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उज्जैन DM नीरज सिंह बोले- केमिकल वाले गुलाल से लगी थी आग, यह किसने किया हम नहीं जानते

सार

विस्तार

होली पर्व पर कपूर आरती के दौरान विश्व प्रसिद्ध बाबा महाकाल के गर्भगृह में अग्निकांड घटित हो गया था, जिसमें आरती कर रहे पुजारी के पीछे से किसी व्यक्ति ने केमिकल युक्त गुलाल उड़ाया था। जो कि आरती तक पहुंचा और इससे भड़की। आग के कारण एक दो नहीं, बल्कि पूरे 14 पुजारी, सेवक और अन्य सेवादार झुलस गए थे।

देश के प्रसिद्ध मंदिर में हुए इस अग्निकांड की गूंज पूरे देश भर में सुनाई दी थी, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर गृहमंत्री अमित शाह ने इस घटना पर गहरा दुख जताया था और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव तो होली के कार्यक्रम को स्थगित कर सीधे घायलों से मिलने इंदौर और उज्जैन भी पहुंचे थे। इस घटना के बाद तीन दिन में मजिस्ट्रियल जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही जा रही थी। लेकिन जांच के बाद जो रिपोर्ट सामने आई है, उससे तो ऐसा लग रहा है मानो की प्रशासन ने बाबा महाकाल के गर्भगृह में लगी आग पर पानी डाल दिया हो।

प्रशासनिक भवन में कलेक्टर एवं श्री महाकालेश्वर प्रबंध समिति के अध्यक्ष नीरज कुमार सिंह ने पत्रकारों के सामने मजिस्ट्रियल टीम द्वारा की गई जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक करते हुए बताया, होली पर्व पर बाबा महाकाल के गर्भगृह में लगी आग केमिकल वाले गुलाल के कारण लगी थी। इस रिपोर्ट में मंदिर के प्रोटोकॉल व नियमों का उल्लंघन किए जाने के साथ ही सिक्योरिटी एजेंसी के खिलाफ नोटिस जारी किए जाने और जो भी प्रशासनिक अधिकारी उस समय ड्यूटी पर थे, उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने की बात तो कही गई। लेकिन पूरे मामले में कलेक्टर यह नहीं बता पाए कि आखिर इस अग्निकांड का दोषी कौन है? अगर गर्भगृह में स्प्रे गन की बजाय केमिकल युक्त गुलाल से भी आग लगी है तो फिर यह गुलाल आखिर कौन मंदिर के गर्भगृह तक ले गया? कलेक्टर ने गर्भगृह में लगी आग की मजिस्ट्रियल जांच रिपोर्ट तो सार्वजनिक कर दी है। लेकिन इस रिपोर्ट को सार्वजनिक करने के बाद अब कई ऐसे सवाल उठ खड़े हुए हैं, जिनके जवाब खुद कलेक्टर के पास भी नहीं है।

मीडिया के सवालों पर कुछ यह बोले कलेक्टर नीरज कुमार सिंह
प्रश्न: गर्भग्रह में हुए अग्निकांड का दोषी कौन?
उत्तर: 
गर्भगृह में हुआ अग्निकांड प्रोटोकॉल और नियमों के उल्लंघन के कारण हुआ है। इसके लिए जिसकी जिम्मेदारी बनती है, उस पर कार्रवाई जरूर होगी। प्रारंभिक तौर पर मजिस्ट्रियल टीम ने सिक्योरिटी एजेंसी को इसमें दोषी पाया है, जिन्होंने अपने कर्तव्यों का निर्वहन ठीक ढंग से नहीं किया। घटना के समय सिक्योरिटी एजेंसी के जिम्मेदार गेट पर ताला लगाकर चले गए थे। ऐसी जानकारी हमें मिली है। कुल मिलाकर सिक्योरिटी एजेंसी को नोटिस जारी किया गया है और उनके एग्रीमेंट के आधार पर उनके खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी। यह कार्यवाही किस स्तर पर होगी, यह अभी हम नहीं बता सकते।

इस पर जब पत्रकारों द्वारा पूछा गया कि क्या इस अग्निकांड के दोषी सिर्फ सिक्योरिटी एजेंसी के लोग ही थे, जिस पर कलेक्टर ने कहा कि अभी मजिस्ट्रियल टीम ने किसी भी दोषी को नामजद चिन्हित नहीं किया है। अग्निकांड में घायल हुए पुजारी और सेवक अस्पताल में भर्ती हैं। उनके बयान लिए जाने के बाद ही दोषियों के बारे में कुछ कहा जा सकेगा और उन्हें पहचाना जा सकेगा। आपने यह तो कहा कि इसकी फाइनल रिपोर्ट आने के बाद ही कार्रवाई होगी, लेकिन यह नहीं बताया कि फाइनल रिपोर्ट आखिर कब तक आएगी?

प्रश्न: दोषियों के खिलाफ किस स्तर पर होगी कार्रवाई?
उत्तर:
 दोषियों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने के जवाब में कलेक्टर ने बताया कि शासन स्तर पर इस मामले में जो भी कार्रवाई की जाएगी, उसके लिए रिपोर्ट शासन को भेज दी जाएगी। साथ ही मेरे स्तर पर की जाने वाली कार्रवाई आपको जल्द ही मंदिर में देखने को मिलेगी। कलेक्टर ने बताया कि मंदिर की व्यवस्था को और भी बेहतर बनाने के लिए चार टीमों को देश के मंदिरों में भेजा जा रहा है। जो वहां जाकर व्यवस्थाओं को देखेगी। इसके साथ ही मंदिर की प्रशासकीय व्यवस्था को भी अब बदला जाएगा। यहां सहायक प्रशासक नियुक्त कर उन्हें अलग-अलग जिम्मेदारियां दी जाएंगी। महाकाल लोक बनने के बाद मंदिर में काफी भीड़ बढ़ी है, जिसको देखते हुए अब प्रशासनिक ढांचे को भी बदलने और सुधारने की आवश्यकता है, जिससे कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

प्रश्न: आग का कारण केमिकल युक्त गुलाल, लेकिन मंदिर में उड़े गुलाल को बताया हर्बल गुलाल
उत्तर: 
गर्भग्रह में लगी आग का कारण कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने केमिकल युक्त गुलाल को बताया है। पत्रकारों द्वारा जब पूछा गया कि मंदिर में उस समय लगभग दो से ढाई क्विंटल गुलाल और भी था, जिसके जवाब में कलेक्टर ने बताया कि यह गुलाल केमिकल युक्त नहीं। बल्कि हर्बल गुलाल था, जिसे की श्री महाकालेश्वर प्रबंध समिति ने ही नंदी हॉल में उड़ने के लिए तैयार करवाया था। कलेक्टर ने गर्भगृह के बाहर रखे गुलाल को तो हर्बल गुलाल बता दिया। लेकिन वह पत्रकारों के इस सवाल का जवाब नहीं दे पाए कि परंपरा के अनुसार दो से ढाई क्विंटल गुलाल को मंदिर में उड़ने की आखिर क्या जरूरत थी?

प्रश्न: जांच रिपोर्ट में किसी के नाम का उल्लेख क्यों नहीं?
उत्तर:
 मजिस्ट्रियल टीम द्वारा तीन दिनों की कड़ी मशक्कत के बाद तैयार की गई जांच रिपोर्ट में किसी भी दोषी व्यक्ति के नाम का उल्लेख नहीं किया गया। कलेक्टर ने भी गर्भगृह में आगजनी के दोषियों में सिर्फ और सिर्फ सिक्योरिटी एजेंसी को ही टारगेट कर नोटिस जारी किया। साथ ही किसी भी दोषी का नाम न लिए जाने के पीछे फाइनल रिपोर्ट का बहाना बना लिया। लेकिन घटना के फोटो और वीडियो खुद इस बात के गवाहदार हैं कि होली वाले दिन बाबा महाकाल के गर्भगृह, चांदी द्वार और नंदी हॉल के समीप क्या घटना घटित हुई थी। भले ही यह आग केमिकल युक्त गुलाल से लगी हो, लेकिन फोटो वीडियो साफतौर पर यह बता रहे थे कि इस दौरान स्प्रे गन का उपयोग भी किया गया। परंतु मजिस्ट्रियल जांच में स्प्रे गन का कहीं जिक्र तक नहीं किया गया है।

महाकालेश्वर मंदिर के प्रशासक होंगे जिला पंचायत सीईओ मृणाल मीना
उज्जैन कलेक्टर नीरज कुमार सिंह द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत मृणाल मीना को आगामी आदेश तक अपने दायित्वों के साथ श्री महाकालेश्वर मंदिर उज्जैन के प्रशासक का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है।