साल 2022 को खत्म होने में अब बस कुछ दिन ही बाकी है। हर कोई बेसब्री के साथ नए साल का इंतजार कर रहा है। वहीं ज्योतिष की नजर से देखें तो साल 2023 में कई बदलाव देखने को मिल रहे हैं। ज्योतिषियों के मुताबिक, 2023 में सावन का महीना एक नहीं बल्कि 2 महीने का होगा। ऐसा मलमास की वजह से हो रहा है। हिंदू पंचांग के मुताबिक, 2023 में 12 नहीं बल्कि 13 महीने होगा। मलमास या अधिक मास के कारण सावन का महीना दो महीन तक रहने वाला है। कहा जा रहा है कि ऐसा योग पूरे 19 साल बाद बन रहा है।
हिंदू कैलेंडर के मुताबिक, हर तीन साल में एक अतिरिक्त माह का प्राकट्य होता है, जिसे अधिकमास, मलमास या फिर पुरुषोत्तम के नाम से भी जाना जाता है। बता दें कि जब सूर्य एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं तो उसे संक्रांति कहा जाता है। सूर्य हर माह अपना राशि परिवर्तन करते हैं लेकिन जिस माह संक्रांति नहीं होती उसे अधिकमास या मलमास के नाम से जाना जाता है। मालूम हो कि मलमास के दिनों में किसी भी तरह का शुभ और मांगलिक कार्य नहीं किया जाता है।
हिंदू पंचाग के अनुसार, 2023 में मलमास 18 जुलाई से शुरू होगा, जो कि 16 अगस्त तक रहेगा। हर 32 महीने और 16 दिन बाद मलमास का महीना आता है। बता दें कि अधिकमास का स्वामी भगवान विष्णु को माना जाता है। इस दौरान भगवान नारायण की पूजा-अर्चना करने से भक्तों की हर इच्छा पूर्ण होती है। भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी की भी पूजा करनी चाहिए, इससे दोगुना फल की प्राप्ति होती है। मलमास महीने में दान-पुण्य, पूजा-पाठ, व्रत-उपवास, विष्णु मंत्रों का जाप जैसे धार्मिक कार्य करने चाहिए। मलमास में विष्णु जी की भक्ती और उपासना करने से हर पापों से मुक्ति मिलती है।