मध्य प्रदेशराजनीती

मालवा निमाड़ की मांग सडक, रेल, सरकार ने दिया महाकाल लोक, एकात्म धाम

सार

इंदौर मनमाड़ रेल लाइन प्रोजेक्ट की घोषणा 15 साल पुरानी है। महाराष्ट्र वाले हिस्से में इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो चुका है, लेकिन निमाड़ वाले हिस्से में वर्षों से सर्वे ही हो रहा है। प्रदेश सरकार भी इसके लिए कुछ ठोस प्रयास नहीं कर रही है।

विस्तार

मालवा निमाड़ भले ही राजनीतिक तौर पर प्रदेश में महत्व रखता हो, लेकिन विकास के मामले में हाशिए पर ही रहा। कई बड़े रेल प्रोजेक्ट चींटी की चाल से चल रहे है। इंदौर भोपाल एक्सप्रेस वे, देवास के समीप नया एयरपोर्ट जैसे प्रोजेक्ट हवा- हवाई साबित हुए। सरकार ने मालवा निमाड़ में सैकड़ों करोड़ रुपये खर्च भी किए तो प्रोजेक्ट उनकी पसंद के रहे। प्रदेश के इस हिस्से ने चौड़ी सड़कें, रेल परियोजनाएं मांगी, लेकिन उन्हें सरकार ने दिया महाकाल लोक, एकात्म धाम, अहिल्या लोक। महाकाल लोक से मालवा निमाड़ में पर्यटन जरुर बढ़ा, लेकिन पर्यटक सिटी के हिसाब से उज्जैन शहर की प्लानिंग नहीं हो पा रही है। मालवा निमाड़ के विकास में पंख लगाने कई प्रोजेक्ट अभी भी अधूरे है।

इंदौर मनमाड़ रेल लाइन का काम शुरू नहीं

इंदौर मनमाड़ रेल लाइन प्रोजेक्ट की घोषणा 15 साल पुरानी है। महाराष्ट्र वाले हिस्से में इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो चुका है, लेकिन निमाड़ वाले हिस्से में वर्षों से सर्वे ही हो रहा है। प्रदेश सरकार भी इसके लिए कुछ ठोस प्रयास नहीं कर रही है। इसके अलावा इंदौर से दाहोद तक रेल लाइन बिछाने का काम भी धीमी गति से हो रहा है। अभी टीही के पास एक ही सुरंग बन पाई है,जबकि पूरे ट्रेक पर छह सुरंगें बनना है।

आगर मालवा में न उद्योग न रेल लाइन

मालवा का आगर मालवा जिला पिछड़े जिलों में से एक है। यहां न तो बड़े उद्योग है और न रेल लाइन, जबकि इस जिले की सीमा उज्जैन, शाजापुर, राजगढ़ से लगती है। इस जिले से राजस्थान बार्डर भी समीप है, लेकिन इस हिस्से का विकास नहीं हो पाया,जबकि यहां शक्तिपीठ बगलामुखी माता का मंदिर है और बैजनाथ धाम भी है।

इंदौर भोपाल एक्सप्रेस वे सिर्फ घोषणा रह गया

वर्ष 2018 में भाजपा सरकार ने इंदौर से भोपाल के बीच एक नया मार्ग बनाने की प्लान तैयार किया था। इसका सर्वे भी हो गया। इस मार्ग के दोनों तरफ उद्योगों को जमीन आवंटित करने की योजना थी, लेकिन पांच सालों में इस प्रोजेक्ट पर कोई काम नहीं हुआ। चापड़ा के पास अंतरर्राष्ट्रीय स्तर का विमानतल बनाने की योजना भी ठंडे बस्ते में है। इंदौर से देवास के बीच नए उद्योगों के लिए क्षेत्र विकसित करने के लिए की दिशा में भी कोई ठोस काम नहीं हुआ है।

जरूरत के हिसाब से हो विकास

मालवा निमाड़ में विकास प्रोजेक्टों की भी प्राथमिकता तय होना चाहिए। निमाड़ और आदिवासी क्षेत्र के लिए रेल परियोजनाएं ज्यादा मायने रखती है। इन प्रोजेक्टों के पूरे होने से रोजगार, व्यापार में भी वृदि्ध होगी। –शिवाजी मोहिते, अभ्यास मंडल

नदियों के शुदि्धकरण पर ठोस योजना नहीं

मालवा निमाड़ में पानी की कमी एक बड़ी समस्या है। कई नदियों नालों में तब्दील हो चुकी है। सरकार ने नदियों को जोड़ने के लिए महंगा तरीका अपनाया। करोड़ों रुपये की बिजली खर्च कर नर्मदा का पानी शिप्रा, गंभीर व अन्य नदियों में भेजा जा रहा है। शिप्रा को शुद्ध करने के लिए ठोस योजना पर काम नहीं हुआ।-किशोर कोडवानी, सामाजिक कार्यकर्ता