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पीड़ित, शोषित, दिव्यांग और बुजुर्गों को मंच पर बैठाकर लगाया छप्पन भोग, सेवाधाम पर अनूठा कार्यक्रम

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पूरे भारत में मंदिरों में 56 भोग लगाने की धार्मिक प्रथा प्रचलन में है। लेकिन, उज्जैन में पीड़ित, शोषित, दिव्यांग बच्चों, युवाओं और बुजुर्गों सहित समाज से दुत्कारे गए और अस्वीकार किए गए 20 से अधिक जीवंत दिव्य आत्माओं को ईश्वर का स्वरूप मानकर 56 भोग अर्पित किए गए। यह आयोजन अंकितग्राम सेवाधाम आश्रम में निवासरत 950 से अधिक आश्रमवासियों के लिए गौमाता की साक्षी में किया गया। इस अवसर पर हामूखेड़ी के महारोगी विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।

इस 56 भोग की विशेषता यह थी कि जिन्हें समाज ने स्वीकार नहीं किया, उन्हें ईश्वर की प्रतिकृति के रूप में मंच पर विराजित किया गया। इन जीवंत आत्माओं के समक्ष 56 भोग अर्पित किए गए। संभवतः विश्व में यह पहला और अनूठा आयोजन था। आयोजन की धारणा को लेकर अंकितग्राम, सेवाधाम आश्रम के संस्थापक सुधीर भाई गोयल ने बताया कि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मूर्तियों के आगे पूरे भारत में इस तरह के आयोजन होते हैं। लेकिन, विश्व समुदाय को मानवता का संदेश देने और सेवाधाम आश्रम जैसे सभी सेवालयों में रहने वालों को ईश्वर का स्वरूप मानने के उद्देश्य से यह आयोजन किया गया।

पांचवा धाम है सेवाधाम
अंकितग्राम सेवाधाम आश्रम में पधारे विश्व के अनेक धर्मगुरुओं ने इसे मानव सेवा का अनुपम तीर्थ बताया और कहा कि चारों धामों के साथ पांचवा धाम सेवाधाम है, जहां अनेक जीवंत देवों का पूजन और प्रसादी प्रतिदिन अर्पित की जाती है। यहां 950 से अधिक दिव्य आत्माएं साक्षात प्रभु के रूप में निवास करती हैं। इन जीवंत दिव्य आत्माओं के लिए दिव्य सेवकों द्वारा अन्नकूट का आयोजन बीते बुधवार दोपहर 3 से शाम 5 बजे तक 33 करोड़ देवी-देवताओं का प्रतिनिधित्व करने वाली गौमाता की साक्षी में सम्पन्न हुआ। पहली बार आश्रमवासियों में से ही 20 से अधिक निवासियों को देवस्वरूप में सजाया गया और छप्पन भोग अर्पित किए गए। दंडी आश्रम के वेदपाठी बच्चों द्वारा मंत्रोच्चार के साथ प्रसाद अर्पित करने के बाद आश्रमवासियों को 56 भोग का भोजन कराया गया। इस अवसर पर डॉ. सचिन गोयल, अनिता गोयल, श्रीमती कांता गोयल, गोरी गोयल, दिल्ली से उषा बगड़िया, उदयपुर से शशि बंसल, संजय बंसल आदि उपस्थित रहे।

कोई शिव, कोई हनुमान जी तो कोई मां सीता बनी
मंच पर सेवाधाम आश्रम में ही निवास करने वाले 20 से अधिक शोषित और पीड़ित, शिव, पार्वती, राधा, कृष्ण, राम, लक्ष्मण, सीता, हनुमान और अन्य देवी-देवताओं के रूप में सजे हुए थे। इनका पूजन सेवाधाम आश्रम के संस्थापक सुधीर भाई गोयल और कार्यक्रम में विशेष रूप से उपस्थित अतिथियों ने किया। 56 भोग में फल, मिठाई, नमकीन और टॉफियों के साथ विशेष व्यंजन अर्पित किए गए। भोग के बाद पकवान आश्रमवासियों को प्रसाद स्वरूप वितरित किए गए। इस अवसर पर जीवंत देवताओं की आरती भी की गई।