दमोह जिले में संचालित 112 प्राइवेट अस्पतालों के लाइसेंस निरस्त कर दिए गए हैं। सीएमएचओ डॉ. सरोजनी जेम्स बेक ने यह कार्रवाई कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर के निर्देश पर की है। दमोह जिले के इतिहास में पहली बार इस तरह की कार्रवाई हुई है, जिसके बाद अस्पताल संचालकों के बीच हड़कंप के हालात बने हुए हैं।
इनमें वे अस्पताल शामिल हैं, जिन्होंने अपने लाइसेंस नवीनीकरण नहीं कराए हैं। जबकि तीन साल में नवीनीकरण कराने की प्रक्रिया होती है। कई अस्पताल ऐसी भी हैं, जिन्होंने 2015 के बाद नवीनीकरण कराने की प्रक्रिया का पालन नहीं किया। जिसके बाद मंगलवार शाम यह आदेश जारी हुआ है। झोलाछाप डॉक्टरों पर प्रशासन की कार्रवाई के बाद अब निजी अस्पतालों पर शिकंजा कसा गया है।
इन अस्पतालों के लाइसेंस हुए निरस्त
जिले में जिन निजी अस्पतालों के लाइसेंस निरस्त हुए हैं उनमें आद्या पॉली क्लीनिक, आस्था क्लीनिक, अरिहंत क्लीनिक, अर्पित क्लीनिक बटियागढ़, आशीर्वाद डेंटल क्लीनिक, डॉक्टर बीबी नामदेव क्लीनिक, चैतन्य क्लीनिक, चक्रवर्ती क्लीनिक, चरक क्लीनिक, चौधरी क्लीनिक, चौधरी डेंटल क्लीनिक, चौकरया डेंटल क्लीनिक, दमोह फिजियोथैरेपी क्लीनिक, डेंटल क्लीनिक, दिव्या क्लीनिक, दिवाकर क्लीनिक, डॉ. मनोज कुमार तिवारी क्लीनिक, डॉ. तिलकराज दुआ क्लीनिक, डॉ. अबुल अजीज क्लीनिक, डॉ. भानूप्रताप पटेल क्लीनिक, डॉ. गंगाराम पटेल क्लीनिक, डॉ. गोपाल प्रसाद अयाची क्लीनिक, डॉ. एचएच सूर्यवंशी क्लीनिक, डॉ. आईसी जैन क्लीनिक, डॉ. इजराइल खान, डॉ. जेएस राजपूत, डॉक्टर जैन क्लीनिक, डॉ. मु. तौफीक खान, डॉ. प्रदीप कुमार शेंडे क्लीनिक, डॉ. आरपी साहू क्लीनिक, डॉ. राजकुमार जैन क्लीनिक, डॉ. राकेश राजपूत क्लीनिक, डॉ. संजय कुमार कुर्मी क्लीनिक, डॉ. शिवहरे क्लीनिक, डॉ. सुबोध कुमार जैन क्लीनिक, डॉ. स्वाति जैन क्लीनिक, डॉ. बीके चनपुरिया क्लीनिक, डॉ. योगेश पटेल क्लीनिक, , डॉ. सतीश दुबे क्लीनिक, ईशान क्लीनिक, गरीब विकास संस्था, गीता क्लीनिक, गुरु कृपा क्लीनिक, होम्योपैथिक क्लीनिक, होम्योपैथिक दवाखाना, हॉस्पिटल कुम्हारी, जय मां क्लीनिक, जैन क्लीनिक, जैन पैथालॉजी सेंटर, जैन पॉली क्लीनिक सहित अन्य अस्पताल शामिल हैं।
सीएमएचओ कार्यालय द्वारा जिन निजी अस्पतालों के लाइसेंस निरस्त किए गए हैं उनमें गरीब विकास संस्था नाम से 15 निजी क्लीनिक जिले में संचालित होना बताया गया है। हालांकि इनके संचालकों के नाम अलग-अलग हैं। इनमें 7 संस्थाएं 2016 में रजिस्टर्ड हुई हैं। 8 संस्थाएं 2017 में रजिस्टर्ड की गई हैं।
2015 के बाद से नही कराया नवीनीकरण
जिन अस्पतालों के लाइसेंस निरस्त किए गए हैं उनमें आशीर्वाद क्लीनिक का पंजीयन 2015 में कराया गया था। वहीं 2016 में पंजीकृत अस्पतालों के अलावा 2017 एवं 2018 में बड़ी संख्या में अस्पतालों के पंजीयन कराए गए, लेकिन इन अस्पतालों के लाइसेंस नवीनीकरण नहीं कराए गए।
ऑनलाइन होती है प्रकिया
सीएमएचओ डॉ सरोजनी जेम्स बेक का कहना है कि हर तीन साल में लाइसेंस नवीनीकरण कराते हैं। इसकी ऑनलाइन प्रक्रिया की जाती है। शासन के नियमानुसार जो दस्तावेज मांगे जाते हैं वह नहीं दिए गए, इसलिए कार्रवाई की गई है। जिनके लाइसेंस निरस्त किए गए हैं वे प्रक्रिया पूरी करा रहे हैं।
हटा में प्रशासन ने एक अस्पताल किया सील
हटा बीएमओ डॉ. अमन श्रीवास्तव, नायब तहसीलदार मानसी अग्रवाल ने स्वास्थ्य, राजस्व व पुलिस अमले के साथ काईखेड़ा गांव में संचालित एक अस्पताल पर कार्रवाई की। अस्पताल संचालक छन्नू लाल रजक द्वारा बिना किसी वैध दस्तावेज, डिग्री के अस्पताल संचालित किया जा रहा था। साथ ही अस्पताल में बड़ी मात्रा में दवाएं, इंजेक्शन भी अमले ने बरामद किए। पंचनामा कार्रवाई के बाद संचालक की उपस्थिति में ही क्लीनिक को सील किया गया।