पाकिस्तान के पेशावर में पुलिस लाइंस इलाके में स्थित एक मस्जिद में आत्मघाती हमलावर ने खुद को उड़ा लिया। बताया गया है कि इस धमाके में 32 लोगों की मौत हुई, वहीं करीब 150 लोग घायल हुए हैं। यह धमाका दोपहर 1.40 बजे हुआ।
सुरक्षा अधिकारियों के मुताबिक, एक आत्मघाती हमलावर ने मस्जिद में नमाज के ठीक बाद खुद को उड़ा लिया। इससे नमाज के लिए आगे खड़े लोग बुरी तरह घायल हो गए। घायलों को पेशावर के ही लेडी रीडिंग अस्पताल में भर्ती कराया गया है। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 13 लोगों की हालत नाजुक बनी हुई है।
अधिकारियों के मुताबिक, इलाके को सील कर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया गया है। इस घटना को लेकर पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान का बयान आया है। उन्होंने घटना में जान गंवाने वालों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की। उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ खुफिया तंत्र को मजबूत करने और पुलिस फोर्स को और उपकरण मुहैया कराने की मांग की।
प्रत्यक्षदर्शी ने कहा कि घायलों में ज्यादातर पुलिसकर्मी हैं। फिलहाल किसी उग्रवादी समूह ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। हालांकि, अवैध तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान, जिसे पाकिस्तान तालिबान के रूप में जाना जाता है, ने अतीत में सुरक्षाकर्मियों को निशाना बनाते हुए कई आत्मघाती हमले किए हैं।
पेशावर के पुलिस अधीक्षक (जांच) शाजाद कौकब, जिनका कार्यालय मस्जिद के करीब है, ने मीडिया को बताया कि विस्फोट तब हुआ, जब वह नमाज अदा करने के लिए मस्जिद में दाखिल हुए थे। उन्होंने कहा कि वह किस्मत से हमले में बाल-बाल बच गए।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि मस्जिद का एक हिस्सा ढह गया और इसके नीचे कई लोगों के दबे होने की आशंका है। उन्होंने बताया कि घायलों को पेशावर के लेडी रीडिंग अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पेशावर के अस्पतालों में आपात स्थिति घोषित कर दी गई है। अस्पताल ने नागरिकों से पीड़ितों के लिए रक्तदान करने की अपील की है।
पेशावर विस्फोट के बाद इस्लामाबाद समेत अन्य प्रमुख शहरों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। कार्यवाहक मुख्यमंत्री आजम खान ने हमले की निंदा की और शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ ने ट्वीट किया कि पीड़ित परिवारों के साथ प्रार्थना और संवेदनाएं हैं। यह जरूरी है कि हम अपनी खुफिया जानकारी जुटाएं और आतंकवाद के बढ़ते खतरे से निपटने के लिए अपने पुलिस बलों को उचित तरीके से लैस करें। पिछले साल शहर के कोचा रिसालदार इलाके में एक शिया मस्जिद के अंदर इसी तरह के हमले में 63 लोग मारे गए थे।