उज्जैन। श्रावण माह के अंतिम सोमवार पर भगवान श्री महाकालेश्वर की सवारी में रजत जडित पालकी में श्री चन्द्रमौलेश्वर, हाथी पर श्री मनमहेश, गरूड़ रथ पर शिवतांडव, नन्दी रथ पर उमा-महेश, डोल रथ पर होल्कर स्टेट के मुखारविंद, बैलगाड़ी में श्री घटाटोप स्वरुप, श्री जटाशंकर रूप व अष्टम सवारी में श्री रुद्रेश्वर स्वरुप में विराजित होकर अपनी प्रजा का हाल जानने नगर भ्रमण पर निकलें ।
भगवान श्री महाकालेश्वर के वैभव, एैश्वर्य व गरिमा की छटा चारों ओर देखतें ही बन रही थी ।
श्री महाकालेश्वर मंदिर के सभामंडप में सर्व प्रथम भगवान श्री चन्द्रमौलेश्वर का षोडशोपचार से पूजन-अर्चन कर भगवान की आरती की गई। पूजन-अर्चन मुख्य पुजारी पं. घनश्याम शर्मा द्वारा संपन्न् कराया गया।
रजत पालकी में विराजित भगवान श्री चन्द्रमोलेश्वर जैसे ही मुख्य् द्वार पर पहुचें, सशस्त्र पुलिस बल के जवानों द्वारा श्री चन्द्रमोलेश्वर भगवान को सलामी (गार्ड ऑफ ऑनर) दी गई। सवारी मार्ग में स्थान-स्थान पर खडे श्रद्धालुओं ने जय श्री महाकाल के घोष के साथ उज्जैन नगरी के राजा भगवान श्री महाकालेश्वर पर पुष्पवर्षा की।
श्री महाकालेश्वर भगवान की सवारी महाकाल मंदिर से गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाडी होते हुए रामघाट पहुंची रामघाट पर श्री चन्द्रमोलेश्वर व श्री मनमहेश का मॉ क्षिप्रा के जल से अभिषेक पूजन किया गया।