उज्जैन। भगवान श्री महाकालेश्वर की श्रावण माह में निकलने वाली सवारियों के क्रम में चौथे सोमवार को परम्परानुसार श्री महाकालेश्वर भगवान की सवारी धूमधाम से निकली। सवारी में भगवान श्री महाकालेश्वर ने चार विभिन्न स्वरूपों में भक्तों को दर्शन दिये। जिसमें पालकी में श्री चन्द्रमोलेश्वर, हाथी पर श्री मनमहेश, बैलगाडी में गरूड पर शिवतांडव एवं बैलगाडी में नंदी पर श्री उमा-महेश के स्वरूप में विराजमान होकर अपनी प्रजा का हाल जानने निकले।
श्री महाकालेश्वर भगवान की सवारी निकलने के पूर्व श्री महाकालेश्वर मंदिर के सभामंडप में भगवान का वन एवं पर्यावरण मंत्री रामनिवास रावत, महिला एवं बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री लखन पटेल , कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री दिलीप जायसवाल, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री कृष्णा गौर , पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने विधिवत पूजन-अर्चन किया और सवारी में शामिल हुएं।
भगवान श्री चन्द्रमोलेश्वर पालकी में विराजित होकर नगर भ्रमण पर निकलें। मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल के जवानों द्वारा पालकी में विराजित भगवान को सलामी दी गई। सवारी परंपरागत मार्ग महाकाल चौराहा, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार और कहारवाडी से होती हुई रामघाट पहुंची । जहॉ मां क्षिप्रा के जल से भगवान का अभिषेक और पूजन-अर्चन किया गया। इसके बाद सवारी रामानुजकोट, मोढ की धर्मशाला, कार्तिक चौक खाती का मंदिर, सत्यीनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार और गुदरी बाजार से होती हुई पुन: श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंची।
भव्यता , दिव्यता और आस्था का अद्भुत संगम बना रामघाट
भगवान श्री महाकालेश्वर की सवारी महाकाल मन्दिर से प्रस्थान कर जैसे ही रामघाट पर पहुंची, वैसे ही चहुंओर आस्था और श्रद्धा का जन-सैलाब उमड़ पड़ा। श्रावण में अपने सौंदर्य की छटा बिखेरते हुए स्वयं प्रकृति भगवान श्री महाकाल का स्वागत करने के लिए आतुर दिखाई दी। पुजारियों के साथ भगवान का जलाभिषेक वर्षा कर इन्द्रदेव ने भी किया। जिससे रामघाट पर भव्यता , दिव्यता और आस्था का अद्भुत संगम दिखाई दिया। रामघाट और दत्त अखाड़ा पर चहुंओर बढ़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहें। भगवान श्री महाकालेश्वर का पूजन और जलाभिषेक पं.आशीष पुजारी द्वारा विधिवत पूजन-अर्चन कराया गया। इस अवसर पर राज्यसभा सांसद श्री उमेशनाथ जी महाराज सहित अन्य जनप्रतिनिधि एवं प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित रहे।
जनजातीय कलाकारों ने दर्शकों का मन मोहा
भगवान श्री महाकालेश्वर की सवारी में सीधी जिले के जनजातीय कलाकारों की लोक नृत्य घसिया बाजा की अद्भुत प्रस्तुति ने दर्शकों का मन मोहा। भगवान शिव की बारात में दानव, मानव, भूत-प्रेत, भिन्न भिन्न तरह के जानवरों द्वारा द्वारा किए गए नृत्य और करतबों को सीधी के श्री उपेन्द्र सिंह के नेतृत्व जनजातीय कालकारों द्वारा नृत्य के रूप में प्रस्तुत किया। कलाकारों ने बंडी, पजामा, कोटी, वेषभूषा धारण कर गुदुम बाजा, डफली, शहनाई, टिमकी, मांदर, घुनघुना वाद्य यंत्र पर अद्भुत प्रस्तुति दी।
बटुकों की सुरमई भजनों की प्रस्तुति रही आकर्षण का केंद्र
बाबा महाकाल की सवारी में शिप्रा तट के पावन रामघाट पर बटुकों की सुरमई शिव भजनों की प्रस्तुति आकर्षण का केंद्र रही। बटुकों के ॐ मंगलम, ओमकार मंगलम आदि भजनों और मंत्रोचारण से सवारी में समा बांधा।
श्रद्धालुओं ने सुगमतापूर्वक किए भगवान के दर्शन
श्री महाकालेश्वर भगवान की सवारी में श्रद्धालुओं का उत्साह और उमंग अलौकिक रहा। हजारों की संख्या में भक्त झांझ, मजीरे, ढोल और भगवान का प्रिय वाद्य डमरू बजाते हुए पालकी के साथ उत्साहपूर्वक आराधना करते हुए चले। कई श्रद्धालुओं ने बाबा की सवारी में आकर्षक स्वरूप धारण किया। श्रद्धालुओं ने सुगमतापूर्वक भगवान के दर्शन लाभ लिए। श्रद्धालुओं के सुगम दर्शन के लिए प्रशासन द्वारा समुचित व्यवस्थाएं की गई। बाबा महाकाल की सवारी में आगे और पीछे दो चलित रथ भी चले, जिसमें लगी एलईडी के माध्यम से श्रद्धालुओं ने दर्शन किया। इसके अतिरिक्त महाकाल घाटी, रामघाट, दत्त अखाड़ा, गोपाल मंदिर आदि प्रमुख स्थानों पर भी बड़ी एलईडी लगाई गई जिसमें सवारी का सजीव प्रसारण किया गया।
संभागायुक्त, पुलिस महानिरीक्षक, कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक ने की व्यवस्थाओं की सतत निगरानी
संभागायुक्त उज्जैन संजय गुप्ता, पुलिस महानिरीक्षक संतोष कुमार सिंह, डीआईजी नवनीत भसीन, कलेक्टर नीरज कुमार सिंह एवं पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा सहित प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा बाबा महाकाल की सभी सवारी के दौरान व्यवस्थाओं की सतत निगरानी की गई।