आर्थिक समस्याओं से घिरे बांग्लादेश के लिए एक अच्छी खबर है। एक ताजा अनुमान के मुताबिक बांग्लादेश जल्द ही यूरोपियन यूनियन (ईयू) को वस्त्र का सबसे बड़ा निर्यातक बनने वाला है। अभी तक यह दर्जा चीन के पास है, लेकिन संभावना है कि बांग्लादेश चीन से यह हैसियत हड़प लेगा। समझा जाता है कि यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद यूरोपीय देशों ने चीन पर अपनी निर्भरता घटाने की नीति अपनाई है। उसका लाभ बांग्लादेश को मिल रहा है।
विशेषज्ञों के मुताबिक, ईयू को वस्त्र निर्यात बढ़ने से बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था को बड़ा लाभ होगा। बांग्लादेश की खास पहचान रेडीमेड कपड़ों के निर्यात के क्षेत्र में रही है। रेडीमेड कपड़ों के निर्यात का देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 20 प्रतिशत योगदान है। जबकि निर्यात से होने वाली कुल कमाई में इस उद्योग का हिस्सा 80 फीसदी से भी ज्यादा है।
ईयू के आधिकारिक आंकड़ों (यूरोस्टैट) के मुताबिक, 2022 के पहले नौ महीनों में ईयू के लिए बांग्लादेश के निर्यात में 42 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। इससे बांग्लादेश को 19.4 बिलियन डॉलर की आय हुई। इस दौरान चीन का निर्यात 22 फीसदी बढ़ा। चीन को ईयू को हुए वस्त्र निर्यात से 25.5 बिलियन डॉलर की आमदनी हुई।
बांग्लादेश गारमेंट मैनुफैक्चरर्स एंड एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन (बीजीएमईए) के उपाध्यक्ष शहीदुल्लाह अजीम के मुताबिक, चीन और अमेरिका के बीच चल रहे व्यापार युद्ध का लाभ बांग्लादेश को मिला है। इस वजह से पश्चिमी देशों के बहुत वैसे ऑर्डर अब बांग्लादेश को मिल रहे हैं, जो पहले चीन के उत्पादकों को मिलते थे। पश्चिमी देशों में आम ट्रेंड चीनी सप्लायरों पर निर्भरता घटाने का है। इसके तहत उन्होंने वस्त्र से लेकर इलेक्ट्रॉनिक्स और स्मार्टफोन तक के आर्डर अन्य देशों को दे रहे हैं।
ईयू की बड़ी कंपनियों एचएंडएम, प्राइमार्क, जारा, जी-स्टार रॉव और मार्क्स एंड स्पेंसर्स के वस्त्र बांग्लादेश में बनाए जाते हैँ। वस्त्र उद्योग इस समय बांग्लादेश के लिए बड़ा सहारा बन कर सामने आया है, जब वह विदेशी मुद्रा भंडार मे गिरावट की समस्या झेल रहा है। इस संकट से उबरने की कोशिश में उसे अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के पास जाना पड़ा। आईएमएफ ने बांग्लादेश के लिए 4.7 बिलियन डॉलर का कर्ज मंजूर किया था, जिसकी पहली किस्त इसी महीने भुगतान किया गया है।
बांग्लादेश उन 45 देशों में है, जिन्हें ईयू के बाजारों के लिए शुल्क मुक्त निर्यात करने की सुविधा मिली हुई है। इसके सुविधा के तहत हथियार और गोलाबारूद छोड़ कर बाकी किसी निर्यात पर ईयू में शुल्क नहीं वसूला जाता। चीन को यह सुविधा प्राप्त नहीं है। इसलिए चीन में बने उत्पाद ईयू में अपेक्षाकृत महंगे हो जाते हैं।
वस्त्र सहित कई वस्तुएं बनाने वाली निजी क्षेत्र की कंपनी टैड ग्रुप के प्रबंध निदेशक अशीकुर रहमान तुहिन ने एक वेबसाइट कोबताया कि ईयू में शून्य शुल्क के कारण खरीदार बांग्लादेश में बने उत्पादों को खरीदना पसंद करते हैँ। शहीदुल्लाह अजीम ने कहा है- बांग्लादेश अब उच्च श्रेणी की वस्तुएं भी निर्मित कर रहा है। इससे ईयू के बाजार में अपना हिस्सा बढ़ाने में उसे मदद मिल रही है।