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पशुपति से तिरुपति तक नेपाल और भारत का सम्बन्ध अनंत काल तक …. – नेपाल से वरिष्ठ पत्रकार राजेंद्र प्रसाद पाठक की कलम से

भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के निमंत्रण पर नेपाल के प्रधानमंत्री का भारत भ्रमण दौरा ३१ मई से ३ जून तक जारी रहेगा। नेपाल और भारत का सदियों पुराना सम्बन्ध है। सम्बन्धो में कभी कभी थोड़ा दरार तो पैदा होता ही है, फिर भी इसका समाधान दोनों देश आपस में कर रहे है। भाई – भाई का रिश्तेदारी निभाने में दोनों देश अभी तक सफल रहे है। जब तक भारत रहेगा, तब तक नेपाल सुरक्षित रहेगा। जब तक नेपाल रहेगा, तब तक भारत भी शांत और सुरक्षित रहेगा। यह दोनों देश का संयुक्त नारा होना चाहिए।

अभी नेपाल में कम्युनिस्ट नेतृत्व की सरकार है। नेपाल और भारत दोनों ही हिन्दू आबादी वाले देश है। भारत में ८८ % हिन्दू आबादी है तो नेपाल में ९३ % ॐकार समूह की आबादी है। संस्कार और संस्कृती सामान है। इसीलिए यह दोनों देश का सम्बन्ध अतुलनीय है। वर्तमान और भविष्य में भी यह सम्बन्ध ज़िंदा रहेगा। पशुपति से तिरुपति तक के सम्बन्ध में दरार पैदा करने वालों को किसी भी हालत में दोनों देश की जनता माफ़ नहीं करेगी। धर्म , संस्कृति, संस्कार और सम्बन्ध अनंत काल तक बने रहेंगे।

भारतीय प्रधानमंत्री और नेपाल के प्रधानमंत्री के बीच सात बिंदु समझौता हो रहा है जिसमे बिजली उत्पादन से विक्रीवितरण तक शामिल है। व्यापारिक रास्ता और दोनो देश का व्यापार और परिवहन, पेट्रोलियम पाइपलाइन का भी समझौता हो रहा है। रासायनिक मल कारखाना नेपाल में खुलवाने को लेकर भी समझौता हो रहा है। नेपाल एक कृषि प्रधान देश है। फिर भी नेपाल में रासायनिक मल कारखाना अभी तक नहीं है। इन सभी विषयो पर भारत सरकार चिंतिंत है।

अगर भारत और नेपाल के बीच में कोई अलग राष्ट्र घुसेगा, तो यह दोनों देश के मामले बिगड़ेंगे , इससे सचेत रहना पड़ेगा। २ जून को प्रधानमंत्री प्रचंड मध्य प्रदेश के उज्जैन में उपस्थित महाकालेश्वर ज्योर्लिंग के पूजन हेतु जा रहे है। नेपाल और भारत के हिन्दू सम्प्रदाय में एक अच्छी सांस्कृतिक व्यवस्था स्थापित है। जिसमे चार धाम हो या एक धाम हो , उनका पूजन नेपाल के पशुपतिनाथ के पूजन के बिना फलरहित है। नेपाल के प्रधानमंत्री प्रचंड को इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए क्युकी उन्होंने अभी तक पशुपतिनाथ मंदिर में पूजन नहीं किया है।

इस बार नेपाल और भारत दोनों देश के अच्छे सम्बन्धो के खातिर भी महाकालेश्वर ज्योर्लिंग की आराधना प्रधानमंत्री प्रचंड को मन मस्तिष्क से करना पड़ेग। इस बात को कूटनैतिक ढंग से समझने का काम भारत देश की भी ज़िम्मेदारी है। यह हिन्दू भूमि का रक्षार्थ दोनों प्रधानमंत्री और राष्ट्रप्रमुख का परम कर्त्तव्य है और रहेगा। भारत भगवान श्री राम और श्री कृष्ण का देश है। नेपाल माता सीताजी , जनकजी और भृकुटि का देश है। यह दोनों ही देश हिन्दू राज्य है

नेपाल से वरिष्ठ पत्रकार राजेंद्र प्रसाद पाठक की कलम से