देशप्रकाश त्रिवेदी की कलम सेहोम

भाजपा ‘उधार’ दलित नेतृत्व के भरोसे।

दलित असंतोष से जूझ रही भाजपा के पास विश्वसनीय दलित नेताओं का टोटा पड़ गया है इसीलिए रामदास आठवले और रामविलास पासवान जैसे उधार लिए गए नेताओं पर ज्यादा भरोसा किया जा रहा हूं।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दलित उत्पीड़न पर दिए गए कड़े बयान के बाद संघ परिवार में गंभीर दलित चिंतन शुरू हो गया है।
संघ ने अपने तई दलित वर्ग के बीच सीधे जाने का फैसला किया है। रक्षाबंधन के दिन संघ परिवार की महिलाएं दलित भाईयों को राखी बांधेगी।
भाजपा में भी गहन विचार विमर्श के बाद दलित असंतोष से उपजे संकट से निबटने के लिए रणनीति बना ली है। मोदी का बयान इसी रणनीति के तहत आया है।
भाजपा में उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार पार्टी में खालिस दलित नेताओं की कमी है।
केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत बलाई समाज से है,यह जाति मध्यप्रदेश में ही ज्यादा है जहाँ पहले से ही पार्टी का आधार मजबूत है। गहलोत की दलित नेता के रूप राष्ट्रीय पहचान नहीं है, उत्तरप्रदेश,पंजाब,सहित दलित बहुल राज्यों में उनकी स्वीकार्यता कम है। सत्यनारायण जटिया चमार जाति के है उनकी उत्तरप्रदेश में पकड़ भी है लेकिन उन्हें भी हार्डकोर दलित नेता की छवि हासिल नहीं है। भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के दुष्यन्त गौतम दिल्ली तक सीमित है। संजय पासवान,साइड कार्नर है। मोदी मंत्रिमंडल में शामिल अर्जुन मेघवाल का प्रभाव बहुत कम क्षेत्र में है।
लब्बोलुबाब यह है कि भाजपा गंभीर दलित नेतृत्व को लेकर संकट में है। उसके एक भी दलित नेता की रामविलास पासवान,रामदास आठवले जैसी हार्डकोर छवि नहीं है।
भाजपा अब दलित राष्ट्रवाद का नया फंडा अपनाने जा रही है। इसके तहत पुरे देश में दलित स्वतंत्रता संग्राम सेनानी,दलित नायक खोजे जा रहे है। पार्टी इन दलित नायकों के जन्मस्थल या उनसे जुड़े स्थानों पर बड़े कार्यक्रम करेगी।
सूत्रों के अनुसार भाजपा रामदास आठवले और रामविलास पासवान को आगे लाकर उत्तरप्रदेश में दलितों का विश्वास जीतना चाहती है। हालांकि पार्टी के 40 दलित नेता जिनमे ज्यादातर सांसद है दीवाली के बाद पूर्णकालिक के रूप में उत्तरप्रदेश में केम्प करने वाले है।
भाजपा आठवले को आगे कर डॉ.आंबेडकर की जन्मस्थली महू में बड़ा आयोजन अगस्त माह में ही करेंगी। पासवान को भी देश भर में अनेक दलित आयोजनों में भेजा जायेगा।
प्रकारांतर से सत्ता में सहभागी बनाकर भाजपा उधार के दलित नेताओं के भरोसें अपना आधार मजबूत करना चाहती है।

प्रकाश त्रिवेदी@samacharline