भोपालमध्य प्रदेश

MP में डॉक्टरों ने वापस लिया सामूहिक इस्तीफे का फैसला:CM शिवराज से की मुलाकात; केंद्र की तरह चार अपग्रेडेशन की मांग पर फंसा पेंच

मध्यप्रदेश में सरकारी डॉक्टरों ने सामूहिक इस्तीफे का निर्णय भी वापस ले लिया है। डॉक्टरों ने कहा है कि सीएम शिवराज सिंह चौहान ने उनकी मांगों को लेकर आदेश जारी करने का आश्वासन दिया है। उम्मीद है कि जल्द ही डॉक्टरों के हित में फैसला ले लिया जाएगा। इससे पहले चिकित्सक महासंघ के पदाधिकारियों ने सीएम शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात की। सीएम से मिले आश्वासन के बाद महासंघ के पदाधिकारियों ने डॉक्टरों के सामूहिक इस्तीफे को अभी होल्ड रखने को कहा है।

बता दें कि बुधवार को मध्यप्रदेश के करीब 15 हजार सरकारी डॉक्टर हड़ताल पर चले गए थे। जिसके बाद एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने हड़ताल को अवैध ठहरा दिया था। साथ ही डॉक्टरों को तत्काल काम पर लौटने के आदेश दिए थे। जिसके बाद डॉक्टरों ने बुधवार रात को काम पर लौटने का फैसला किया था।

दरअसल, सरकार और डॉक्टरों के बीच एक मांग को लेकर पेंच फंसा है। डॉक्टर केंद्र के समान DACP (डायनैमिक एश्योर्ड करियर प्रोग्रेशन) लागू कराने पर अड़े हैं। वे चाहते हैं कि प्रदेश में मेडिकल ऑफिसर्स के लिए चौथा अपग्रेडेशन और 10 हजार ग्रेड पे लागू किया जाए। वहीं, ब्यूरोक्रेट्स इसके लिए तैयार नहीं हैं। चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग का दावा है कि सरकार ने डॉक्टरों की सभी मांगें मान ली हैं।

MP में कौन सा वेतनमान सिस्टम लागू

दरअसल, प्रदेश में वेतनमान का सिस्टम 2008 से लागू है। इस व्यवस्था में सरकारी सेवा में आने वाले डॉक्टर को उसके सेवाकाल में तीन बार पदोन्नति यानी अपग्रेडेशन मिलता है। मध्यप्रदेश में लागू सिस्टम के मुताबिक अपग्रेडेशन 8 साल, 16 साल और 30वें साल में मिलते हैं। इसे समयमान वेतनमान योजना कहते हैं। वहीं, केंद्र सरकार के डीएसीपी में सेवाकाल के दौरान चार अपग्रेडेशन दिए जाते हैं।

ब्यूरोक्रेट्स के बराबर अपग्रेडेशन चाहते हैं डॉक्टर

जनवरी 2008 में मेडिकल ऑफिसर्स ने हड़ताल की थी। इसके बाद तीन अपग्रेडेशन देने की व्यवस्था अगस्त 2008 में लागू की गई थी। अब डॉक्टर केंद्र सरकार की डीएपीसी स्कीम की तरह चार अपग्रेडेशन लागू करने की मांग पर अड़े हैं। सूत्र बताते हैं कि स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी और चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग इन पर सहमत भी दिखे, लेकिन ब्यूरोक्रेट्स ने इस पर असहमति जता दी। अब डॉक्टरों ने इसे प्रतिष्ठा का प्रश्न बना लिया है।

अभी क्या व्यवस्था और क्या चाहते हैं डॉक्टर

मध्यप्रदेश में लगातार सर्विस में रहे तो समय-समय पर सरकार आगे बढ़ने का अवसर देकर तीन उच्च वेतनमान देती है। प्रदेश में अभी तीन वेतनमान का प्रावधान है। सर्विस ईयर्स (जितने साल की नौकरी होगी) में तीन बार अपग्रेडेशन मिलेगा। डॉक्टरों का कहना है कि जब सरकार दो अपग्रेडेशन देती थी, उस वक्त सरकार ने डॉक्टरों को विशिष्ट मानते हुए तीन अपग्रेडेशन दिए। उस वक्त साढ़े चार लाख कर्मचारियों को लाभ मिल रहा था। अब मेडिकल ऑफिसर को केंद्र सरकार की डीएसीपी स्कीम की तरह चार अपग्रेडेशन दिए जाएं। वहीं, सरकार 5 साल, 10 साल और 15 साल में तीन अपग्रेडेशन देने पर अड़ी है, लेकिन 10 हजार ग्रेड पे नहीं देने की बात कह रही है।

जानिए, क्या है DACP, जिसे लागू करने पर अड़े

  • केंद्र सरकार एमबीबीएस, बीडीएस डॉक्टर्स को 10 हजार की ग्रेड पे देती है।
  • स्पेशलिस्ट डॉक्टर को 13 साल की सर्विस के बाद केंद्र सरकार 10 हजार की ग्रेड पे देती है।
  • क्लास-2 अफसर के लिए चार अपग्रेडेशन दिए हैं। पहला अपग्रेडेशन नौकरी जॉइन करने के तुरंत बाद और तीन अपग्रेडेशन बाद में मिलेंगे।
  • DACP स्कीम में स्पेशलिस्ट को पहली नियुक्ति वेतनमान नौकरी जॉइन करने पर मिलेगा और तीन बाद में मिलते हैं। तीन अपग्रेडेशन में 10 हजार ग्रेड पे पर पहुंच जाते हैं।
  • एमबीबीएस, बीडीएस को पहली नियुक्ति वेतनमान के बाद चार अपग्रेडेशन मिलेंगे और 10 हजार ग्रेड पे का फायदा मिलेगा।
  • केंद्र सरकार की योजना में कोई भी डॉक्टर हो, चाहे वह एमबीबीएस हो या स्पेशलिस्ट हो तो सभी को अपग्रेडेशन के बाद 10 हजार का ग्रेड पे मिलता है।
  • डीएसीपी में प्रावधान है कि स्पेशलिस्ट डॉक्टर को 13 साल की सर्विस में 10 हजार ग्रेड पे मिलता है। एमबीबीएस को 20 साल की नौकरी में 10 हजार ग्रेड पे मिलता है।
  • वर्ष 2008 में मेडिकल ऑफिसर की हड़ताल हुई थी। तब दो ही अपग्रेडेशन 6 और 16 साल में देती थी। तब एक योजना लाई गई 6-12 और 18 साल में तीन अपग्रेडेशन देने की व्यवस्था जनवरी 2008 में शुरू की गई। इसे वन प्लस 3 कहा गया।

डॉक्टरों का तर्क सरकार पर वित्तीय भार नहीं, लेकिन ब्यूरोक्रेट्स का ईगो हर्ट हो रहा

मप्र शासकीय स्वशासी चिकित्सक महासंघ के संरक्षक डॉ. राकेश मालवीय बताते हैं कि सरकार 8700 ग्रेड पे देने के लिए तैयार हो गई है, लेकिन केंद्र सरकार जब 20 साल की सेवा में चार अपग्रेडेशन और 10 हजार ग्रेड पे दे रही है, तो वो मध्यप्रदेश में लागू किए जाएं।

मंत्री का दावा- डॉक्टर्स की सभी मांगें मानीं

चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग का दावा है कि सरकार ने डॉक्टर्स की सभी मांगें मान ली हैं। हमें उनसे शिकायत नहीं है, लेकिन डॉक्टर जब इस विधा में काम करते हैं, तो मरीजों की सेवा के संकल्प के साथ काम करते हैं। मेरा अनुरोध है कि सभी काम पर लौटें। मध्यप्रदेश में व्यवस्था में कमी नहीं है। हमने वैकल्पिक व्यवस्था की है। सबसे बड़ी बात ये है कि हमने मेडिकल एजुकेशन से संबंधित सभी मांगें मान लीं, तो मेडिकल कॉलेज में क्यों स्ट्राइक हो रही है, यह मुझे नहीं मालूम।