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अमेरिकी राष्ट्रपति के घर से मिलीं गोपनीय फाइलों में क्या?

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन बड़ी मुश्किलों में फंस गए हैं। बाइडेन पर गोपनीय फाइलों को अपने निजी दफ्तर और घर में रखने का आरोप है। 20 जनवरी को बाइडेन के घर पर एक बार फिर से छापेमारी की गई। अमेरिकी न्याय विभाग की छापेमारी के दौरान बाइडन के घर से छह और गोपनीय दस्तावेज मिले हैं जो उनकी मुश्किलें और बढ़ा सकते हैं। इस बात की पुष्टि बाइडन के निजी वकील बॉब बाउर ने की है। वकील बॉब बाउर ने बताया कि यह तलाशी करीब 12 घंटे तक चली।

इसके पहले भी बाइडेन के घर और निजी दरफ्तर पर छापेमारी हो चुकी है। तब डेलावेयर स्थित घर और वॉशिंगटन ऑफिस से आठ साल पुरानी खुफिया फाइलों के 20 सेट मिले थे। अब उन पर ये बताने के लिए दबाव बनाया जा रहा है कि आखिर उन्होंने ये फाइल्स सरकारी दफ्तर की बजाय अपने घर में क्यों रखीं? इन फाइल्स की जांच करने के लिए अमेरिका के जस्टिस डिपार्टमेंट ने एक स्पेशल काउंसिल को नियुक्त किया है।

सवाल ये भी उठ रहा है कि आखिर इन फाइलों में ऐसा क्या है जिसे बाइडेन को छिपाने की जरूरत पड़ गई? अगर बाइडेन इस मामले में दोषी मिलते हैं तो उनके खिलाफ क्या कार्रवाई हो सकती है? क्या इसके लिए अमेरिकी राष्ट्रीय को जेल की हवा खानी पड़ सकती है? आइए समझते हैं.

दो नवंबर को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के डेलावेयर स्थित घर और वॉशिंगटन के ऑफिस में अमेरिकी न्याय विभाग ने छापेमारी की थी। बाइडेन पर उपराष्ट्रपति रहते हुए गोपनीय फाइलों को अपने निजी घर और दफ्तर में छिपाने का आरोप है। उस वक्त उनके घर और दफ्तार से आठ साल पुरानी खुफिया फाइलों के 20 सेट मिले थे। अब फिर से 20 जनवरी को न्याय विभाग ने बाइडेन के डेलावेयर स्थित घर पर छापेमारी की। 13 घंटे तक चली इस छापेमारी में छह और गोपनीय फाइलें मिलीं हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, जब बाइडेन के घर की तलाशी ली जा रही थी, उस समय बाइडेन या उनकी पत्नी घर पर नहीं थे।
अब जानिए फाइलों में क्या है? 
इस बारे में मीडिया ने राष्ट्रपति बाइडेन से पूछा तो उन्होंने कुछ भी जानकारी होने से साफ इंकार कर दिया। बाइडेन ने कहा है कि उन्हें नहीं पता है कि इन फाइलों में क्या है। हालांकि, कुछ अमेरिकी मीडिया का दावा है कि पहली 10 फाइलों के सेट में यूक्रेन, ईरान और ब्रिटेन से जुड़ी कुछ खुफिया जानकारियां हैं। ये फाइलें उस समय की हैं जब बाइडेन अमेरिका के उप-राष्ट्रपति थे। दवा किया गया है कि इन फाइलों में 2015 में हुई बाइडेन के बेटे बीयू बाइडेन की मौत की जानकारियां भी शामिल हैं।

जब ये फाइलें मिली तो उन पर टॉप सीक्रेट का लेबल लगा हुआ था। हालांकि डॉक्यूमेंट्स के दूसरे सेट में क्या है इस पर किसी के पास ज्यादा जानकारी नहीं है। वहीं, बाइडेन के वकील ने बताया है कि इन फाइलों में आठ साल पहले के ओबामा-बाइडेन के कार्यकाल के दौरान के कुछ दस्तावेज हैं।  वहीं, 20 जनवरी को मिली फाइलों में से कुछ फाइलें तो उस समय की हैं, जब बाइडेन सीनेटर हुआ करते थे। वहीं, कुछ तब की हैं, जब आठ साल पहले वो उप-राष्ट्रपति थे।

तलाशी में खुफिया फाइलों के अलावा कुछ हाथ से लिखे नोट्स और उसके आसपास रखा दूसरा सामान भी बरामद किया गया है। वहीं, बाइडेन के वकील बॉब बॉयर ने कहा कि खुद राष्ट्रपति ने न्याय विभाग के अधिकारियों को दोबारा से घर की तलाशी के लिए बुलाया था। न्याय विभाग ने अपील की थी कि जब तक घर की जांच पूरी न हो जाए, तब तक इस बात को सार्वजनिक न किया जाए।

न्याय विभाग की छापेमारी को लेकर 19 जनवरी को ही मीडिया ने राष्ट्रपति बाइडेन से पूछा था। तब बाइडेन ने कहा था कि उन्हें फाइलें मिलने का कोई अफसोस नहीं है। उनके इस बयान पर रिपब्लिकन पार्टी ने उनकी कड़ी आलोचना की थी, कुछ लोगों ने इसे बेवकूफी भरा बयान बताया था।

बाइडन ने आगे कहा कि जांच में हम पूरी तरह से सहयोग कर रहे हैं और इसे जल्दी से हल करने के लिए उत्सुक हैं। मुझे लगता है कि आप पाएंगे कि वहां कुछ भी नहीं है। मुझे कोई पछतावा नहीं है। वकीलों ने मुझे जो बताया है, मैं उसका पालन कर रहा हूं।

अब आगे क्या होगा, कैसे होगी जांच? 
राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के यहां 10 हजार से ज्यादा अफसर और कर्मचारी काम करते हैं। ऐसे में सबसे पहले न्याय विभाग की टीम इस बात का पता लगाएगी कि जिन फाइलों को बाइडेन के घर और निजी दफ्तर से बरामद किया गया है, उसे कौन सा अफसर और कर्मचारी संभाल रहा था। इसके बाद उन अफसरों से पूछताछ होगी जो राष्ट्रपति या उपराष्ट्रपति बदलने पर पुराने नेताओं से दस्तावेज लेने का काम करते हैं। क्योंकि इन दस्तावेजों को संबंधित विभाग के स्टोर में रखने की जिम्मेदारी भी इन्हीं अफसरों की होती है। ये बातें मालूम होने के बाद ही बाइडेन पर लगे आरोप पर स्थिति स्पष्ट हो पाएगी।
क्या बाइडेन को जेल होगी? 
इसे समझने के लिए हमने विदेश मामलों के जानकार डॉ. आदित्य पटेल से बात की। उन्होंने कहा, ‘अमेरिका के क्रिमिनल कोड में गोपनीय फाइलों को गैर कानूनी तरीके से अपने पास रखना या गलत तरीकों से उन्हें कहीं से हटाना अपराध समझा जाता है। हालांकि, बाइडेन के मामले में कुछ फैक्ट्स ऐसे हैं, जिन्हें जानना जरूरी है।’

आदित्य कहते हैं, ‘जब तक ये साबित न हो जाए कि बाइडेन ने इन फाइलों को जानबूझकर छिपाया था, तब तक उनपर मुकदमा नहीं दर्ज हो सकता है। चूंकि वह पहले उपराष्ट्रपति और अब राष्ट्रपति हैं ऐसे में इन तथ्यों का सामने आना जरूरी है। हालांकि अगर ऐसा साबित हो भी जाता है तो भी न्याय विभाग की स्टैंडिंग पॉलिसी के तहत बाइडेन के खिलाफ कोई आपराधिक मुकदमा दर्ज होने से रोक लग जाएगी। मतलब बाइडेन पर इस केस का इसका कोई असर नहीं होगा।’

ट्रंप के घर भी मिले गुप्त दस्तावेज
ट्रंप के घर से कुछ गुप्त क्लासिफाइड फाइलें मिली हैं जिसके बाद से उनके ऊपर जांच का खतरा मंडराने लगा है। हालांकि, इस मामले में अब डोनाल्ड ट्रंप का भी बयान सामने आ गया है। उन्होंने कहा कि मुझे पता है कि इन फाइलों को कुछ नफरती संघीय अधिकारियों द्वारा प्लांट किया गया है ताकि वे मुझे फंसा सकें। लेकिन मैं इसे हल्के में ले रहा हूं क्योंकि मुझे पता है कि ये सब मुझे फंसाने के लिए किया गया है और इसमें कोई भी सबूत नहीं है। उन्होंने कहा कि मैं अपने राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान कुछ भी गलत नहीं किया। यह सब मेरे खिलाफ साजिश रचने की योजना है।