मध्य प्रदेशराजनीती

अब मैहर भी बनेगा जिला, चुनावी साल में जिले बनाने के मामले में अब भी दिग्विजय से पीछे हैं शिवराज

सार

Shivraj Singh Chouhan Announcement: मुख्यमंत्री ने कहा कि हम मां शारदा की नगरी मैहर को जिला बनाने की प्रक्रिया आज से ही प्रारंभ कर रहे हैं।

विस्तार

मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनावों में महज दो से तीन महीने का वक्त बचा है। ऐसे में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कोई भी कसर नहीं छोड़ रहे। मंगलवार को उन्होंने मैहर को नया जिला बनाने की घोषणा कर दी। पिछले कुछ महीनों में यह पांचवां जिला है, जिसकी घोषणा शिवराज ने की है। इससे पहले पांढुर्णा, नागदा, पिछोर और मऊगंज को जिला बनाने की घोषणा कर चुके हैं या बना चुके हैं। इसके बाद भी चुनावी साल में जिले बनाने के मामले में शिवराज सिंह चौहान पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह से पीछे ही हैं।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को सतना के मैहर में जन आशीर्वाद यात्रा को वर्चुअली संबोधित करते हुए कहा कि हम मां शारदा की नगरी मैहर को जिला बनाने की प्रक्रिया आज से ही प्रारंभ कर रहे हैं। मुख्यमंत्री की घोषणा पूरी होती है तो मैहर मध्य प्रदेश का 57वां जिला होगा। 15 अगस्त 2023 को रीवा से अलग होकर मऊगंज प्रदेश का 53वां जिला बना था। इसके बाद 26 अगस्त को छिंदवाड़ा से अलग कर पांढुर्णा को प्रदेश का 54वां जिला बनाने का नोटिफिकेशन जारी हुआ। इसके अलावा उज्जैन से अलग कर नागदा, शिवपुरी से अलग कर पिछोर और अब सतना से अलग कर मैहर को जिला बनाने की घोषणा की गई है। जिसका नोटिफिकेशन पहले जारी होगा, वह प्रदेश का 55वां जिला होगा।

2018 में भी किया था एलान 
मुख्यमंत्री शिवराज ने मैहर को जिला बनाने की घोषणा पहले भी की थी। 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले भी उन्होंने मैहर को जिला बनाने की घोषणा की थी। हालांकि भाजपा की सरकार नहीं बन सकी और मुख्यमंत्री अपनी घोषणा पूरी नहीं कर सके। इस प्रस्ताव को कांग्रेस सरकार की कैबिनेट में पास किया गया, लेकिन किन्हीं कारणों से नोटिफिकेशन नहीं आया। अब मुख्यमंत्री ने कार्यवाही शुरू करने की बात कही है।

जिला बनाना बड़ा चुनावी दांव 
भाजपा सरकार चुनावी साल में लगातार नए-नए जिले बनाने की घोषणा कर रही है। इसे चुनाव जीतने का बड़ा दांव बताया जा रहा है। भाजपा कांग्रेस विधायकों के इलाकों को जिला बनाने की घोषणा कर रही है ताकि वहां अपने पैर मजबूती से जमा सके। छिंदवाड़ा में आने वाले पांढुर्णा में कांग्रेस के नीलेश उइके विधायक है, वहीं पिछोर सीट पर कांग्रेस के केपी सिंह, नागदा सीट पर कांग्रेस के दिलीप गुर्जर विधायक हैं। मैहर सीट पर भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी है, जो पार्टी को बगावती तेवर दिखाते रहे हैं।

जिले बनाने में अब भी दिग्विजय से पीछे हैं शिवराज
मध्य प्रदेश में चुनावी साल में जिला बनाने की घोषणा करने वाले शिवराज सिंह चौहान अकेले नहीं हैं। उनसे पहले दिग्विजय सिंह यह कर चुके हैं। 1998 में उन्होंने सात और 2003 में तीन जिले बनाए थे। यानी चुनावी साल में जिले बनाने का फॉर्मूला दिग्विजय सिंह का था, जिसे शिवराज ने अपनाया है। 2008 में उन्होंने दो जिले बनाए, 2013 में एक और 2018 में एक जिला। अब 2023 में जरूर एक के बाद एक दो जिले बनाकर और तीन और जिलों की घोषणा कर बढ़त बनाने की कोशिश कर रहे हैं।

कब और कैसे बने जिले
अविभाजित मध्य प्रदेश में जब छत्तीसगढ़ अलग नहीं हुआ था, तब 45 जिले हुआ करते थे। दिग्विजय सिंह ने 1998 में जिलों की बाढ़ ला दी थी। एक नवंबर 2000 को अविभाजित मध्य प्रदेश में 61 जिले और 12 संभाग थे। जब छत्तीसगढ़ अलग हुआ तो उसमें 16 जिले और तीन संभाग चले गए। मध्य प्रदेश में रह गए 45 जिले और नौ संभाग। इसके बाद दिग्विजय सिंह ने 2003 में तीन जिले बनाए- अनूपपुर, अशोकनगर और बुरहानपुर। इसके बाद 2008 में शिवराज सिंह चौहान ने अलीराजपुर और सिंगरौली को नया जिला बनाया। 2013 में आगर मालवा को और 2018 में निवाड़ी को। 2023 में जरूर शिवराज दो जिले बना चुके हैं- मऊगंज और पांढुर्णा।
विकास रथों को किया रवाना  
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री निवास से मंगलवार को ‘विकास रथ: विकास किया है, विकास करेंगे’ को हरी झंडी दिखाकर प्रदेश के विभिन्न जिलों के लिए रवाना किया। यह रथ जिलों में प्रदेश सरकार के सभी वर्गों के कल्याण के लिए किए जा रहे विकास कार्यों को वीडियो फिल्म के माध्यम से प्रदर्शित करेंगे।