बिपरजॉय तूफान के जखौ तट से टकराने के बाद गुजरात में भारी नुकसान हुआ। इसका असर कच्छ-सौराष्ट्र 8 जिलों में रहा। यह अपने पीछे भारी तबाही छोड़ हो गया। जगह-जगह पेड़ और खंभे गिर गए। तूफान के कारण भावनगर में 2 लोगों की मौत हुई। 22 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं।
गुजरात में चक्रवात का असर अभी भी बना हुआ है। कच्छ में मांडवी, नलिया, नारायण सरोवर, जाखौ बंदर, मुंद्रा और गांधीधाम, अहमदाबाद समेत पूरे राज्य में तेज बारिश हो रही है। 90 से 125 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल रही हैं। पूरे मांडवी में 18 घंटे से बिजली नहीं है। इससे लोग परेशान हैं। पिछले 24 घंटों में कच्छ में 2 से 7 इंच बारिश हुई है।
गुरुवार शाम साढ़े छह बजे जखौ तट से टकराया था तूफान
बिपरजॉय तूफान गुरुवार शाम साढ़े छह बजे कच्छ के जखौ तट से टकराया था। लैंडफॉल आधी रात तक चला। इस दौरान हवाओं की रफ्तार 115 से 125 किमी प्रति घंटे रही। इससे पहले कच्छ, द्वारका, पोरबंदर, जामनगर, राजकोट, जूनागढ़ और मोरबी समेत तटीय इलाकों में तेज हवाओं के साथ भारी बारिश हुई। अब यह उत्तर- दक्षिण राजस्थान की तरफ बढ़ रहा है।
अब आगे क्या… राजस्थान की तरफ बढ़ रहा, 5 जिलों में रेड अलर्ट
गुजरात से गुजरने के बाद यह राजस्थान में एक डिप्रेशन वाले मौसमी सिस्टम की तरह प्रवेश करेगा। इस दौरान कई इलाकों में 10 से 20 सेमी तक बारिश होने के आसार हैं।
मौसम विभाग के मुताबिक, गुजरात के साथ दक्षिण-पश्चिम राजस्थान के कई इलाको में शुक्रवार को भारी बारिश होगी। ऐसा अनुमान है कि शुक्रवार दोपहर तक तूफान कमजोर पड़ जाएगा। हालांकि शनिवार को भी इसका असर राजस्थान में देखा जा सकता है। रविवार को पूर्वी राजस्थान, उससे सटे हरियाणा, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में बारिश हो सकती है।
मौसम विभाग के मुताबिक, इस तूफान ने राजस्थान में एंट्री डिप्रेशन के रूप में प्रवेश किया है। सबसे ज्यादा समय तक पाकिस्तान-गुजरात की सीमा के पास बाड़मेर में रहेगा। यह शुक्रवार देर शाम तक बालोतरा, जोधपुर की सीमा तक आकर कमजोर पड़ सकता है।
इस तूफान के प्रभाव से राजस्थान के 5 जिलों में अति भारी बारिश के लिए रेड अलर्ट, जबकि 13 जिलों में भारी बारिश की आशंका जताते हुए यहां के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। अनुमान है कि 24 घंटे के दौरान राजस्थान के कुल जिलों में 200 मिमी (8 इंच) या उससे ज्यादा बारिश हो सकती है।
सैटेलाइट से समझें…. कितना खतरनाक था ये तूफान
भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक, चक्रवात का केंद्र (आई) करीब 50 किलोमीटर में दायरे में फैला है। इससे इसकी गंभीरता का पता चलता है। चक्रवात के अरब सागर में आगे बढ़ने के दौरान समुद्र में 10 से 14 मीटर तक ऊंची लहरें उठी थीं।
गुरुवार को तट से टकराने के बाद नवलखी क्षेत्र में 7.5 मीटर लहरें उठती देखी गईं। द्वारका के संगम नारायण मंदिर से भी ऊंची लहरें उठीं। यह चक्रवात अरब सागर में 10 दिन रहा। इससे पहले समुद्र में सबसे ज्यादा समय तक रहने वाला तूफान वायु था। यह 8 दिन रहा था।
गुजरात में तबाही छोड़ गया, सरकार नुकसान का आकलन करेगी
940 गांवों की बिजली गुल, 23 जानवर मरे, 524 से अधिक पेड़ उखड़े
गुजरात में तेज हवाओं के चलते सैकड़ों पेड़ गिर गए। मोबाइल टॉवर क्षतिग्रस्त हुए, बिजली के खंभे उखड़ गए। बिजली कटौती के कारण कई इलाकों में अंधेरा छा गया। अधिकारी के मुताबिक, मोरबी के मलिया तालुका में दो बिजली स्टेशनों को बंद कर दिया गया है। तटीय और रेगिस्तानी इलाकों में 300 से ज्यादा बिजली के खंभे क्षतिग्रस्त हो गए।
तूफान के चलते 23 जानवरों की मौत हो गई और गुजरात में विभिन्न स्थानों पर तेज हवाओं के साथ 524 से अधिक पेड़ और बिजली के खंभे गिर गए, जिससे लगभग 940 गांवों में बिजली की आपूर्ति ठप हो गई।
94 हजार से ज्यादा लोगों को सुरक्षित पहुंचाया गया
94 हजार से ज्यादा लोगों को तटीय इलाकों से रेस्क्यू किया गया था। कोस्ट गार्ड ने 15 जहाज और 7 एयरक्राफ्ट तैयार रखे थे। NDRF की 27 टीमें भी तैनात थीं। PM मोदी ने गुजरात के CM भूपेंद्र पटेल से बात की और स्थिति की जानकारी ली थी। इसके बाद पटेल स्टेट कंट्रोल रूम भी पहुंचे थे।
फोटो-वीडियो में देखिए तूफान का असर…