देशप्रकाश त्रिवेदी की कलम से

“मन की बात”तो राजीव गांधी करते थे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी”मन की बात” आकाशवाणी पर करते है पर भारत के प्रधानमंत्री के रूप में मन की बात सिर्फ राजीव गांधी ही करते थे। अपने कार्यकाल में उन्होंने सिर्फ वही किया जो मन को अच्छा लगा। उनके मन में आया तो उन्होंने खुद अयोध्या जाकर रामजन्म भूमि के ताले खुलवाए। उनके मन में आया तो वे भारत में कंप्यूटर क्रांति ले आए। उनके मन में आया तो उन्होंने बोफोर्स तोप ख़रीद ली। हालांकि उन पर खूब आरोप लगे पर सच्चाई के धरातल पर वे टिक नहीं पाए।

राजीव गांधी की खास बात यह थी कि वे हर मुद्दे पर सबकी बात सुनते थे, उनके संघ के वरिष्ठ नेता भाऊराव देवरस से अच्छे संबंध थे, देवरस ने उन्हें रामजन्म भूमि की वास्तविकता से अवगत कराया तो उन्होंने उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरबहादुर सिंह से बात कर रामजन्म भूमि के ताले खुलवाये।
यही नहीं उनके मन में आया तो उन्होंने कांग्रेस का चुनाव अभियान बद्रीनाथ में पूजन कर शुरू किया।
आज उनकी मन की बात सार्थक सिद्ध हो रही है वे कहते थे हम दिल्ली से 1 रूपए भेजते है वो गांव तक आते आते 15 पैसे हो जाते है। मोदी जी की सब्सिडी सीधे लाभार्थी के खाते में जाने की मुहिम एवं मनेरगा और इस योजना के क्रियान्वयन में सुधार करना राजीव जी की चिंता को ही दूर करना है।
कंप्यूटर आज घर घर में है। बोफर्स तोप ने ही हमें कारगिल की लड़ाई में विजेता बनाया।
राजीव जी के मन के कारण ही आज नगरीय निकायों और पंचायतों में जनप्रतिनिधि विराजमान है।
राजीव गांधी के मन यह भी था कि लड़कियों के लिए अलग कॉलेज हो उन्होंने देश भर में प्रत्येक जिले में एक कन्या कॉलेज शूरू कराया।
बहरहाल मन की बात करना और उस पर अमल करना दोनों में राजीव गांधी अव्वल रहे,भले ही उनकी मन की बात से उनकी पार्टी को खासा नुकसान उठाना पड़ा हो।
आज उनके जन्मदिन पर हार्दिक श्रद्धांजलि।

प्रकाश त्रिवेदी@samacharline