National SamacharLine:उत्तरप्रदेश में शीला दीक्षित को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने के बाद कांग्रेस की नजर अब देश भर में ब्राह्मण वोटो पर है। कांग्रेस के रणनितिकार प्रशांत किशोर की सलाह पर पार्टी अब ब्राह्मण वोटों पर ध्यान केंद्रित करेंगी।
उत्तरप्रदेश में शीला दीक्षित को लाने का मतलब यह नहीं है कि पार्टी वहाँ सरकार बना लेगी। कांग्रेस ने शीला दीक्षित को कमान दे कर यह सन्देश दिया है कि उसने लगातार राजनितिक रूप से किनारे हो रहे ब्राह्मण समुदाय को मुख्यधारा की राजनीती में आने का अवसर दिया है।
गौरतलब है कि दो दशको से ब्राह्मण नेतृत्व लगातार देश की राजनीति से किनारे होता जा रहा है। कांग्रेस भाजपा एवं अन्य दलो में बड़े करीने से ब्राह्मण नेताओ की भूमिका कमतर की जाती रही है।
उत्तरप्रदेश के बाद अब मध्यप्रदेश राजस्थान जैसे ब्राह्मण प्रभाव वाले राज्यो में भी ब्राह्मण नेतृत्व को महत्वपूर्ण जिम्मेदारीया दे जाने की तैयारी है। मध्यप्रदेश में मुकेश नायक राजा पटेरिया शोभा ओझा के कद बढ़ने की सम्भावना है।
जानकारों के अनुसार भाजपा में भी अब ब्राह्मण नेतृत्व को अवसर देने की मांग उठने लगेगी। अरसे से मध्यप्रदेश में मुख्य भूमिका निभाने की आस देख रहे ब्राह्मण नेतृत्व को शीला दीक्षित ने नया रास्ता दिखाया है।
प्रकाश त्रिवेदी