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पीएम मोदी को मल्लिकार्जुन खरगे ने लिखा पत्र…कहा ‘आपकी भाषा पद की गरिमा के विपरीत’

Kharge to PM Modi: कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम एक पत्र लिखा है. इस पत्र को उन्होंने अपने एक्स अकाउंट पर साझा किया है. उन्होंने अपने पत्र में कहा कि नरेंद्र मोदी की भाषा पीएम पद की गरिमा के विपरीत है.

श्री नरेंद्र मोदी को लिखा गया मेरा पत्र साझा कर रहा हूँ, जो इस लोकसभा चुनाव में उनके बोले लगातार झूठों का पर्दाफ़ाश करता है।

प्रिय प्रधानमंत्री जी,

आपने NDA के सभी उम्मीदवारों को मतदाताओं से क्या संवाद करना है यह बताते हुए जो पत्र लिखा है उसे मैने देखा।

पत्र के कंटेट और लहज़े से ऐसा लगता है कि आप बहुत ही ज़्यादा हताश और निराश हो गए हैं। यही कारण है कि आप ऐसी भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं जो प्रधानमंत्री पद की गरिमा के बिलकुल विपरीत है। पत्र से ऐसा लग रहा है कि आप अपने भाषणों में जो झूठ बोल रहे हैं उसका उस तरह से प्रभाव पड़ता हुआ आपको नहीं दिख रहा है जैसा आप चाहते थे। यही कारण है कि अब आप चाहते हैं कि आपके उम्मीदवार भी आपकी झूठी बातों को आगे बढ़ाएं। एक झूठ को हज़ार बार बोलने से वह सच नहीं बन जाता है प्रधानमंत्री जी।

मतदाता इतने समझदार हैं कि कांग्रेस ने घोषणापत्र में क्या लिखा है और हमने क्या गारंटी दी है, वे खुद पढकर समझ सकते हैं। हमारी गारंटी इतनी सरल और स्पष्ट है कि हमें उन्हें समझाने की ज़रूरत भी नहीं है। लेकिन आपके लिए, मैं उन्हें यहां दोहरा रहा हूं।

1. युवा न्याय – हम इस देश के युवाओं को नौकरी का भरोसा दे रहे हैं जो आपकी नीतियों के कारण भयंकर बेरोज़गारी से पीड़ित हैं। कांग्रेस ने युवाओं को ‘पहली नौकरी पक्की’ की गारंटी दी है।

2. नारी न्याय – इसका उद्देश्य हमारे देश की उन महिलाओं और लड़कियों को सशक्त बनाना है जो आपके नेताओं और उनकी मानसिकता के कारण उत्पीड़न झेलने को मजबूर हैं।

3. किसान न्याय – उन किसानों को सशक्त बनाना जिन्हें अपने फ़सलों के लिए उचित दाम मांगने पर गोली मारी गई और पीटा गया।

4. श्रमिक न्याय – उन श्रमिकों और कामगारों को सशक्त बनाना जो आपकी सूट-बूट की सरकार की नीतियों के कारण बढ़ती महंगाई और बढ़ती आय असमानता से पीड़ित हैं।

5. हिस्सेदारी न्याय – गरीबों को सशक्त बनाने के लिए, जिन्हें उनका अधिकार मिलना चाहिए।

हमारी गारंटियां सभी के लिए न्याय सुनिश्चित करने वाली है।

हमने आपको और गृह मंत्री को यह कहते सुना है कि कांग्रेस तुष्टिकरण की राजनीति कर रही है। पिछले 10 वर्षों में हमने जो एकमात्र तुष्टिकरण नीति देखी है, वह है आपके और आपके मंत्रियों द्वारा चीनियों का तुष्टिकरण। आप आज भी चीन को ‘घुसपैठिए’ कहने से इनकार करते हैं, बल्कि 19 जून, 2020 को आपने गलवान में 20 भारतीय सैनिकों के सर्वोच्च बलिदान का अपमान करते हुए कहा था, “न कोई घुसा है, न ही कोई घुस आया है”। आपने चीन को जो ‘क्लीन चिट’ दी है उसने भारत के पक्ष को कमज़ोर कर दिया है और चीन को और अधिक आक्रामक बना दिया है। यहां तक कि अरुणाचल प्रदेश, लद्दाख और उत्तराखंड में एलएसी के पास बार-बार चीनी घुसपैठ और सैन्य इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण के कारण तनाव बढ़ गया है। भारत में चीनी सामानों का आयात भी काफ़ी बढ़ गया है – सिर्फ़ पिछले 5 वर्षों में 54.76% की वृद्धि हुई है और 2023-24 में 101 बिलियन डॉलर को पार कर गया।

अपने पत्र में आपने लिखा है कि एससी, एसटी और ओबीसी से आरक्षण छीन लिया जाएगा और “हमारे वोट बैंक” को दे दिया जाएगा। हमारा वोट बैंक हर भारतीय है- गरीब, हाशिए पर रहने वाले लोग, महिलाएं, महत्वाकांक्षी युवा, श्रमिक वर्ग, दलित और आदिवासी। हर कोई जानता है कि यह आरएसएस-बीजेपी ही है जिसने 1947 से लगातार आरक्षण का विरोध किया है। हर कोई यह भी जानता है कि आरएसएस-बीजेपी आरक्षण को समाप्त करने के लिए संविधान को बदलना चाहती है। आपके नेताओं ने इस बारे में खुलकर बात की है। आपको यह स्पष्ट करना चाहिए कि आप हमारे संविधान के अनुच्छेद 16 के अनुसार एससी, एसटी और ओबीसी को उनकी जनसंख्या के आधार पर आरक्षण का विरोध क्यों करते हैं। आपने अपने पत्र में कहा है कि लोगों की मेहनत की कमाई छीन ली जाएगी। यहां, मैं आपसे अनुरोध करना चाहता हूं कि आप अपनी पार्टी को गुजरात में गरीब दलित किसानों से ठगे गए और इलेक्टोरल बांड के रूप में दिए गए 10 करोड़ रुपए वापस करने का निर्देश दें। आपकी पार्टी ने चंदा दो-धंदा लो, ठेका लो-घूस दो, हफ्ता वसूली और फर्जी कंपनियों जैसे तरीक़ों से विभिन्न कंपनियों से “अवैध और असंवैधानिक इलेक्टोरल बांड के माध्यम से 8,250 करोड़ रुपए एकत्र किए। 8,250 करोड़ में से, आप कम से कम 10 करोड़ रुपए दलित परिवार को तो वापस कर ही सकते हैं।

आपने अपने पत्र में यह स्पष्ट रूप से झूठ लिखा है कि कांग्रेस विरासत कर लाना चाहती है। हमारे मेनिफेस्टो में कहीं ऐसा नहीं लिखा है। हक़ीक़त यह है कि आपके पूर्व वित्त मंत्री और आपकी पार्टी के नेताओं ने बार-बार इसका उल्लेख किया है कि वे विरासत कर के पक्ष में हैं। आप अपने नेताओं के इन भाषणों और टिप्पणियों को लोग ऑनलाइन देख सकते हैं