बॉलीवुड

हितेन तेजवानी की एक और कोशिश नाकाम

Movie Review
जिंदगी शतरंज है
कलाकार
हितेन तेजवानी , हेमंत पांडे , कविता त्रिपाठी , शावर अली , पंकज बेरी और आशुतोष कौशिक
लेखक
एम.सलीम
निर्देशक
दुष्यंत प्रताप सिंह
निर्माता
आनंद प्रकाश , मृणालिनी सिंह और फहीम आर कुरैशी
रिलीज डेट
20 जनवरी 2023
रेटिंग 1/5

विस्तार

कबूतरबाजी मामले से बरी होने के बाद दलेर मेहंदी फिल्म ‘जिंदगी  शतरंज है’ के एक गाने ‘मामला सब गड़बड़ है’ में नजर आए हैं। ‘जिंदगी शतरंज है’ का यह गाना दलेर मेहंदी और अर्जुम्मन मुगल पर फिल्माया गया है। फिल्म की शुरुआत इसी गाने से होती है और जिस तरह से ‘मामला सब गड़बड़ है’ गीत है, उसी तरह से फिल्म का मामला भी शुरू से ही गड़बड़ हो जाता है। दरअसल, दलेर मेहंदी जिस लटके झटके और भांगड़ा के लिए जाने जाते हैं उस हिसाब से उनकी कला का इस्तेमाल करने से फिल्म के निर्देशक चूक गए और फिल्म की कहानी पति पत्नी के रिश्ते पर आकर ठहर जाती है। पूरी फिल्म की कहानी एक जगह ही ठहरी रहती है। और, कहानी बस इतनी सी है कि एक पत्नी जिसे अपना पति मानने से इंकार कर रही है, वह साबित नहीं कर पाती है कि ये शख्स उसका पति नहीं है।

जिंदगी शतरंज है रिव्यू
जिंदगी शतरंज है रिव्यू – फोटो : अमर उजाला, मुंबई

कहने भर को थ्रिलर फिल्म
‘जिंदगी शतरंज है’ कहने भर को एक थ्रिलर फिल्म है। कविता अपने पति विशाल को एयरपोर्ट छोड़कर आती है और जैसे ही वह घर पर पहुंचती है तो पता चलता है कि फ्लाइट कैंसिल हो गई और उसका पति विदेश गया ही नहीं। कविता जब अपने पति को सामने देखती है, तो उसके चेहरे का रंग उड़ जाता है, क्योंकि उसके सामने जो शख्स खड़ा है वह उसका पति विशाल नहीं बल्कि कोई और विशाल है, जो दावा करता है कि वही कविता  का पति है, फिर कहानी में पुलिस की एंट्री होती और जो बहरूपिया कविता के घर में उसका पति बनकर घुसा है वह हर तरह से साबित करता है कि वही कविता का पति है और पुलिस भी इस बात को मान लेती है।

जिंदगी शतरंज है रिव्यू
जिंदगी शतरंज है रिव्यू – फोटो : अमर उजाला, मुंबई

सबूतों के भंवरजाल में अटकी कहानी
‘जिंदगी शतरंज है’ में एक पत्नी की दर्द और पीड़ा है। वह अच्छी तरह से जानती है कि उसके घर में उसका पति बनकर जो घुस गया है, वह उसका पति नहीं है, लेकिन पुलिस के सामने कोई सबूत नहीं पेश कर पाती है। घर के फैमिली फोटो में भी उसी शख्स का फोटो हैं, यहां तक कि उसके मोबाइल में भी उसी शख्स का ही फोटो नजर आता है। घर का नौकर भी बहरुपिये शख्स को ही अपना मालिक ही मानता है और फिल्म देखने वाले दर्शक भी यह मान लेते हैं कि वही उसका असली पति है। शायद मानसिक बीमारी की वजह कविता उसे नहीं पहचान पाती है, लेकिन बार यही सवाल खटकता है कि जिसे कविता एयरपोर्ट पर छोड़कर आई थी आखिर में वह शख्स कौन था?

जिंदगी शतरंज है रिव्यू
जिंदगी शतरंज है रिव्यू – फोटो : अमर उजाला, मुंबई

इंटरवल से पहले ही बोरिंग हुई फिल्म
फिल्म के निर्देशक दुष्यंत प्रताप सिंह फिल्म की शुरुआत से सस्पेंस बरकरार रखने की कोशिश करते रहते हैं लेकिन फिल्म की कहानी इंटरवल से पहले एक जगह ही रुक कर रह जाती है। कविता पुलिस को बार बार फोन करके अपने घर बुलाती है और दावा करती रहती है कि जो शख्स उसका पति बनकर घर में रह रहा है, वह उसका पति नहीं है,लेकिन हर बार पुलिस को उसके खिलाफ कोई सबूत नहीं मिलता और जिंदगी शतरंज की तरह फिल्म की कहानी भी उलझ कर रह जाती है। पूरी फिल्म की कहानी इसी के इर्द गिर्द घूमती है कि बार बार पुलिस आती है और उसे कोई सबूत नहीं मिलता है।

जिंदगी शतरंज है रिव्यू
जिंदगी शतरंज है रिव्यू – फोटो : अमर उजाला, मुंबई

गीत संगीत में मार खाई फिल्म
दलेर मेहंदी का गाना ‘मामला सब गड़बड़ है’ फिल्म के शुरुआत में आता है। यह गाना दलेर मेहंदी ने खुद ही गाया है और दलेर मेहंदी और अर्जुमन मुगल पर फिल्माया गया है, फिल्म देखने के बाद समझ में नहीं आया कि दलेर मेहंदी के गाने को फिल्म में डालने का औचित्य क्या था? फिल्म को प्रमोट करने का चलन हो है लेकिन दलेर मेहंदी जिस लटके झटके और भांगड़ा के लिए जाने जाते हैं उस हिसाब से उनकी कला का इस्तेमाल करने से फिल्म के निर्देशक चूक गए। इंटरवल के बाद ब्रूना अब्दुल्ला पर एक गीत फिल्माया गया है,जो कहानी को थोड़ा आगे बढ़ाती है,लेकिन गाने के बोल ऐसे हैं कि फिल्म देखने के बाद याद नहीं रहते हैं।

जिंदगी शतरंज है रिव्यू
जिंदगी शतरंज है रिव्यू – फोटो : अमर उजाला, मुंबई

नहीं दिखा हितेन का तेज
छोटे पर्दे के कई धारावाहिकों में काम कर चुके हितेन तेजवानी ने बहरुपिये पति का किरदार निभाया है लेकिन फिल्म के क्लाइमेक्स  में उनका एक अलग ही रूप निकलकर आता है। जहां तक उनके एक्टिंग की बात रही तो कई जगह वह लाउड एक्टिंग करते नजर आए, वही कविता त्रिपाठी के चेहरे पर बेबसी की वह झलक नहीं दिखी, जो हर बार पुलिस के सामने यह सिद्ध नहीं कर पाती कि जो शख्स पति बनकर उसके घर में है,वह उसका पति नहीं। फिल्म के बाकी कलाकारों में हेमंत पांडे, शावर अली, पंकज बेरी, जैद शेख, राजकुमार कनौजिया, आशुतोष कौशिक ने बस किसी तरह अपना काम निपटा लिया। इनके परफॉर्मेंस में ऐसी कोई बात नजर नहीं आई जो फिल्म देखने के बाद याद रह जाए।