इंदौरमध्य प्रदेश

इंदौर में छाती की हड्‌डी मुंह में डालकर बचाई जान:दर्द इतना कि छात्र का मुंह भी नहीं खुलता था

चेहरे पर हुई गठान के कारण पहले खाना बंद हुआ फिर मुंह खुलना ही बंद हो गया। परेशान परिजन उसे डॉक्टर के पास ले गए तो उन्होंने और चौंका दिया। कहा मुंह में गठान है। और इस गठान के कारण दूसरी हडि्डयां भी गलने लगी हैं। डॉक्टरों ने सर्जरी ही इसका इलाज बताया।

उनके सामने समस्या थी कि गठान के कारण गल चुकी हड्‌डी की जगह को कैसे भरें। तब डॉक्टरों ने तय किया कि छाती की हड्‌डी निकालकर वहां लगाई जा सकती है। युवक अब स्वस्थ है और सर्जरी के बाद उसने लिक्विड डाइट लेना भी शुरू कर दी है।

मामला रतलाम के 20 वर्षीय किसान पुत्र का है। वह कॉलेज स्टूडेंट है। दो माह पहले उसके चेहरे व जबड़े में दर्द होने लगा। फिर सूजन आ गई और खाना बंद हो गया। वह खाने के लिए ठीक से मुंह भी नहीं खोल पाता था। उसने पहले रतलाम के एक अस्पताल में बताया तो उसे सरकारी डेंटल हॉस्पिटल, इंदौर दिखाने को कहा गया।

यहां डॉक्टरों ने एक्सरे सहित कई जांचें कराई। उसे बताया कि चेहरे में अंदर की ओर एक गठान है जिसके कारण मुंह नहीं खुल पा रहा है। इस गठान के कारण एक हड्‌डी गल गई है। गठान निकालने के बाद उक्त गली हुई हड्‌डी को रिप्लेस करना होगा।

पांच घंटे तक चली यह ओरल एवं मैक्सिलोफेशियल सर्जरी।
पांच घंटे तक चली यह ओरल एवं मैक्सिलोफेशियल सर्जरी।

…तो था बड़ा जोखिम

इसके बाद युवक ने इंदौर के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में दिखाया। यहां भी उसकी जांचें हुई जिसमें डॉक्टर ने बताया कि गठान बढ़ती जा रही है। अगर इसे नहीं निकाला तो जोखिम बढ़ सकता है। यहां भी डॉक्टरों ने उसे व परिजन को गठान निकालने के साथ गली हुई हड्‌डी को रिप्लेस करने का सुझाव दिया। डॉक्टरों ने कहा कि इस हड्‌डी को निकालकर छाती के एक हिस्से से हड्‌डी लगाई जाएगी। डॉक्टरों ने 29 मई को उसकी सर्जरी प्लान की।

5 घंटे तक चली सर्जरी

सोमवार को अस्पताल के ओरल एवं मैक्सिलोफेशियल की विभागाध्यक्ष डॉ. ममता सिंह, डॉ. स्वप्निल सिंह, एनेस्थीसिया यूनिट की डॉ. संगीता अग्रवाल, डॉ. महेंद्र वा‌धनानी, डॉ. सौरभ, डॉ. राधिका व डॉ. शुभम की टीम ने उसकी सर्जरी की। यह ओरल एवं मैक्सिलोफेशियल की जटिल सर्जरी करीब 5 घंटे चली। इसमें मरीज के छाती की हड्डी का छोटा सा हिस्सा निकालकर उसे रिब ग्राफ्टिंग के जरिए जबड़े में लगाया गया। इसके साथ ही जबड़े में मौजूद गठान को निकाल दिया।

क्या है ओरल एवं मैक्सिलोफेशियल सर्जरी

डॅाक्टरों के मुताबिक गले, मुंह, चेहरे की संरचना में आने वाली किसी भी परेशानी को ठीक करने के लिए की जाने वाली सर्जरी को ओरल एवं मैक्सिलोफेशियल सर्जरी कहते हैं। इसकी मदद से जबड़ों, मुंह, चेहरे या फिर होंठों के किसी भी विकार, हड्डी के अंदर विजडम टीथ की सर्जरी तथा मुंह के कैंसर का इलाज किया जा सकता है।

इस सफल सर्जरी के लिए ग्रुप के चेयरमेन सुरेशसिंह भदौरिया, वाइस चेयरमेन मयंकराज सिंह भदौरिया, अस्पताल सुपरिंटेंडेंट डॉ. स्वाति प्रशांत ने टीम की सराहना की है। उक्त सर्जरी संजीवनी योजना के तहत फ्री में की गई है। स्टूडेंट ने बताया कि अब दर्द भी नहीं है। उसने लिक्विड डाइट (ज्यूस, दूध आदि) शुरू कर दी है। सोमवार को उसे डिस्चार्ज कर दिया जाएगा।