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MP Election 2023: छठी बार मध्यप्रदेश के जन्म माह में होगा मतदान, दिवाली के पांच दिन बाद वोटिंग

सार

विस्तार

पिछले वर्षों में मध्यप्रदेश में हुए चुनावों की तारीखों और दिनों को देखें तो लगता है कि मतदान की तारीखों में काफी समानता है। साल 1993 से 2018 के मध्य 2003 में ही एक दिसंबर को मतदान हुआ था, बाकी वर्षों में नवंबर महीने में मतदान होता रहा है।

इसी तरह साल 2013 में मतगणना आठ दिसंबर को हुई थी, उस दिन रविवार था और इस साल भी मतगणना तीन दिसंबर को होगी और उस दिन भी रविवार रहेगा। प्रदेश के गठन के बाद साल 1957 से 1967 तक मतदान फरवरी महीने में होते रहे हैं। साल 1972 में मतदान आठ मार्च को हुआ था, जो होली के एक सप्ताह पूर्व था। साल 1977 में मतदान अक्तूबर महीने में छह तारीख को हुआ था। साल 1980 में मतदान मई महीने में गर्मी में संपन्न हुआ। इसके बाद साल 1985 और 1990 में दोबारा फरवरी महीने में मतदान हुआ था।

साल 1967 से एक साथ चुनाव का क्रम टूटा
आजादी के बाद राज्य विधानसभा और लोकसभा चुनाव साथ-साथ हुआ करते थे। लेकिन साल 1967 के बाद एक साथ चुनाव का क्रम टूट गया और 1972 से चुनाव अलग-अलग होने लगे। अब दोबारा विधानसभा और लोकसभा चुनावों को साथ करवाने की मांग की जा रही है।

दशहरा-दिवाली के दौरान होगी चुनाव प्रक्रिया
इस साल के चुनाव की पूरी प्रक्रिया दशहरा और दीपावली जैसे त्योहारों के दौरान होने वाली है। मतगणना के पांच दिन पूर्व दीपावली और छह दिन बाद देवउठनी ग्यारस है। भारतीय संस्कृति में देव के जागने के बाद विवाह आदि शुभ कार्य होना आरंभ हो जाते हैं। इसलिए आयोग ने चुनाव की तारीखें पर्वों को ध्यान में रखकर तय की हैं।