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Imran Khan की गिरफ्तारी पर साथ देने से किया इनकार, पाकिस्तान के इस अधिकारी ने दिया इस्तीफा

पाकिस्तान में इमरान खान की गिरफ्तारी को लेकर जारी विवाद बढ़ता ही जा रहा है. पाकिस्तान की एंटी-करप्शन वॉचडॉग के प्रमुख ने इमरान खान को गिरफ्तार करने की कार्रवाई में शामिल होने से इनकार करते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. बताया जा रहा है कि उन पर गिरफ्तारी को लेकर दबाव बनाया जा रहा था.

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के अध्यक्ष इमरान खान के ऊपर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है. पड़ोसी मुल्क की शहबाज शरीफ सरकार किसी भी कीमत पर जल्द से जल्द इमरान को गिरफ्तार कराना चाहती है. इसके लिए सरकार हर जतन कर रही है. हाल ही में 17 फरवरी को लाहौर पुलिस इमरान को गिरफ्तार करने के लिए उनके जमान पार्क इलाके में स्थित घर पहुंची थी. हालांकि, PTI समर्थकों के हंगामे के बाद उन्हें खाली हाथ वापस लौटना पड़ा था. अब इमरान की गिरफ्तारी का दबाव बनाने पर एक अधिकारी के इस्तीफा देने का मामला सामने आया है.

इस्तीफा देते हुए पाकिस्तान की एंटी-करप्शन वॉचडॉग के प्रमुख ने कहा कि सरकार उनसे वह काम करने के लिए कह रही थी, जो उन्हें मंजूर नहीं था. पाकिस्तान की मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि NAB के अध्यक्ष आफताब सुल्तान ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्हें जुलाई 2022 में जावेद इकबाल के रिटायरमेंट के बाद यह जिम्मेदारी मिली थी. आफताब का कार्यकाल 3 साल का था, लेकिन उन्होंने एक साल पूरे होने से पहले ही पद छोड़ दिया.

अपने इस्तीफे के बाद आफताब ने पाकिस्तान के न्यूज चैनल जियो टीवी को एक इंटरव्यू दिया. उन्होंने कहा कि वह ऐसा काम बिल्कुल नहीं करना चाहते जो उनके जमीर को मंजूर न हो. इसलिए उन्होंने पद छोड़ देना ही ठीक समझा. फिलहाल आफताब ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि उन्हें ऐसा कौन सा काम करने के लिए कहा जा रहा था, जो वह नहीं करना चाहते थे. लेकिन सूत्रों के मुताबिक उन पर इमरान खान को गिरफ्तार करने का दबाव बनाया जा रहा था. पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार लगातार आफताब से इमरान को गिरफ्तार करने के लिए कह रही थी. हालांकि, शहबाज सरकार ने आफताब के इस्तीफे का कारण व्यक्तिगत बताया है.

आफताब के इस्तीफे पर PTI नेता और पाकिस्तान के पूर्व मंत्री फवाद चौधरी ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी. चौधरी ने कहा कि पाकिस्तान की फांसीवादी सरकार के पतन की दिशा में यह एक बड़ा कदम है. बता दें कि आफताब सुल्तान ने पाकिस्तान के पंजाब विश्वविद्यालय से लॉ में ग्रेजुएशन किया था. इसके बाद उन्होंने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से एलएलएम किया. सुल्तान ने एडिनबर्ग विश्वविद्यालय से कानूनी अध्ययन में एमएससी की पढ़ाई पूरी की. इसके बाद उन्होंने पुलिस में काम किया और एक ईमानदार अधिकारी के रूप में नाम कमाया. 2018 में उन्हें इंटेलिजेंस ब्यूरो के प्रमुख के रूप में नियुक्त किया गया था.

इमरान खान की क्यों हो सकती है गिरफ्तारी?

इमरान खान 2018 में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बने थे. उन्हें अरब देशों की यात्राओं के दौरान वहां के शासकों से महंगे गिफ्ट मिले थे. उन्हें कई यूरोपीय देशों के राष्ट्रप्रमुखों से भी बेशकीमती गिफ्ट मिले थे, जिन्हें इमरान ने तोशाखाना में जमा करा दिया था. लेकिन इमरान खान ने बाद में तोशाखाना से इन्हें सस्ते दामों पर खरीदा और बड़े मुनाफे में बेच दिया. इस पूरी प्रक्रिया को उनकी सरकार ने बकायदा कानूनी अनुमति दी थी.

सुनवाई के दौरान इमरान खान ने चुनाव आयोग को बताया था कि उन्होंने राज्य के खजाने से इन गिफ्ट्स को 2.15 करोड़ रुपए में खरीदा और इन्हें बेचकर करीब 5.8 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया. इन गिफ्ट्स में एक Graff घड़ी, कफलिंक का एक जोड़ा, एक महंगा पेन, एक अंगूठी और चार रोलेक्स घड़ियां सहित कई अन्य उपहार थे.

EC ने लगा दी थी चुनाव लड़ने पर रोक

तोशखाना मामले को आधार बनाकर पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने इमरान खान के 5 साल तक चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया. चुनाव आयोग के इस प्रतिबंध के बाद इमरान खान समेत PTI नेतृत्व ने अपने कार्यकर्ताओं से इसके खिलाफ विरोध-प्रदर्शन करने के लिए कहा. इस मामले में इमारन पिछले साल अक्टूबर से अंतरिम जमानत पर थे.

इस मामले में ही इमरान को 15 फरवरी को पेश होना था, लेकिन वह कोर्ट नहीं पहुंचे. इसके बाद एंटी टेररिज्म कोर्ट ने के न्यायाधीश राजा जवाद अब्बास ने कहा कि इमरान खान को पर्याप्त समय दिया जा चुका. कानून किसी भी शक्तिशाली व्यक्ति के लिए अलग नहीं हो सकता. आखिर में अदालत ने जमानत बढ़ाने से इनकार कर दिया था. इस केस में ही पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने पहुंची है.