महिला विशेष

18 साल में जीते 18 गरबा टाइटल बिना डांस सीखे

एक लड़की जो पहली बार छोटी सी जगह से निकलकर शहर पहुंची तो उस उल्टियां होने लगी। क्योंकि जीवन में उससे पहले उसने कभी डेढ़ घंटे का ट्रैवल नहीं किया। आज वही लड़की विदेश घूमते नहीं थकती। कई-कई घंटों का ट्रैवल उसके जीवन का हिस्सा है। आज कई-कई रात वो प्लेन में ही गुजर देती है। आज ‘ये मैं हूं’ में रेडियो जॉकी, मॉडल, एक्ट्रेस, टीवी एंकर, ऑथर, नेचुरोपैथी थेरेपिस्ट, योग इंस्ट्रक्टर, फैशन डिजाइनर सिमरन आहूजा की बात।

मैं महाराष्ट्र के एक बहुत ही छोटी जगह से ताल्लुक रखती हूं। पापा डायमंड फॉर्म में मैनेजर और मां हाउस वाइफ हैं। मैं पांच भाई-बहन हूं। मेरे एक भाई की बाइक एक्सीडेंट में मौत हो गई। मां कभी स्कूल नहीं गईं इसलिए बचपन से ही हम सारे भाई-बहनों को यह कह दिया गया था कि सबको डबल ग्रेजुएट होना है। एक बार स्कूल में डांस क्लास में शामिल हुई तो मां वापस ले आईं। वो चाहती थीं कि फोकस सिर्फ पढ़ाई पर हो। हालांकि मेरी पढ़ाई में दिलचस्पी नहीं थी। हम सारे भाई-बहन डबल ग्रेजुएट हैं। मैंने आगे भी पढ़ाई जारी रखते हुए मास्टर ऑफ फाइनेंस की डिग्री ली।

तीन या चार साल की रही होंगी, जब फैमिली ठाणे शिफ्ट हो गई। वहां कोएड में ही पढ़ाई कर रही थी लेकिन लड़कों से मेरी कोई बात नहीं होती थी। मैं बेहद शर्मीली और डरपोक बच्ची थी। दसवीं तक कोई एक्सपोजर नहीं मिला था। यहां तक कि मैं मुंबई भी कभी नहीं गई थी। नाइट आउट जैसे शब्द तो जीवन में था ही नहीं। कभी डांस नहीं सीखा लेकिन नवरात्रि के मौके पर पहली बार गरबा खेलने पहुंच गई। मेरे एक्सप्रेशन बहुत अच्छे थे। नवरात्रि के बारे में ज्यादा पता नहीं था। मैं पहली बार फर्स्ट रनरअप रही। मेरी खुशी का कोई ठिकाना नहीं था। मां इसलिए खुश थी कि चलो इसे गिफ्ट मिला।

मेरी बहन जय हिंद कॉलेज में थी। मैं अपनी बहन को बहुत फॉलो करती थी। जो वो करेगी मुझे भी वही करना था। बहन की वजह से ही मैंने भी जयहिंद कॉलेज में एडमिशन ले लिया। मुझे याद है, एडमिशन के लिए मैंने पहली बार डेढ़ घंटे का ट्रैवल किया था। कॉलेज पहुंचते-पहुंचते उल्टी होने लगी। क्योंकि मैंने कभी इतनी भागदौड़ और ट्रैवल नहीं किया था। न मुझे अंग्रेजी आती थी, न मुझमें कॉन्फिडेंस था। लेकिन मेरे कॉलेज के प्रिसिंपल और टीचर अच्छे थे। कॉलेज पहुंचकर चीजें बदलने लगी। मैं लगातार पांच साल क्लास रिप्रेजेंटिव रही। इस कॉलेज ने मेरी पर्सनालिटी को ग्रूम किया।

मेरी मां ने हमें योग, स्विमिंग, सिलाई, गाड़ी चलाने जैसे सारी एक्टिविटी सिखाई लेकिन स्पोर्ट्स, डांस, ब्यूटी जैसी चीजों के लिए परमिशन नहीं देती थीं। इंटर के दौरान मैंने बिना घर में बताए मिस मुंबई में भाग ले लिया। 1999 में मैं मिस मुंबई बन गई। ठीक वैसे ही, मैंने कभी ऑल इंडिया रेडियो नहीं सुना था। एक दिन ट्रैवेल के दौरान मुझे आरजे ऑडिशन का एड दिख गया। मैं बिना कुछ सोच ऑडिशन देने चली गई। ठीक से अंग्रेजी आती नहीं थी लेकिन मुझे अंग्रेजी में स्क्रिप्ट लिखना था। मैं जेनिफर लोपेज की बहुत बड़ी फैन थी तो मैंने उनके बारे में लिख दिया। मेरा प्रॉम्पट ऑन्सर उन्हें अच्छा लगा और उन्होंने मुझे रख लिया। एफएम रेनेबो पर मेरे शो आते थे, जो बहुत हिट रहे।

इस तरह मस्ती-मस्ती में दिए गए ऑडिशन के बाद मैं 6-7 साल तक पार्ट टाइम आरजे रही। इसी दौरान मुझे अलग-अलग जगहों से शो होस्ट के लिए ऑफर आने लगे। उनमें ज्यादातर शो रात में होते थे। मां जाने की इजाजत नहीं देती थी, इसलिए शुरू-शुरू में पापा और भाई साथ जाते थे। शो के ऑफर ज्यादा आने लगे। फिर हर दिन भाई या पापा का साथ जाना पॉसिबल नहीं था। ऐसे में मैंने मां से लड़ाई शुरू कर दी। तब कहीं मां राजी हुईं कि हां तुम अकेले जाकर शो कर सकती हो।

मुझे याद है, शो होस्टिंग में मेरा सबसे पहला शो राजू श्रीवास्तव के साथ था। लाइव शो था, कभी किया नहीं था। बहुत डरी थी लेकिन सब अच्छे से हो गया। उस शो के लिए मुझे 2 हजार रुपए मिले। फिर मेरे पास आमिर खान की फिल्म ‘रंग दे बंसती’ का प्रीमियर होस्ट करने का ऑफर आया।

होस्टिंग की दुनिया में मैं एकदम अनाड़ी थी, लेकिन सपने बड़े पाल रखे थे। एक-दो शो होस्ट करने के बाद ही IIFA होस्ट करने के लिए सोचने लगी। IIFA के ऑर्गेनाइजर लकी मोरानी मेरे काम से बहुत इम्प्रेस थे। मैंने उनसे IIFA होस्टिंग के लिए पूछा तो उन्होंने मुझे कहा कि हम रेड कार्पेट होस्टिंग के लिए भी सिर्फ एक्टर्स को लेते हैं। फिर 2017 में मुझे फिल्म फेयर रेड कार्पेट होस्टिंग का ऑफर आया। साथ में और शो भी चलते रहे। साल 2019 में मेरा सपना पूरा हुआ और मैंने आइफा होस्ट किया। तब से लगातार इस शो से जुड़ी हूं

मेरे घर में बचपन से ही स्प्रिचुअल और योग का माहौल रहा है। मेरी मां नेचुरल चीजों को अहमियत देती थीं और हमें भी वही सिखाया था। आरजे और शो होस्टिंग के दौरान भी मुझे कभी मेकअप की जरूरत नहीं पड़ी। एक तो मुझे लगता है कि मैं नेचुरली बहुत सुंदर हूं। दूसरे मेकअप की एबीसीडी भी नहीं आती थी। साल 2017 में पहली बार फिल्म फेयर रेड कार्पेट के लिए मेकअप किया था। वो भी फ्री में होना था तो करा लिया। उससे पहले 2013 में ब्यूटी पेजेंट के लिए पहली बार मेकअप किट खुद से खऱीदा था। लेेकिन उसके बाद भी मैंने मेकअप नहीं किया था क्योंकि वहां पैसे देने होते थे।

जब मैं कॉलेज में थी, उस वक्त मेरा एक कजिन पहली बार अमेरिका गया था। मेरे घर से पहली बार कोई विदेश गया था। मैं बहुत एक्साइटेड थी और मैंने अपने दोस्तों को बताया कि मेरा कजिन ‘अमिरिका’ गया है तो मेरे दोस्तों ने टोका और कहा कि ‘अमिरिका’ नहीं अमेरिका होता है। उस दिन से मैंने खुद की अंग्रेजी और उच्चारण पर काम करना शुरू कर दिया।

साल 2013 में इंटरनेशनल पेजेंट मिस इंडिया मैगेनिफिस्ट में भाग लिया। अमेरिका मैं भारत को रिप्रेजेंट करने का मौका मिला। उस शो के लिए जो फॉरेनर आए थे, वे मुझसे काफी इंप्रेस थे। उन्हें मेरी स्पीकिंग स्किल काफी पंसद आई थी। उन्हें यकीन नहीं हो रहा था कि कोई इंडियन इतनी अच्छी अंग्रेजी बोल सकता है। कल तक मुझे बोलना नहीं आता था लेकिन मेरे स्पीकिंग स्किल के लिए फुल मार्क्स मिले थे।

साल 2000 में मैंने पहली बार गरबा खेला था और टाइटल जीता था। तब से मैं लगातार गरबा खेल रही और अब तो लोगों को भी सीखाती हूं। मैं ‘राज गरबा’ नवरात्रि की कल्चरल एंबसेडर हूं। साल 2016 में मुझे पेरिस और दुबई में फ्रेंच लोगों को ‘राज गरबा’ सीखाने के लिए बतौर कल्चरल एंबसेडर बुलाया गया। गरबा के लिए मेरी दीवनगी को देखते हुए नेशनल अवॉर्ड विनिंग डायरेक्टर ने मेरे ऊपर ‘डांस लाइक गॉडेस’ फिल्म बनाई। यह एक शॉर्ट फिल्म थी,जो 2020 में लॉकडाउन के दौरान शेमारू पर आई। इस फिल्म को कोई फिल्म फेस्टिवल में काफी सराहा गया। मेरी डेब्यू फिल्म ‘जिंदगी तुमसे मैं’ है। मेरी एक और फिल्म आ रही है, जिसका नाम ‘सिमरन’ है।

नवरात्रि के ऊपर जो पहली किताब ‘नाइन नाइट्स ऑफ नवरात्रि’ लिखी गई है, वो मैंने लिखी है। यह किताब मैंने 2014 में लिखी थी, जिसे उस वक्त गुजरात की सीएम आनंदीबेन पटेल ने लॉन्च किया था। इसमें नवरात्रि में होने वाले डांस और उससे होने वाले हेल्थ बेनिफिट का जिक्र है। इस किताब की वजह बीबीसी लंदन ने मुझे इंटरव्यू करने के लिए बुलाया।

पिछला महीना मेरे लिए बहुत बिजी रहा। हॉलीवुड में बड़ा शो हुआ। जहां मैंने बतौर एंकर अपने देश को रिप्रजेंट किया। तीन दिन तक चले ‘भारत महोत्सव’ में मैंने 5 देशों में 50 शो किए। मैंने दुबई, लंदन, नार्वे, अमेरिका और ज्यूरिख में सारे शो किए। एंकरिंग के अलावा मैंने इन सारे ही स्टेज पर डांस परफॉर्मेंस भी दी है।