प्रकाश त्रिवेदी की कलम सेभोपालमध्य प्रदेश

मोदी पैटर्न पर सरकार चलाना चाहते है शिवराज।

Bhopal samacharline.

भाजपा की आंतरिक राजनीति में चल रही उथल पुथल के बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह अपनी सरकार को मोदी पैटर्न पर चलाना चाहते है। मंगलवार शाम मंत्रालय में अपनी केबिनेट के सदस्यों को वन टू वन चर्चा में शिवराज ने मोदी स्टाईल में नसीहते दी और चेताया कि उनके क्रियाकलाप पर संघ और उनकी नज़र रहने वाली है। शिवराज ने नए मंत्रियो को निर्देश दिए कि वे उनके संज्ञान में लाने के बाद ही अपने निजी स्टाफ में व्यक्तियों की नियुक्ति करे।
गौरतलब है कि भाजपा के नए संगठनमंत्री सुहास भगत ने भी मंत्रियों से उनके स्टाफ की जानकारी तलब की थी। कौन कहा पदस्थ है,कब से है,उनकी पृष्ठभूमि क्या है,उनका रेकॉर्ड कैसा है,क्या कांग्रेस शासन में भी इन लोगो ने काम किया है,इनके व्यक्तिगत सम्बन्ध किन लोगों से है। जैसे प्रश्नो का मंत्रियों से जबाब माँगा गया था। सुहास भगत ने जो रिपोर्ट तैयार की उसके आधार पर संघ के अलंबरदारों ने शिवराज को संघ कार्यालय बुलाकर चर्चा की।

एक दशक से सत्ता चला रहे शिवराज तत्काल संघ और हाईकमान की मंशा भांप गए। अपने विश्वस्त अधिकारियों और निकटस्थ सलाहकारो से गहन विचार विमर्श के बाद शिवराज ने तय किया कि अब मध्यप्रदेश का शासन मोदी पैटर्न पर ही चलाना पड़ेगा।
शिवराज ने केबिनेट के बाद शाम को मोदी स्टाईल में मंत्रियों की क्लास ली।
मंत्रियों को कामकाज बेहतर करने के साथ अपने अपने मंत्रालय में कुछ नया करके दिखाने को कहा गया है। विभागीय बैठको ने पूरी तैयारी करके जाने को कहा है। विभाग की समीक्षा दिन प्रतिदिन करने को कहा है। प्रभार वाले जिलो में महीने में कम से कम 4 दिन रहने को कहा है।
मंत्रियों को यह भी निर्देश दिए है कि वे भाजपा के नेताओ और कार्यकर्ताओ के काम प्राथमिकता से करे तथा संघ के दायित्ववान स्वयंसेवको की बात पर ध्यान दे।

सरकार की रीती नीति में परिवर्तन का असर प्रशासनिक फेरबदल पर भी होने वाला है।
कद्दावर मंत्रियों के मंत्रालय में विश्वस्त अधिकारियों की पदस्थापना की जायेगी।
दिल्ली गुजरात और भोपाल में चल रहे भाजपा के सत्ता समीकरण में शिवराज को साबित करना होगा कि वे आसानी से 2018 और 19 में भाजपा का परचम लहरा सकते है।
बहरहाल निगाहे इस बात पर रहेगी कि मोदी और संघ उन पर कब तक और कितना विश्वास करते है।

प्रकाश त्रिवेदी@samacharline