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महंत ठाकुर बनेंगे नेपाल के नए राष्ट्रपति?

नेपाल में राष्ट्रपति चुनाव के लिए पर्चा दाखिल करने की तारीख करीब आने के साथ ही जिन नामों में सहमति बनने के कयास लगाए जा रहे हैं, उनमें महंत ठाकुर सबसे ऊपर हैं। ठाकुर लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी के नेता हैं। उनके नाम पर सत्ताधारी गठबंधन की दो सबसे बड़ी पार्टियों के बीच सहमति बनने के संकेत मिले हैं। खबरों के मुताबिक प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल की कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (माओइस्ट सेंटर) और पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (यूएमएल) दोनों को महंत ठाकुर के नाम पर एतराज नहीं है।

लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी की कार्यसमिति के सदस्य केशव झा ने रविवार को कहा कि ठाकुर को सर्व सम्मति से उम्मीदवार बनाने के लिए नेपाली कांग्रेस के साथ भी बातचीत चल रही है। उन्होंने कहा कि माओइस्ट सेंटर और यूएमएल नेताओं से हुई बातचीत के दौरान संकेत मिला कि दोनों पार्टियां ठाकुर को सही उम्मीदवार मानती हैं। झा ने कहा- अन्य पार्टियों का रुख भी सकारात्मक है। वैसे इस बारे में अंतिम फैसला माओइस्ट सेंटर, यूएमल और नेपाली कांग्रेस के रुख से ही तय होगा।

झा ने दावा किया कि ठाकुर का नाम सामने आने पर ओली ने टिप्पणी की कि इनको लेकर ‘हमें आगे बढ़ना चाहिए।’ राष्ट्रपति पद को लेकर गतिरोध प्रधानमंत्री दहल के रुख से पैदा हुआ। पिछले 25 दिसंबर को जब नया गठबंधन बनाने पर रजामंदी हुई थी, तब इसमें शामिल सातों पार्टियों के बीच राष्ट्रपति पद यूएमएल को देने पर सहमति बनी थी। लेकिन बाद में दहल इससे मुकर गए और इस पद को लेकर नए सिरे से राजनीतिक आम सहमति बनाने की मांग करने लगे।

यूएमएल सूत्रों के मुताबिक ओली ने इस पद पर अपनी पार्टी का दावा अभी छोड़ा नहीं है। यूएमएल में दहल के बदले रुख को लेकर नाराजगी के संकेत भी हैं। पार्टी के कुछ नेताओं ने आरोप लगाया है कि दहल एक साथ दो नावों की सवारी कर रहे हैं। सत्ताधारी गठबंधन में रहते हुए वे नेपाली कांग्रेस को भी साधने की कोशिश कर रहे हैं। इसीलिए उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव को लेकर विवाद खड़ा किया है।

उधर नेपाली कांग्रेस के नेता दावा कर रहे हैं कि उनका उम्मीदवार ही राष्ट्रपति बनेगा। उनके मुताबिक पार्टी ने यह पद पाने की रणनीति के तहत ही विश्वास मत प्रस्ताव पर दहल सरकार के पक्ष में मतदान किया था। उनके मुताबिक दहल यूएमएल को राष्ट्रपति पद नहीं देना चाहते, क्योंकि उनकी राय है कि वर्तमान राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी सर्वोच्च पद पर रहते हुए भी यूएमल यूएमएल के हितों के मुताबिक करती रहीं।

उधर लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी में महंत ठाकुर के करीबी नेता सुरेंद्र कुमार झा ने अखबार काठमांडू पोस्ट को बताया कि दहल ने हाल में निजी वार्ताओं में कहा कि पिछले दो राष्ट्रपति बड़ी पार्टियों से आए थे, इसलिए इस बार यह पद किसी छोटी पार्टी को मिलना चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि महंत ठाकुर एक तटस्थ छवि वाले नेता हैं। इसलिए उन्हें राष्ट्रपति बनाना एक सही कदम होगा।

इसके पहले बीते दस फरवरी को ओली ने महंत ठाकुर से मुलाकात की थी। तब उनका मकसद राष्ट्रपति चुनाव में लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी का समर्थन हासिल करना था।