहल को शुरू किया था. तब I-PAC कंपनी ने भी इसे अपनी स्वीकृति दी थी और कई युवा कार्यकर्ताओं ने इसका समर्थन किया था. तब सीएम ममता बनर्जी ने भी इसकी पैरवी की थी. लेकिन फिर जब कोलकाता निकाय चुनाव के लिए Firhad Hakim को टिकट दिया गया तो ममता बनर्जी ने इसका समर्थन किया. ऐसे में पार्टी के अंदर ही One Man One Post के दावों को लेकर सवाल खड़े हो गए.

I-PAC ने दी थी सफाई

इस विवाद पर I-PAC ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी थी. I-PAC के कहा था कि वे किसी भी नेता की डिजिटल प्रापर्टी का इस्तेमाल नहीं करते हैं. जो भी ऐसे दावे कर रहा है, उसे या तो जानकारी नहीं है या फिर वो सिर्फ झूठ बोल रहा है. वहीं इस बात पर भी जोर दिया गया है कि जो सोशल मीडिया अकाउंट बनाए गए थे, वो सिर्फ बंगाल चुनाव से पहले तक सक्रिय थे. बाद में सभी पासवर्ड पार्टी को सौंप दिए गए थे और हर फैसला पार्टी द्वारा ही लिया जा रहा था.