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ऐसा क्या हुआ कि कलेक्टर बन गए शिक्षक, बच्चों को सिखाया जीवन जीने का तरीका

सार

विस्तार

वैसे तो कलेक्टर का काम जिले में होने वाले हर महत्वपूर्ण कार्यों को उत्कृष्ट रूप से पूर्ण करवाना होता है। लेकिन, गुरुवार को उज्जैन  कलेक्टर नीरज कुमार सिंह एक नए रूप मे नजर आए। उन्होंने स्कूल पहुंचकर बच्चों को रामधारी सिंह दिनकर की प्रसिद्ध कविता पढ़ाई, साथ ही जीवन जीने का तरीका भी सिखाया।

स्कूल चले हम अभियान के तीसरे दिन भविष्य से भेंट कार्यक्रम के तहत उज्जैन कलेक्टर नीरज कुमार सिंह शुक्रवार को विधार्थियों को पढ़ाने के लिए शासकीय उच्चतर उत्कृष्ट विद्यालय माधवनगर पहुंचे। उन्होंने कक्षा 10वीं के विधार्थियों को रामधारी सिंह दिनकर की प्रसिद्ध वीर रस की कविता कुरुक्षेत्र में युधिष्ठिर और भीष्म पितामह के बीच का प्रसंग पढ़ाया। उन्होंने बताया कि कविता हमें जीवन जीने का तरीका सिखाती है।

कलेक्टर ने बच्चों को कविता के एक सर्ग का पाठ कर सुनाया और रोचक ढंग से प्रत्येक पंक्ति का उदहारण देते हुए कविता का अर्थ समझाया। उन्होंने बताया कि जहां न्याय होगा वहीं शांति और सुशासन स्थापित हो सकेगा। जहां अशांति, अन्याय होगा वहां शांति कभी स्थापित नहीं हो सकेगी। कलेक्टर सिंह ने विद्यार्थियों को बताया कि कुरुक्षेत्र कविता से हमें प्रमुख सीख यहां मिलती है हमें अपने जीवन में विनम्रता, सहनशील, करुणा, तप के भाव के साथ शक्ति और सामर्थ्य को भी विकसित करना होगा ताकि हमें न कोई भी दबा सके, न कोई शोषित कर सकें।छात्र जीवन का भरपूर उपयोग सीखने में करें
कलेक्टर सिंह ने विद्यार्थियों को मार्गदर्शन देते हुए कहा कि छात्र जीवन का उपयोग ज्यादा से ज्यादा सीखने में करें। अपने लक्ष्य का समुचित निर्धारण कर सर्वश्रेष्ठ के भाव से उसे प्राप्त करने के लिए रणनीति बनाएं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से दूरी रखें। छात्र जीवन के प्रमुख चार-पांच साल जिस प्रकार आप जीवन जिएंगे, वह आपके भविष्य की राह निर्धारित करेगी। छात्र जीवन ही वह नीव है जिसमें आप अपना भविष्य कैसा होगा यह तय करते हैं। छात्र हर पल हर क्षण अपने लक्ष्य को पाने के लिए बिना किसी आलस्य, अड़चन के प्रयासरत रहे। अपने अंदर समय का सदुपयोग और लक्ष्य के प्रति सतत प्रयास व दृढ़ता का गुण धारण करें। निश्चित ही आप सफल होंगे।

कलेक्टर ने किया स्कूल का निरीक्षण
विद्यार्थियों को पढ़ाने से पूर्व कलेक्टर ने उत्कृष्ट विद्यालय का भ्रमण किया। उन्होंने विज्ञान के शिक्षकों के संभागीय प्रशिक्षण का निरीक्षण किया। साथ ही शिक्षकों को निर्देशित किया कि छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराई जाए। इस दौरान प्राचार्य उत्कृष्ट उच्चतर विद्यालय माधवनगर विभा शर्मा सहित अन्य स्कूल स्टाफ मौजूद रहा।