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बेंगलुरू से करीब सत्तर किलोमीटर दूर तुमकुरु जिले में एक ठेकेदार ने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली

उनके कारण अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राज्य की बसवराज बोम्मई सरकार पर फिर से भ्रष्टाचार के आरोप लगने शुरू हो गए थे।

मृतक की पहचान टीएन प्रसाद (50 वर्षीय) के रूप में हुई है। उन्हें 16 करोड़ रुपये की स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत एक सरकारी परियोजना को पूरा करने का काम सौंपा गया था।

इससे पहले अप्रैल में भी एक ठेकेदार ने आत्महत्या की थी, जिसमें बाद भारी विवाद हुआ था। इसके कारण केएस ईश्वरप्पाप को राज्य मंत्रिमंडल से इस्तीफा देना पड़ा था।आत्महत्या के मामले में ईश्वरप्पा का नाम सामने आया था। टीएन प्रसाद ने अपने आखिरी संदेशों (मैसेज) में अपनी मौत के लिए ईश्वरप्पा को जिम्मेदार ठहराया था। हालांकि, उन्हें मामले में अब बरी कर दिया गया है।
विपक्षी कांग्रेस राज्य सरकार के खिलाफ ‘पे सीएम’ अभियान चलाकर भ्रष्टाचार का मामला उठाती रही है। कांग्रेस बोम्मई के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार पर सार्वजनिक कार्यों पर चालीस फीसदी कमीशन लेने का आरोप लगाती रही है। कर्नाटक के मुख्यमंत्री इसे राजनीति से प्रेरित बताकर खारिज कर चुके हैं।
ताजा आत्महत्या के मामले में पुलिस सूत्रों का कहना है कि ठेकेदार सरकार का बकाया चुकाने में असफल था जिसके कारण वह उदास रहता था। साहूकारों के दबाव ने उसे बंगले में अपना जीवन खत्म करने का चरम कदम उठाने के लिए मजबूर किया। इसी इमारत की वह मरम्मत कर रहा था।
एक जांच अधिकारी ने कहा, उसने गुरुवार को आत्महत्या की। सीआरपीसी की धारा 174 के तहत शुक्रवार को अप्राकृतिक मौत के लिए मामला दर्ज किया गया। ठेकेदार संघ के अध्यक्ष बलराम ने कहा कि उस व्यक्ति पर भारी कर्ज था। उसने कर्ज चुकाने के लिए पांच महीने पहले अपना घर भी बेच दिया था।
मृतक के एक ठेकेदार दोस्त राजेंद्र ने कहा, बिलों की मंजूरी बकाया थी। इसमें काफी देर हो गई थी। जब वह कल मुझे इस बारे में बात कर रहे थे तो बहुत उदास थे। उन्होंने मैं बिलों को मंजूरी देने के लिए दर-दर भटक रहा हूं, लेकिन इसमें देरी हो रही है।