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सऊदी अरब में जिनपिंग का स्वागत देख जल जाएगा अमेरिका, प्रिंस ने आसमान से लेकर जमीन तक बिछाई ‘रेड कार्पेट’

जमीन से लेकर आसमान तक जिनपिंग को सलामी दी गई। जो देश कभी अमेरिका के इशारे पर चलता था वो आज उसके दुश्मन नंबर एक चीन के स्वागत में आसमान से लेकर जमीन तक रेड कार्पेट बिछा रहा है।

रिश्तों को नया बूस्ट देने के लिए चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग सऊदी अरब की यात्रा पर पहुंचे। जिनपिंग की यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब सऊदी और अमेरिका के रिश्तों में खटास देखने को मिली है। जिनपिंग ने गुरुवार को सऊदी अरब के शाह और क्राउन प्रिंस से उनके शाही महल में मुलाकात की। बताया जा रहा है कि इस मुलाकात का मकसद अपने देश की ऊर्जा आपूर्ति के लिए अहम क्षेत्र से संबंध को मजबूत करना था। ऐसा इसलिए भी है क्योंकि यूक्रेन में युद्ध के मद्देनजर रूस पर प्रतिबंध बढ़े हैं। इसमें कोई संदेह नहीं है कि सऊदी अब चीन के करीब जा रहा है। हालांकि इनकी दोस्ती देखकर अमेरिका जरूर जल रहा होगा।

सऊदी में प्रिंस और जिनपिंग की केमिस्ट्री देख क्यों जला अमेरिका?

सऊदी अरब ने जिनपिंग का बड़े ही धूमधाम से स्वागत किया। रियाद में चीनी राष्ट्रपति का ऐसा स्वागत किया गया कि बाइडन का स्वागत फीका पड़ गया। जमीन से लेकर आसमान तक जिनपिंग को सलामी दी गई। जो देश कभी अमेरिका के इशारे पर चलता था वो आज उसके दुश्मन नंबर एक चीन के स्वागत में आसमान से लेकर जमीन तक रेड कार्पेट बिछा रहा है। यही नहीं, सऊदी अरब अपनी सुरक्षा के लिए भी अमेरिका से हथियार खरीदता है लेकिन अब वही देश अमेरिका के दुश्मन को तोपों की सलामी दे रहा है।

सऊदी ने आसमान में बिखेरे चीनी झंडे के रंग

जैसे ही चीनी राष्ट्रपति का जहाज सऊदी के हवाई क्षेत्र में पहुंचा वैसे ही सऊदी की सेना अपने जहाजों से सलामी देने पहुंच गई। जिनपिंग के जहाज के बगल में सऊदी के फाइटर जेट अपने झंडे का रंग बिखेर रहे थे। जैसे ही जिनपिंग का जहाज सऊदी में लैंड किया वैसे ही सऊदी अरब की वायुसेना के और जहाज हवा में उड़ने लगे। अब वे चीनी झंडे के रंग को आसमान में बिखेर रहे थे। वहीं जमीन पर जिनपिंग को तोपों की सलामी दी जा रही थी। जिनपिंग के स्वागत के लिए खुद सऊदी प्रिंस पलक पावड़े बिछाए बैठे थे।

दोनों की केमिस्ट्री ऐसी थी जिसे देखकर जो बाइडन जरूर जल रहे होंगे। कहा जा रहा है कि जिनपिंग की ये यात्रा केवल तेल के लिए नहीं है। बल्कि अमेरिका को किनारे लगाने की एक बड़ी रणनीति है। जैसे ही शी रियाद में अल यामामा पैलेस पहुंचे, जहां शाह के उत्तराधिकारी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने उनका स्वागत किया, जो आने वाले दशकों में तेल-समृद्ध राज्य पर शासन करने के लिए तैयार हैं। शी ने क्राउन प्रिंस से हाथ मिलाया।

आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करेंगे चीन-सऊदी

चीन और सऊदी अरब ने शुक्रवार को एक संयुक्त बयान में सुरक्षा से लेकर तेल तक कई क्षेत्रों पर रणनीतिक साझेदारी का ऐलान किया। इसमें कहा गया है कि वे एक-दूसरे के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करते हुए एक-दूसरे का समर्थन करेंगे। यह समझौता अमेरिका और दोनों देशों के बीच तेल उत्पादन, मानवाधिकारों के हनन और अन्य मुद्दों पर बिगड़ते संबंधों के बीच आया है। लगभग 4,000 शब्दों का संयुक्त बयान आधिकारिक सऊदी प्रेस एजेंसी (एसपीए) द्वारा प्रकाशित किया गया था, और ऊर्जा, सुरक्षा, ईरान के परमाणु कार्यक्रम, यमन में संकट और यूक्रेन पर रूस के युद्ध सहित कई व्यापक वैश्विक मुद्दों पर सहमति व्यक्त की गई थी।