Mobile Bills may be increase : स्पेक्ट्रम की नीलामी खत्म हो चुकी है. कंपनियों ने इस नीलामी में 11,340 करोड़ रुपये खर्च किए हैं. इसके बाद अब सूत्रों की मानें तो टेलीकॉम कंपनियां जुलाई से टैरिफ की दरें बढ़ाने की तैयारी में हैं. यह दरें 15 से 20 प्रतिशत तक बढ़ सकती हैं. इसमें हैडलाइन टैरिफ की दरें भी बढ़ेंगी. यह बढ़ोतरी प्रीपेड और पोस्टपेड दोनों में होगी.
अगर यह दरें महंगी हो गईं तो टेलीकॉम उपभोक्ताओं की जेब तक अतरिक्त बोझ बढ़ना तय है. यह बढ़ोतरी जुलाई के पहले हफ्ते से ही संभावित है. पिछली बार हैडलाइन टैरिफ दिसंबर 2021 में बढ़ाया गया था. इसके बाद कंपनियों ने सिर्फ अपने बेस पैक में ही बढ़ोतरी की थी. सूत्रों के हवाले से यह भी ख़बर है कि इस बढ़ोतरी का ऐलान सबसे पहले भारती एयरटेल करेगी.
सरकार ने स्पेक्ट्रम नीलामी के लिए रिजर्व प्राइस 96,238 करोड़ रुपए रखा था. अभी तक तीनों टेलिकॉम कंपनियों ने 141.4 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम खरीदा. ये नीलामी मंगलवार को शुरू हुई और बुधवार को समाप्त हो गई. इस स्पेक्ट्रम खरीद में भारती एयरटेल ने सबसे ज्यादा 6,856.76 करोड़ रुपए का स्पेक्ट्रम खरीदा टेलिकॉम कंपनी रिलायंस जियो ने 973.62 करोड़ रुपए और वोडाफोन आइडिया ने करीब 3,510.4 करोड़ रुपए के स्पेक्ट्रम के लिए बोली लगाई. सरकार को बेस प्राइस का केवल 12 प्रतिशत ही मिला.