महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के बाद अब कर्नाटक में जीका वायरस की पुष्टि हुई है। कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री के सुधाकर ने कहा कि प्रदेश में इस तरह का यह पहला मामला है।
Zika Virus: महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के बाद अब कर्नाटक में जीका वायरस की पुष्टि हुई है। कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री के सुधाकर ने कहा कि प्रदेश में इस तरह का यह पहला मामला है। रायचूर जिले की एक पांच वर्षीय लड़की जीका वायरस से संक्रमित पाई गई। उन्होंने कहा कि सरकार सभी एहतियाती कदम उठा रही है।
पुणे की लैब रिपोर्ट के मुताबिक, कर्नाटक के रायचूर में एक 5 साल की बच्ची में जीका वायरस की पुष्टि हुई है और उसे एहतियाती कदम उठाने की सलाह दी गई है। मंत्री सुधाकर ने कहा, “राज्य में यह पहला मामला है और सरकार बहुत सावधानी से स्थिति की निगरानी कर रही है। हमारा विभाग इससे निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है।”
उन्होंने कहा, “हमें जीका वायरस के पुष्ट मामले के बारे में पुणे से एक लैब रिपोर्ट मिली है। 5 दिसंबर को उस पर कार्रवाई की गई और 8 दिसंबर को रिपोर्ट दी गई। तीन सैंपल भेजे गए जिनमें से दो निगेटिव और एक पॉजिटिव था, जो पांच साल की बच्ची है। हम निगरानी रख रहे हैं।’
भारत में जीका वायरस
पत्रकारों से बात करते हुए, उन्होंने बताया कि कुछ महीने पहले जीका वायरस के मामले केरल, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में पाए गए थे। “यह कर्नाटक में पहला पुष्ट मामला है। इसका खुलासा तब हुआ जब सीरम का डेंगू और चिकनगुनिया टेस्ट कराया गया। आमतौर पर ऐसे 10 प्रतिशत नमूने जांच के लिए पुणे भेजे जाते हैं, जिनमें से यह पॉजीटिव निकला है।
उन्होंने आगे कहा कि सरकार सावधानी बरत रही है और रायचूर और पड़ोसी जिलों में निगरानी (स्वास्थ्य विभाग) के अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए गए हैं कि वे किसी भी अस्पताल में संदिग्ध संक्रमण के मामले पाए जाने पर जीका वायरस परीक्षण के लिए नमूने भेजें।
जीका वायरस क्या है?
जीका वायरस एक संक्रमित एडीज मच्छर के काटने से फैलता है, जिसे डेंगू और चिकनगुनिया जैसे संक्रमण फैलाने के लिए भी जाना जाता है। इस वायरस की पहचान पहली बार 1947 में युगांडा में हुई थी। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, एडीज मच्छर आमतौर पर दिन के दौरान काटते हैं, जो सुबह के समय और दोपहर या शाम के समय चरम पर होता है।
गर्भवती महिलाओं के बेहद खतरनाक जीका वायरस
अधिकांश लोगों के लिए जीका वायरस का संक्रमण कोई गंभीर मुद्दा नहीं है। लेकिन गर्भवती महिलाओं के लिए यह बहुत खतरनाक हो सकता है, खासकर भ्रूण के लिए। संक्रमण से माइक्रोसेफली (मस्तिष्क की अक्षमता की स्थिति) या जन्मजात जीका सिंड्रोम नामक अन्य स्थितियां हो सकती हैं।