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अटल जी भारत के महान नेता, अपराजेय वक्ता, विचारवान लेखक, सच्चे इंसान संवेदनशील कवि और महान राष्टभक्त -हरिश्चंद्र श्रीवास्तव

अटल जी का पूरा व्यक्तित्व पूनम की चाँदनी जैसा मनभावन है जैसे चैत के महीने में चारों तरफ़ छिटकी चाँदनी से सब खेत खलिहान बाग वृक्ष नदी तालाब पहाड़ सब समान रूप से ढके रहते हैं ठीक उसी तरह अटल जी का व्यक्तित्व भी है संसद हो या संसद के बाहर जिस तरह सभी राजनीतिक दलों के नेता उनके साथ धूलमिलकर बात करते हुए ठहाके लगाते थे वह इस बात का प्रमाण है कि वह अभ्यर्थना और अवमानना के मोहपास से मुक्त अहंकार से परे निर्मल मन व्यक्तित्व का मूर्तमान स्वरूप थे।

अटल जी वास्तव में राजनीति और समाज रूपी आकाश के सप्तऋषि मंडल के ध्रुब नक्षत्र कहा जाय तो अतिशयोक्ति नहीं होगी। राजनेता होना ,कवि होना और उसके साथ ही विचारक और चिंतक होना एक साथ एक व्यक्ति में समाया हो आश्चर्यजनक लगता है ।राजनेता का अहंकार, कुटिलता,छद्म फरेब ,और राजनीति के भदेस उनको छू तक नही गए थे । अटल जी जन जन से प्रेम करने वाले जननायक है । जाती, धर्म ,सम्प्रदाय के संकुचित भावों से मुक्त भारत के महान नेता है जिनके हृदय में सबके प्रति समान प्रेम था । करुणा की की अजस्र धारा उनके हृदय में बहती थी जो उत्पीड़न और अन्याय का दृढ़ता से विरोध करता था। अटल जी अपने चुंबकीय व्यक्तित्व के कारण जन मानस में रस के स्थायी भाव बन गए। अपनी स्वक्छ और निष्ठा प्रधान विचारधारा के कारण वे उपमेय से उपमान बन गए हैं।

अटल जी की रहनी गहनी बोली वानी व्यवहार सब येक कवि जैसा ही है यही कारण है की किसी की पीड़ा सुनकर बहुत जल्दी वह द्रवित हो जाते थे । देश के प्रति यदि कोई कुचक्र होता तो उनका हृदय का दावानल आवेशित हो उठता था ।

भारत की सनातन परंपरा सभ्यता और संस्कृति के भाव में वे पूरी तरह सराबोर थे। राष्ट्रवाद की ओजस्विता और प्रखरता और राष्ट्रीय स्वाभिमान उनमें कूट कूटकर कर भरा था अटल की पूरा व्यक्तित्व और कृतित्व अपने आप में भारतीय दर्शन का जीवंत मूर्तिमान स्वरूप है। उनकी रचनाएं बोलती हैं।

होकर स्वतंत्र कब चाहा है जग को कर लू गुलाम।
मैंने तो सदा सिखाया है करना अपने मन को गुलाम।

गोपाल -राम के नामो पर कब मैंने अत्याचार किए ?
कब दुनिया को हिंदू करने घर घर में नरसंहार
किए?

कोई बतलाये काबुल जाकर कितनी मस्जिद तोड़ी ?
भूभाग नहीं, शत शत मानव के हृदय जीतने का निश्चय ।
हिंदू तन मन हिंदू जीवन रग रग हिंदू मेरा परिचय ।

यह रचना उनके विद्यार्थी जीवन की है जब 10वी के छात्र थे।

राष्ट्रवाद का प्रखर संदेश देती उनकी कविता

बरसो तक लड़े जेल में उनकी याद करे ।
जो फाँसी पर चढ़े खेल में उनकी याद करे ।
याद करे काला पानी को,
अंग्रेजो की मनमानी को,
कोल्हू में जुते तेल पेरते,
सावरकर से बलिदानी को ,
इस कविता के अंतिम पद जो अटल जी ने संदेश दिया ।
मुक्ति माँगती शक्ति संगठित,
युक्ति सुसंगत भक्ति अकम्पित,
कृति तेजस्वी धृति हिमगिर सी,
मुक्ति माँगती गति अप्रतिहत।
अंतिम विजय सुनिश्चित पथ में
क्यो अवसाद करे?
उनकी याद करे।

अटल जी की कविताओं में जीवन दर्शन , भारतीय सनातन संस्कृति, राष्ट्रवाद, आजादी की लड़ाई, मानवीय वेदना , करुणा, प्रेम ,मनोभाव , जीवन दर्शन और राष्ट्र जीवन के सर्वकालिक संदेश है ।

25 December 2025 को अटल जी 100वा जन्मदिन होगा आज अटल जी हमारे बीच भौतिक रूप से अवश्य नहीं है परन्तु उनकी अलमस्त जीवन शैली, उनके व्यक्तित्व के बहुआयामी कृतित्व, उनकी लोकप्रियता रचनायें,उनके राष्ट्रजीवन के लिए भारतमाता की गरिमा महिमा के लिए साथ है वैश्विक जगत के लिये संसद से लेकर जनता जनार्दन को दिए गए सम्बोधनों , जनसंघ और भारतीय जनतापार्टी के कार्यकर्ताओं को दिए गए सम्बोधनों, साहित्यिक मंचों पर दी गई अभिव्यक्ति , राष्ट्र धर्म , पांचजन्य व स्वदेश समाचार पत्रों में प्रकाशित लेख और सम्पादकीय,राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर दिए भाषण इन सब के साथ अटल जी राष्ट्र और समाज जीवन में हमेशा जीवंत चैतन्य और कालजयी है । हम सबके लिए अटल जी का कृतित्व व व्यक्तित्व प्रेरणापुंज है जो हम सबको मार्गदर्शन प्रदान करता रहेगा।

अटल जी ने प्रधानमंत्री के रूप में सत्ता को सुशासन के का नया माडल दिया जो भ्रष्टाचार मुक्त पारदर्शी व्यवस्था , आत्मनिर्भर और विकसित भारत की मजबूत दिशा में आगे बढ़ाने का कार्य किया पोखरण से लेकर सवर्णिम चतुर्भुज योजना के माध्यम से देश में विश्वस्तरीय राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण कर भारत के बुनियादी ढांचे को जो मजबूती अटल जी की सरकार ने देश को दिया तथा अंत्योदय के पंडित दीनदयाल जी लक्ष्य को साकार करने हेतु जिन नीतियों और योजनाओं को उन्होंने मूर्तरूप देने का कार्य शुरू किया था आज देश के यशस्वी प्रधानमंत्री आदरणीय नरेंद्र भाई मोदी जी के नेतृत्व आज भारत तेजी के साथ आत्मनिर्भर विकसित राष्ट्र बनने की दिशा में तेजी के साथ अग्रसर है ।रक्षा का मामला हो तो मोदी सरकार ने पड़ोसी देशों को बालाकोट करके यह साबित कर दिया कि यदि भारत को कोई नुक़सान पहुचायेगा तो भारत उसका जवाब देना बखूबी जानता है । इसी तरह भारत ने चीन सीमा पर भी घुसपैठ का नाकाम करके जिस तरह जवाब दिया उसे भी स्पष्ट संदेश दिया कि भारत अपनी सीमा पर किसी तरह की घुसपैठ बर्दास्त करने वाला नही । रक्षा उत्पादन में आज भारत आत्मनिर्भरता की तरफ़ तेज़ी से अग्रसर ही नहीं बल्कि रक्षा उत्पादन का निर्यातक देश भी बन गया है । ग्रीन एनर्जी, सोलर पावर, पर तेज़ी से काम कर भारत पर्यावरण संरक्षण की दिशा में मजबूत कार्य कर रहे हैं । राष्ट्रीय राज मार्गो के विकास के साथ गरीबो को पक्का मकान , बिजली कनेक्शन , शौचालय गाँवो को सड़क और इंटरनेट कनेक्शन से जोड़ने , स्किल डेवलपमेंट , स्थानीय पर्यटन को प्रोत्साहन देने का जो कार्य मोदी सरकार ने किया वह अटल जी के सुशासन माडल को

जिस तरह से आगे बढ़ाया उसी का परिणाम आज भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है और वैश्विक नेतृत्व देने की क्षमता विकसित कर रही है ।

मोदी जी के नेतृत्व वाली सरकार ने जिस तरह जम्मू कश्मीर में धारा 370 को निष्प्रभावी बना कर भारत की मुख्यधारा से जोड़ने का कार्य किया और माननीय उच्चतम न्यायलय के निर्णय के उपरांत श्री राम तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट बना कर श्री रामजन्मभूमि पर भगवान श्री रामलला का भव्य दिव्य मंदिर का निर्माण करने का मार्ग प्रशस्त किया और अयोध्या को विश्व पटल पर भारत की सांस्कृतिक राजधानी की दिशा में अग्रसर है यह सुशासन का प्रतीक है । काशी में भगवान विश्वनाथ का कारिडोर साकार हुआ । आज ज्ञान विज्ञान टेक्नोलॉजी , चंद्रमा पर भी तिरंगा लहरा कर स्पेश टेक्नोलॉजी में भारत ने वैश्विक पटल पर अपना परचम लहरा दिया है । मोदी जी के नेतृत्व में भारत कोविड काल जिस तरह दुनिया के अनेक देशों की मदद पहुंचाई देश में कमजोर तबके के लोगों को घर घर राशन दवा मुफ्त पहुंचाया निशुल्क इलाज मुहैया कराया साथ ही गरीबो को रोजगार की व्यवस्था की और देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत किया यह सुशासन की जीत है ।आज मोदी सरकार अटल जी के शताब्दी वर्ष को सुशासन वर्ष के रूप में देश भर में मना रही है इसके माध्यम से जंहा एक तरफ़ अनेक योजनाओं का क्रियान्वयन होगा वहीं जन जन तक अटल जी का संदेश को भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता प्रत्येक बूथ पर पर 25 december को कार्यक्रम आयोजित कर पहुँचाने का कार्य करेंगे।