भारतीय मूल की एक महिला को सिंगापुर में 14 साल के कारावास की सजा सुनाई गई है। महिला पर आरोप था कि उसने अपनी बेटी के साथ मिलकर 2016 में एक नौकरानी को प्रताड़ित किया। नौकरानी की मस्तिष्क की चोट के कारण मृत्यु हो गई थी।
नवंबर 2021 में प्रेमा एस. नारायणसामी (64 वर्षीय) को 48 आरोपों में दोषी ठहराया गया। इनमें से ज्यादातर मामले घरेलू हिंसा के थे। म्यांमार की 24 वर्षीय नागरिक पियांग नगैह डॉन ने भी उन पर मारपीट के आरोप लगाए थे।
प्रेमा की बेटी गायित्री मुरुगयन (41 वर्षीय) को साल 2021 में तीस साल की सजा सुनाई गई थी। यह सिंगापुर नौकरानी के साथ दुर्व्यवहार के मामले में सबसे लंबी सजा थी।
मस्तिष्क पर चोट के कारण डोन की 26 जुलाई 2016 को मृत्यु हो गई थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रेमा नौकरानी पर पानी डालती थी, उसे लात-मुक्के और थप्पड़ मारती थी, उसकी गर्दन को पकड़ती थी और उसके बांलों को खींचकर सिर को घुमाती थी। प्रेमा ने नौकरानी को उसका शौचालय इस्तेमाल करते देखा तो उसे डिटर्जेंट की बोतल जैसे औजारों से पीटा।
रिपोर्ट में बताया गया है कि नौकरानी ने मई 2015 में इस परिवार के लिए काम करना शुरू किया था। तब उसका वजन 39 किलोग्राम था, लेकिन जब उसकी मृत्यु हुई तो उसका वजन केवल 24 किलोग्राम था।
मौत से कुछ दिन पहले उसे रात में खिड़की की ग्रिल से बांध दिया गया था। जब उसने कूड़ेदान से खाना निकालने की कोशिश की तो फिर उसके साथ मारपीट की। अभियोजकों ने प्रेमा के लिए 14 से 16 साल की जेल की सजा की मांग की थी। उप लोक अभियोजक सेंथिल कुमार सबपति ने कहा, जेल की सजा की मांग का आधार अपराधों की चौंकाने वाली जघन्य प्रकृति थी।