देशप्रकाश त्रिवेदी की कलम से

मुलायम का “अमर प्रेम”।

खांटी समाजवादी मुलायम सिंह फिर अमर सिंह के मोहपाश में फंस गए है। मुलायम का अमर प्रेम समाजवादी कुनबे में कलह करा रहा है। अर्से से अमर सिंह से दूर रहे मुलायाम का अचानक उन्हें तवज्जो देना अखिलेश को नागवार गुजर रहा है। आजम खान भी नाराज है। समाजवादी कुनबे में अमर सिंह के कारण दो खेमे बन गए है।

मुलायम परिवार से जुड़े सूत्र बताते है कि सारा किया धरा मुलायम की दूसरी पत्नी साधना गुप्ता का है। अपने पुत्र प्रतीक यादव की ताजपोशी के लिए लंबे समय से लड़ रही साधना के कहने पर ही सपा में अमर सिंह की वापसी हुई है।
समाजवादी अमर कथा पूरी फ़िल्मी है। मुलायम की साधना गुप्ता से नजदीकी एवं विवाह में अमर सिंह की भूमिका बताई जाती है। मुलायम की पहलीं पत्नी सत्तर के दशक में ही दिवंगत हो गई थी, उनके बेटे अखिलेश अब सीएम है।
मुलायम के जीवन में साधना के आने के बाद अमर सिंह का भी कद बढ़ना शुरू हुआ। एक समय तो वे समाजवादी पार्टी के पर्याय ही हो गए थे। अखिलेश के सक्रीय होने के बाद अमर सिंह किनारे होते गए। मन मसोज कर कुछ समय चुप रहने के बाद फिर अमर सिंह ने चाल चलना शुरू की।
निकटवर्ती सूत्रों के अनुसार अमर सिंह ने शिवपाल और साधना को अखिलेश के खिलाफ उकसाया तथा प्रतीक यादव को आगे बढ़ाने तथा शिवपाल को सी एम बनाने की मुहिम शुरू की।
पहले तो मुलायम नहीं माने पर साधना के कोप भवन में जाने के बाद वे नरम पड़े। ख़ुफ़िया सूत्रों से जैसे ही अखिलेश को इस मुहिम की ख़बर लगी उन्होंने साधना के खास खनिज मंत्री गायत्री प्रजापति को बर्खास्त कर दिया और खनिज माफिया पर लगाम लगाने के आदेश दे दिए। अखिलेश के इस कदम से साधना को सीधा आर्थिक नुकसान होने था लिहाजा अमर सिंह ने शिवपाल को आगे कर उन्हें सपा का प्रदेश अध्यक्ष बनाने की मुहिम छेड़ दी।
मुलायम ने साधना के कहने पर शिवपाल को अखिलेश की जगह अध्यक्ष बना दिया। इसके बाद की कहानी जग जाहिर है।
अखिलेश ने अपनी और सरकार की छवि का वास्ता देकर मुलायम से अपने पक्ष में संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में फैसला करा लिया लेकिन शिवपाल से लोक निर्माण महकमा छीन लिया।
साधना के खनिज साम्राज्य पर भी नकेल कस दी ।
अखिलेश और राज्यसभा सदस्य रामगोपाल के इस वार से बौखलाये अमर सिंह ने फिर साधना को साधा और मुलायम सिंह से खुद को पार्टी का महासचिव बनवा लिया। निर्णय इतनी जल्दी में हुआ कि नियुक्ति पत्र भी मुलायम ने स्वयं हाथ से लिखा।
इस निर्णय से समाजवादी कुनबे में कलह और बढ़ने वाली है। अखिलेश अपनी युवा नेतृत्व की छवि के सहारे मैदान में है मुलायम भी उन्हें ज्यादा परेशान करने के मूड में नहीं है। लेकिन साधना,शिवपाल, और अमर सिंह की तिकड़ी से अखिलेश कैसे पार पाते है देखना होगा।
बहरहाल समाजवादी कुनबे में कलह जारी है अमर प्रेम के तड़के के बाद अब आजम खान के शोलो का इंतजार है।

प्रकाश त्रिवेदी@samcharline