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भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट, जानें क्या है इसका मतलब

भारत और UAE के बीच इस मेगा डील (What is India UAE free trade deal) को लेकर पिछले साल सितंबर में औपचारिक तौर पर बातचीत शुरू हुई थी. दोनों देशों के बीच के व्यापार को नई ऊंचाई पर ले जाने के लक्ष्य के साथ यह करार हुआ है.

भारत और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने शुक्रवार को फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (एफटीए) पर हस्ताक्षर किए. दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार और आर्थिक रिश्तों को बढ़ावा देने के लिए यह समझौता किया.

कॉमर्स एंड इंडस्ट्री मिनिस्टर पीयूष गोयल और यूएई के फाइनेंस मिनिस्टर अब्दुल्ला बिन तुक अल मारी ने कॉम्प्रिहेन्सिव इकोनॉमिक पार्टनरशिप एग्रीमेंट (सीईपीए) पर हस्ताक्षर किए. एक वर्चुअल सम्मेलन के दौरान इस ट्रेड एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किया गया. इस सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अबूधाबी के क्राउन प्रिंस शेख मोहम्मद बिन जाएद अल नाहयान ने भी हिस्सा लिया.

एग्रीमेंट के बाद गोयल ने कही ये बात

करार पर हस्ताक्षर करने के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए गोयल ने कहा कि यह कॉम्प्रिहेन्सिव और बैलेंस्ड ट्रेड एग्रीमेंट है. गोयल ने कहा, “इससे दोनों पक्षों के लिए कारोबार के बड़े अवसर पैदा होंगे. इस एग्रीमेंट से हमारे द्विपक्षीय कारोबार को दोगुना करने में मदद मिलेगी.”

भारत और यूएई का कारोबार

एक ऑफिशियल प्रेस रिलीज में कहा गया है कि एग्रीमेंट से भारतीय और यूएई के बिजनेसेज को बड़ा फायदा मिलेगा. रिलीज में कहा गया है कि इस करार से मार्केट एक्सेस को बढ़ाने और टैरिफ कम करने में मदद मिलेगी. इस बात की संभावना जताई जा रही है कि CEPA से अगले पांच साल में दोनों देशों के बीच का कारोबार 100 बिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगा जो अभी 60 बिलियन डॉलर पर है.

पिछले साल सितंबर में शुरू हुई थी बातचीत

पिछले साल सितंबर में भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच ट्रेड एग्रीमेंट को लेकर औपचारिक तौर पर बातचीत शुरू हुई थी. इस करार में गुड्स, सर्विसेज, रूल्स ऑफ ओरिजिन, कस्टम से जुड़े नियम-कायदे, सरकारी खरीद, इंटेलेक्चुअल प्रोपर्टी से जुड़े अधिकार और ई-कॉमर्स शामिल हैं.

इस तरह के एग्रीमेंट के तहत दोनों ट्रेडिंग पार्टनर्स दोनों देशों के बीच जिन वस्तुओं की ट्रेडिंग होती है, उनमें से अधिकतर पर से कस्टम ड्युटी हटा देते हैं या कम कर देते हैं. इसके साथ-ही-साथ वे सर्विसेज सेक्टर में होने वाले ट्रेड से जुड़े नियमों को उदार बनाते हैं और इंवेस्टमेंट को बढ़ावा देता हैं.

2020-21 में इतने का हो रहा था कारोबार

फाइनेंशियल ईयर 2020-21 में भारत और यूएई के बीच द्विपक्षीय कारोबार (Bilateral Trade) 43.3 बिलियन डॉलर का था. इस दौरान 16.7 बिलियन डॉलर का एक्सपोर्ट और 26.7 बिलियन डॉलर का इम्पोर्ट हुआ. दोनों देशों के बीच 2019-20 में 59.11 बिलियन डॉलर का कारोबार हुआ था.