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झूठे आंकड़े पेश कर जनता को गुमराह करना कांग्रेस की पुरानी आदत : विष्णुदत्त शर्मा

भोपाल। झूठे आंकड़े पेश कर जनता को गुमराह करना कांग्रेस की पुरानी आदत रही है। कांग्रेस को कोई भी झूठ का आंकड़ा देने से पहले मध्यप्रदेश में भाजपा सरकारों के कार्यकाल में हुए ’रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म’ को देखना चाहिए। प्रदेश की जनता भी अच्छी तरह से इस बात को जान गयी है कि झूठ के वास्ते और झूठ के रास्ते चलना कांग्रेस की आदत हो गयी है इसलिए कांग्रेस केवल झूठ का झुनझुना ही बजाती रहेगी। बंटाढार और करप्शनाथ के झूठ के प्रचार और विस्तार को जनता सिरे से नकार रही है इसलिए बौखलाहट में कांग्रेस के नेता कुछ भी बोल रहे हैं। यह बात भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद विष्णुदत्त शर्मा ने कांग्रेस नेता विवेक तन्खा की पत्रकार वार्ता पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कही।

भाजपा के विकास कार्य प्रत्यक्ष हैं

प्रदेश अध्यक्ष शर्मा ने कहा कि भाजपा सरकार ने गरीब,वंचित,पिछड़ों और शोषितों को मजबूत बनाकर प्रदेश को सशक्त बनाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। सत्य और तथ्य के साथ भाजपा के विकास कार्य प्रत्यक्ष भी हैं और उनके प्रमाण भी हैं जो आज गृहमंत्री श्री अमित शाह जी ने गरीब कल्याण महाअभियान 2003-2023 के माध्यम से जनता के समक्ष रखे। पत्रकार वार्ता में विवेक तन्खा द्वारा मध्यप्रदेश में महिलाओं और बेटियों की योजनाओं की बात कही गई है लेकिन उन्हें याद रखना चाहिए कि मध्यप्रदेश की ही शिवराज सरकार “लाडली लक्ष्मी योजना“ चला रही है, जिसे देश के कई और राज्यों ने रोड मॉडल के रूप में अपनाया। लेकिन यह बंटाढार और करप्शननाथ को उनके चुनावी चश्मे से नहीं दिखेगा। इतना ही नहीं मध्यप्रदेश की सरकार की “लाडली बहना योजना“ के जरिए प्रदेश की करोड़ों बहनों को 1000 रूपए प्रतिमाह दिये जाते हैं। लेकिन नारी विरोधी कांग्रेस इसे कभी नहीं स्वीकार पाती।

किसानों को डिफाल्टर बनाकर फिर झूठ बोल रही कांग्रेस

शर्मा ने कहा कि कांग्रेस ने बेशर्मी की हद पार करते हुए आज पत्रकार वार्ता में किसानों के नाम पर झूठ परोस दिया। जिन्होंने किसान कर्ज माफी के नाम पर किसानों को ठगा और उन्हें डिफाल्टर बनाकर छोड़ा, आज वह भाजपा पर झूठा इल्जाम लगा रहे हैं। ऐसे दोगले और बेईमान लोगों को जरा गौर से देख लेना चाहिए कि मध्यप्रदेश ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में पांच बार कृषि कर्मण अवार्ड जीता है। साथ ही किसानों के सिंचित रकवे में मध्य प्रदेश ने अभूतपूर्व प्रगति की है। किसानों को भरपूर बिजली मिल रही है। जबकि जो बंटाढार और करप्शननाथ अपनी 15 महीने की काली सरकार में फसल बीमा का पैसा तक रोक देते थे वह आज किस मुंह से किसानों की बात कर रहे हैं? शर्मा ने कहा कि पत्रकार वार्ता में कांग्रेस की झूठ की पोल खुद विवेक तन्खा ने खोल दी। जिस किसान सम्मान निधि योजना में वह वसूली के नोटिस की बात कह रहे हैं, उस योजना में न तो ऋण का प्रावधान है न ही वसूली का। जिससे स्पष्ट होता है कि कांग्रेस केवल तर्कहीन और तथ्यहीन आरोप गढ़ने और मढ़ने का काम कर रही है।

पेसा कानून पर आदिवासियों को छलती रही कांग्रेस

शर्मा ने कहा कि आदिवासियों के नाम पर राजनीतिक रोटियां सेंकने की कोशिश करने वाले बंटाढार और करप्शननाथ यह बताएं कि हाल ही में कमलेश्वर पटेल के समर्थकों और परिवार वालों ने जिन आदिवासी भाइयों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा था, उस पर उन्होंने क्या किया? कमलेश्वर पटेल पर क्या कार्रवाई की? उन्होंने कहा कि कांग्रेस पेसा कानून पर झूठ बोलती रही और आदिवासियों को छलती रही लेकिन आदिवासी समाज को कभी भी पेसा कानून की सौगात नहीं दी। इतने साल तक देश पर राज किया पर कभी भी किसी आदिवासी को राष्ट्रपति नहीं बनाया। दलितों के नाम पर भ्रम फैलाने वाले बंटाढार और करप्शननाथ बताएं कि उनकी सरकार में जब सागर में दलित धन प्रसाद पर केरोसिन डालकर उसे जिंदा जलाया गया था तब वे कहा थे ? क्यों हाथ पर हाथ रखे बैठे रहे ? शर्मा ने कहा कि प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था पर कुछ भी बोलने से पहले विवेक तन्खा जरा कमलनाथ जी के पास जाएं और पूछें कि जब प्रदेश में कोरोना का प्रकोप बढ़ रहा था और लोग ऑक्सीजन को तरस रहे थे, तब कमलनाथ कुर्सी की लिप्सा में यहां वहां क्यों घूम रहे थे? लोगों की जान की फिक्र किए बगैर वह आइफा की तैयारी क्यों कर रहे थे?

कुशासन का दौर था कांग्रेस का शासन

शर्मा ने कहा कि मिस्टर बंटाढार और करप्शननाथ ये भूल रहे हैं कि अस्सी के दशक में उन्हीं की सरकार में तत्कालीन प्रधानमंत्री को रिपोर्ट दी गई थी कि मध्यप्रदेश जैसे कांग्रेस शासित बीमारु राज्य राष्ट्रीय प्रगति में कलंक हैँ और असलियत भी यही थी। मध्यप्रदेश में विकास नहीं विनाश और सुशासन नहीं कुशासन का दौर था। चुरहट लॉटरी, डिस्टलरी कांड जैसे घोटाले हो रहे थे। पैसे लेकर भोपाल गैस त्रासदी के गुनहगार को भगाया जा रहा था। नौकरियां पर्चियों पर बंटती थी। इसके बाद दिग्विजय सरकार के भी दस साल प्रदेश के लोगों ने देखे ज़ब प्रदेश में ना सड़कें थी ना बिजली ना उद्योग धंधे। चंबल, विंध्य में डकैतों की सत्ता चलती थी। मालवा में सिमी जैसे आतंकी संगठन पैर पसार रहे थे और नक्सलियों का बोलबाला था।

कांग्रेस के आरोप निराधार

प्रदेश अध्यक्ष शर्मा ने कहा कि कांग्रेस के आरोप तर्कहीन और तथ्यहीन है। यह कुतर्क करने से विकास की मध्यप्रदेश में जो गहरी इबारत है, उसको नकार नहीं सकती। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह जी ने जितने तर्क और तथ्यों के साथ 20 साल में गरीब कल्याण महा अभियान का रिपोर्ट कार्ड पेश किया, कांग्रेस ने उतने ही हल्के और तर्कहीन शब्दों से उसको नकारने का प्रयास किया। यह दिखाता है कि कांग्रेस केवल झूठ का झुनझुना बजा रही है। बंटाढार और करप्शननाथ का यह झुठेलापन मध्यप्रदेश के उन 1.36 करोड़ गरीबों का अनादर है जो गरीबी रेखा से बाहर हुए हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थियों, आयुष्मान योजना, उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों, अनेकों उद्यमियों और युवाओं का अपमान है, जो पिछले 20 साल में सरकार की जनहितकारी योजनाओं से लाभान्वित हुए हैं। उन्होंने कहा कि अपने कार्यकाल में बंटाढार और करप्शननाथ ने कुछ नहीं किया। जिससे स्पष्ट होता है कि कांग्रेस जब सरकार में होती है तब निकम्मी रहती है। लेकिन जब विपक्ष में रहती है तो निकम्मेपन की हद पार कर देती है। कांग्रेस की सरकार में सत्ता की दलाली की मलाई खाने वाले मिस्टर बंटाधार और करप्शननाथ के चंगुल में फंसे विवेक तन्खा भी झूठ बोल गये। जो तथ्य भारत सरकार के रजिस्टर्ड दस्तावेजों में दर्ज हैं आप उन्हें झुठलाकर, मध्यप्रदेश की प्रगति और विकास को शून्य बताकर प्रदेश की 8.50 करोड़ जनता का अपमान कर रहे हैं।

भाजपा सरकार ने बनाया विकास का कीर्तिमान

शर्मा ने कहा कि यह भला कौन झुठला सकता है कि एक समय अंधेरे में डूबा मध्यप्रदेश आज 29000 मेगा वाट से ज्यादा सरप्लस बिजली पैदा कर रहा है। यह भला कौन झुठला सकता है कि आज मध्यप्रदेश में सिंचाई का रकबा 47 लाख एकड़ हो गया है। 2003 से पहले जब बंटाढार की सरकार हुआ करती थी तो प्रदेश का बजट 23 हजार करोड़ था और आज भाजपा की सरकार में 3 लाख 14 हजार करोड़ से अधिक मध्यप्रदेश का बजट है। सब जानते हैं कि बंटाढार के दौर में गड्डों में ढूंढते थे सड़क, आज प्रदेश में शानदार सड़कों का जाल है। अधोसंरचना बजट 3878 करोड़ होता था जो आज 56,256 करोड़ है। शिक्षा का बजट 2456 करोड़ होता था जो आज 38,375 करोड़ है। अनुसूचित जनजाति के लिए बजट केवल 651 करोड़ था जो आज बढ़कर 36,950 करोड़ हो गया है। वहीं अनुसूचित जाति के लिए बजट था 346 करोड़ जो आज 26 हजार करोड़ है। मध्यप्रदेश की कृषि विकास दर थी केवल 3 प्रतिशत जो आज लगभग 19 प्रतिशत है। यह भला कौन झुठला सकता है कि मध्यप्रदेश में आर्थिक विकास की दर देश के अन्य प्रदेशों से सबसे ज्यादा है और मध्यप्रदेश आज आर्थिक क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छू रहा है। शर्मा ने कहा कि पत्रकार वार्ता के जरिए विवेक तन्खा जैसे वरिष्ठ कानूनविद को बंटाढार और करप्शननाथ के बचाव के लिए झूठ परोसने के लिए माफी मांगनी चाहिए।