मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की मराठा राजा छत्रपति शिवाजी के साथ तुलना करने वाली टिप्पणी को लेकर राज्य में नया सियासी संग्राम शुरू हो गया है।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की मराठा राजा छत्रपति शिवाजी के साथ तुलना करने वाली टिप्पणी को लेकर राज्य में नया सियासी संग्राम शुरू हो गया है। विपक्षी दलों ने ऐसी टिप्पणी करने वाले राज्य के पर्यटन मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता प्रभात लोढ़ा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उद्धव खेमे के नेता संजय राउत ने कहा कि शिवाजी महाराज का अपमान करने वालों को केंद्र से पुरस्कृत किया जाता है। कांग्रेस ने उनके इस्तीफे की मांग की है। कहा कि लोढ़ा तो शिवाजी महाराज के खिलाफ टिप्पणी करने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी और भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी से एक कदम आगे निकल गए हैं।
दरअसल, महाराष्ट्र के पर्यटन मंत्री प्रभात लोढ़ा ने शिवाजी महाराज के ऐतिहासिक आगरा पलायन की तुलना एकनाथ शिंदे के शिवसेना छोड़ने से कर दी। उन्होंने शिंदे के दलबदल की इससे तुलना की है। जिसके बाद नया विवाद शुरू हो गया है। कांग्रेस ने गुरुवार को उनके इस्तीफे की मांग की, जबकि शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) ने उन्हें “मराठा योद्धा के बारे में गलत बयान” के लिए लताड़ा।
महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने मांग की कि लोढ़ा को तुरंत अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए। उन्होंने कहा, “कोई मंत्री शिवाजी महाराज के बारे में ऐसा कैसे कह सकता है और वह भी महाराष्ट्र में। वह अब माफी मांग रहे हैं। हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए क्योंकि शिवाजी ने गद्दारों को कभी माफ नहीं किया। लोढ़ा शिवाजी महाराज के खिलाफ टिप्पणी करने में राज्यपाल और भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी से एक कदम आगे निकल गए हैं।”
लोढ़ा ने माफी में क्या कहा
लोढ़ा ने हालांकि बाद में कहा कि उन्होंने शिवाजी महाराज और शिंदे के बीच कोई तुलना नहीं की। कहा, “शिवाजी महाराज अत्यधिक पूजनीय हैं। मेरा मतलब महान योद्धा को कमजोर करना नहीं था।”
पटोले का शिंदे पर निशाना
पटोले ने ‘शिवाजी का अपमान’ करने के लिए शिंदे और भाजपा की भी आलोचना की। उन्होंने कहा, ‘सीएम शिंदे इस्तीफा नहीं देंगे क्योंकि वह डर और भ्रष्टाचार की वजह से इस पद पर पहुंचे हैं। एक ओर वे शिवाजी के प्रशंसक होने का ढोंग करते हैं और दूसरी ओर उनका अपमान करते रहते हैं। उन्होंने शिंदे खेमे के विधायकों और सांसदों से शिवाजी महाराज के अपमान के विरोध में इस्तीफा देने का भी आग्रह किया, अगर उन्हें मराठा योद्धा के लिए थोड़ा भी गर्व है।
अपमान करने वाले केंद्र से पुरस्कृत
इस बीच, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता संजय राउत ने कहा कि सत्तारूढ़ भाजपा के नेता छत्रपति शिवाजी महाराज का अपमान करने में एक दूसरे के साथ प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं जैसे कि उन्हें केंद्रीय नेतृत्व द्वारा पुरस्कृत किया जाएगा। उन्होंने कहा, “भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि महाराज ने माफी मांगी थी, राज्यपाल बीएस कोश्यारी ने कहा कि शिवाजी महाराज पुराने दिनों के प्रतीक थे। अब एक मंत्री ने उनकी तुलना पार्टी और राज्य से गद्दारी करने वाले नेता से की है। पर्यटन मंत्री को कम से कम राज्य के इतिहास और उनके आइकन के बारे में पता होना चाहिए। शिवाजी महाराज का अध्ययन करने के लिए दुनिया भर से लोग यहां आते हैं और राज्य के पर्यटन मंत्री को इतिहास तक नहीं पता है।”