जी-20 समिट में आए 30 से ज्यादा देेशों के मेहमानों को इंदौर की मेहमाननवाजी पसंद आई। अपने देशों में रवाना होने से पहले मेहमानों ने हेरिटेज वाॅक कर शहर के इतिहास को करीब से देखा और अपने कैमरों में शहर की धरोहरों को कैद किया। उन्हें इंदौर की मेहमाननवाजी के अलावा इंदौर की सफाई भी पसंद आई।
शनिवार सुबह हेरिटेज वाॅक की शुरुआत बोलिया सरकार छत्री से हुई। यहां मेहमानों ने छत्री की वास्तुकला के बारे मेें जानकारी ली। उन्हें होलकरकाल में पहनी जाने वाली पगड़ी भी दिखाई गई। इसके बाद पैदल-पैदल मेहमान कृष्णपुरा छत्री गए। यहां उन्होंने तस्वीरें खिंचवाई और शास्त्रीय संगीत भी सुना।
इसके बाद गोपाल मंदिर मेहमान पहुंचे। उन्हें बताया गया कि पुरानी लकडी से फिर पहले की तरह मंदिर के कुछ हिस्से तैयार किए गए, हालांकि उन्हें पहली मंजिल पर नहीं ले जाया गया,क्योकि एक साथ ज्यादा वजन छत पर नहीं दिया जा सकता है। इसके बाद मेहमान राजवाड़ा पहुंचे।
यहां उन्होंने इंदौर पोहे, जलेबी का स्वाद दिया। इसके अलावा भजन पर आधारित नृत्य भी देखे। इतिहासकार जफर अंसारी ने उन्हें इंदौर के इतिहास के बारे में जानकारी। प्रशांत इंदूरकर ने राजपरिवार को दी जाने वाली उपाधि को दरबारीय अंदाज में सुनाया।
श्रम और रोजगार विभाग की सचिव आरती आहूजा ने कहा कि श्रम और रोजगार विषय पर जी-20 की यह चौथी और अंतिम बैठक थी। इसमें तय विषय पर चर्चा हुई। उसमें आए सुझावों को जी-20 देशों के साथ साझा किया जाएगा।