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‘हिमाचल मोदी का दूसरा घर’, विकास परियोजनाओं का धड़ाधड़ ऐलान, क्या PM का चेहरा बदल पाएगा ‘रिवाज’?

बीजेपी की ओर से ‘हिमाचल से जुड़े हैं, हिमाचल के लिए खड़े हैं’ जैसे नारे दिए जा रहे हैं। इसके जरिए भाजपा की योजना केंद्र सरकार की ओर से मंजूर विकास कार्यों और सोशल स्कीम्स को प्रोजेक्ट करने की है।

हिमाचल प्रदेश में 12 नवंबर को विधानसभा चुनाव होने हैं। इसे लेकर सभी राजनीतिक दलों ने अपनी कमर कस ली है। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) इस पहाड़ी राज्य से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के व्यक्तिगत संबंधों को सामने रख रही है। कहा जा रहा है कि हिमाचल में भाजपा पीएम मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ रही है। साथ ही बीते 5 साल में राज्य के लिए जो वित्तीय सहायता मुहैया कराई गई है, उसका भी खूब जिक्र हो रहा है।

बीजेपी की ओर से ‘हिमाचल से जुड़े हैं, हिमाचल के लिए खड़े हैं’ जैसे नारे दिए जा रहे हैं। इसके जरिए भाजपा की योजना केंद्र सरकार की ओर से मंजूर विकास कार्यों और सोशल स्कीम्स को प्रोजेक्ट करने की है। साथ ही राज्य में बुनियादी ढांचे की कमी की समस्याओं को दूर करने के लिए प्रधानमंत्री के प्रयासों को सामने लाया जा रहा है।

मोदी ने 1990 के दशक में हिमाचल में बताया समय
भाजपा से जुड़े एक पदाधिकारी ने बताया, ‘प्रधानमंत्री ने 1990 के दशक में हिमाचल में काफी समय बिताया, जब वह राज्य के प्रभारी थे। उन्हें यहां के लोगों की समस्याएं मालूम हैं। पीएम मोदी राज्य के विकास और लोगों की प्रगति सुनिश्चित करने के लिए व्यक्तिगत रूप से आगे आए। यह राज्य की जनता को भी पता है।’

भाजपा नेता ने बताया, ‘एक आयोजक के रूप में मोदी के अनुभव ने पहाड़ी राज्य में पार्टी की उपस्थिति को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई। साथ ही 1998 में राज्य के चुनावों में पार्टी की सफलता में भी बड़ा योगदान दिया। भाजपा और कांग्रेस दोनों ने उस साल के चुनावों में 68 में से 31-31 सीटें जीती थीं, लेकिन बीजेपी ने हिमाचल विकास कांग्रेस से समर्थन से राज्य में सरकार बनाई।’

पीएम मोदी ने हिमाचल को बताया दूसरा घर
बीजेपी लीडर ने कहा कि शिमला में पार्टी कार्यालय भी उसी समय बनाया गया था और इमारत में एक पट्टिका पर प्रधानमंत्री का नाम अंकित है। इस महीने की शुरुआत में राज्य में एक रैली में मोदी ने हिमाचल को अपना दूसरा घर (पहला गुजरात) बताया था। हाल के दिनों में पीएम मोदी ने हिमाचल में विकास से जुड़ी कई योजनाओं का उद्घाटन या फिर शिलान्यास किया है।

पीएम मोदी ने बीते गुरुवार को हिमाचल प्रदेश में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के तीसरे चरण की शुरुआत की और कहा कि सरकार राज्य के हर गांव को सड़क से जोड़ना चाहती है। पीएमजीएसवाई-3 के तहत राज्य में 3,125 किलोमीटर लंबी ग्रामीण सड़कों का निर्माण किया जाएगा। मोदी ने चंबा में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा की डबल इंजन सरकार ने हिमाचल प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में पिछले आठ साल में 12,000 किलोमीटर लंबी सड़कें बनाई हैं।

हाल के दिनों में कई विकास कार्यों का उद्घाटन
प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘हर घर जल योजना’ के तहत लाहौल-स्पीति और किन्नौर के सभी आदिवासी इलाकों में शत-प्रतिशत नल जल आपूर्ति उपलब्ध कराई गई है। उन्होंने कहा कि भाजपा की डबल-इंजन सरकार ने हर घर में घरेलू गैस सिलेंडर उपलब्ध कराया है। उन्होंने हट्टी समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दिए जाने का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि यह कदम दर्शाता है कि इस सरकार को आदिवासियों की परवाह है।

मोदी ने 2 पनबिजली परियोजनाओं की आधारशिला भी रखी, जिनमें 48 मेगावॉट की चांजू-3 और 30 मेगावॉट की देवथल चंजू पनबिजली परियोजना शामिल है। दोनों पनबिजली परियोजनाओं से सालाना 270 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन होगा। इनके जरिए हिमाचल प्रदेश को लगभग 110 करोड़ रुपये का वार्षिक राजस्व अर्जित होने की उम्मीद है। इससे पहले, मोदी ने हिमचाल प्रदेश के ऊना जिले में नई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झंडी दिखाई।

ऐसे में साफ है कि बीजेपी पीएम मोदी के चेहरे को आगे रखकर हिमाचल चुनाव में उतरी है और उनके राज्य से जुड़ाव को मतदाताओं तक पहुंचाने में लगी है। लेकिन भाजपा के सामने चुनौती ‘रिवाज’ बदलने की है। दरअसल, यहां पर बीते तीन दशकों से किसी पार्टी ने अपनी सत्ता बरकरार नहीं रखी है। अभी राज्य में भाजपा सत्ता में है, इसलिए उसे अपनी सरकार बरकरार रखने के लिए इस कड़ी को तोड़ना जरूरी है।