प्रकाश त्रिवेदी की कलम सेमध्य प्रदेश

हाईवे पर रोज मर रही गायों को कौन बचाएगा ?

संसद से लेकर हाईकोर्ट तक गाय को लेकर चर्चा हो रही है। लेकिन रोज हाइवे पर वाहनो से टकराकर मर रही गायों की चिंता करने वाला कोई नहीं है। इंदौर भोपाल फोरलेन हो या ए. बी.रोड,रतलाम नीमच मार्ग हो या राष्ट्रीय राजमार्ग हो,जिला स्तरीय मार्ग हो या प्रधानमंत्री सड़क योजना के मार्ग हो सब जगह बीच सड़को पर गौ वंश का कब्ज़ा है। रोज एक न एक गाय हाइवे पर वाहनों से टकराकर मर रही है।

गौ रक्षक पता नहीं कहा गायब है। गाय के मांस को पकड़ने की खूब कवायद हो रही है रोज गौ मांस तस्करी की खबरे आ रही है। कई जगह सांप्रदायिक वातावरण ख़राब हो रहा है।
गाय के नाम पर खूब राजनीति हो रही है। गाय की चिंता करना और उस पर न्यूज़ चेंनलो में बहस करना बौद्धिक जुगाली बन गया है।
यह जानना दिलचस्प है हाइवे पर गाय आती कहा से है। जानकर बताते है कथित गौ पालक गायों का दुध निकालकर सड़को पर छोड़ देते है। जो गायें दूध देना बंद कर देती है उन्हें भी आवारा पशु की तरह छोड़ दिया जाता है।
सड़को पर रोज मर रही गायो की चिंता करना जरुरी है। गाय के नाम राजनीति करने वाले, गौ संवर्धन के नाम पर नाम और दाम कमाने वाले समाजसेवी पशुप्रेमी कब इस समस्या पर ध्यान देंगे देखना है।
प्रशासन और हाइवे का टोल वसूलने वाले भी इस पर आँख मूंदे हुए है। सरकार रोज इन मार्गो से गुजरती है लेकिन ध्यान नहीं देती। गौ रक्षा के कानून है पर उनपर अमल नहीं हो रहा है। शासन को उन पशुपालको पर सख्त कार्यवाई करना चाहिए जो अपनी गायों को चरने और मरने के लिए सड़को पर छोड़ देते है।
गाय हमारी माता है लेकिन हमें सिर्फ उसका दोहन करना आता है। रोज हाइवे पर मर रही गायो की पुकार सुनिए अलंबरदारों।

प्रकाश त्रिवेदी@samacharline. com