अगर निरंतर अच्छा प्रदर्शन कर रहे युवा शुभमन गिल (इस श्रृंखला के लिए आराम दिया गया) भी इस टीम में शामिल हो जायें तो कोच राहुल द्रविड़ के लिए भारतीय शीर्ष क्रम की पहेली को सुलझाना मुश्किल होगा।
अगले एक साल में ध्यान सिफ वनडे पर लगा होगा और 50 ओवर में भारत के रवैये में बड़े बदलाव की जरूरत है। कभी कभार ज्यादा विकल्प होना भी वास्तव में अच्छा सिरदर्द नहीं होता क्योंकि इससे ज्यादा भम्र की स्थिति उत्पन्न होती है। जब एक ही तरह के कौशल में कई विकल्प होते हैं तो कोच हर किसी को बराबरी के मौके देने का प्रयास करता है लेकिन इससे संतुलित लाइन अप नहीं बन पाती और जब कोई बड़ा टूर्नामेंट करीब ही हो तो यह आदर्श स्थिति नहीं है।
इस समय भारत की सफेद गेंद की टीम इसी दौर से गुजर रही है। कुछ साल पहले रोहित शर्मा और शिखर धवन भारत के वनडे में सलामी जोड़ीदार के रूप में पसंदीदा जोड़ी होती थी जिस पर बमुश्किल ही कोई सवाल पूछा जाता था या फिर उनके स्थान पर बहस की जाती थी। लेकिन धवन के पावरप्ले में धीमे खेल और गिल के आने से संभावनायें पैदा होनी ही थी। केएल राहुल शीर्ष क्रम में बल्लेबाजी करना पसंद करते हैं और उन्हें इसमें सफलता भी मिली है, लेकिन पूर्व कोच रवि शास्त्री के कार्यकाल के दौरान उन्होंने मध्यक्रम में कुछ मैच खेले
तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी कंधे में चोट के कारण बांग्लादेश के खिलाफ रविवार से शुरू होने वाली एकदिवसीय मैचों की श्रृंखला में नहीं खेल पाएंगे और उनकी जगह उमरान मलिक को टीम में शामिल किया गया है।
रोहित शर्मा (कप्तान), केएल राहुल (उपकप्तान), शिखर धवन, विराट कोहली, श्रेयस अय्यर, ऋषभ पंत (विकेटकीपर), ईशान किशन (विकेटकीपर), रजत पाटीदार, राहुल त्रिपाठी, अक्षर पटेल, वाशिंगटन सुंदर, कुलदीप सेन, उमरान मलिक, दीपक चाहर, शार्दुल ठाकुर, शाहबाज अहमद, मोहम्मद सिराज।
लिटन दास, अनामुल हक बिजॉय, शाकिबुल हसन, मुश्फिकुर रहीम, अफीफ हुसैन, यासिर चौधरी, मेहदी हसन मिराज, मुस्तफिजुर रहमान, तास्किन अहमद, हसन महमूद, इबादत हुसैन चौधरी, नासुम अहमद, महमूद उल्लाह, नजमुल हुसैन शांटो, काजी नुरूल हसन सोहन, शोरफुल इस्लाम।