देशप्रकाश त्रिवेदी की कलम सेभोपाल

पुलिस में भी है सिमी के स्लीपर सेल … ?

 भोपाल।  

एनआईए की शुरुआती जांच में एनकाउंटर हुए सिमी आतंकियों को जेल के अंदर और बाहर से सहयोग मिलने के संकेत मिले है। जेल मैन्युअल के खुले उल्लंघन में जेल प्रशासन और पुलिस के लोग भी मददगार रहे है। जेल के अंदर तमाम सुविधाएं स्थानीय संपर्को के द्वारा इन आतंकियों को उपलब्ध कराई जाती थी। सवाल उठता है प्रदेश की सबसे सुरक्षित जेल में इतनी अराजकता के लिए कौन जिम्मेदार   है?

खुफिया विभाग और एनआईए को इस बात की भी जांच करनी चाहिए कि जेल प्रशासन और पुलिस में सिमी के कौन कौन मददगार है। मध्यप्रदेश पुलिस के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार सिमी के मददगार स्लीपर सेल पुलिस और प्रशासन में भी हो सकते है इस दिशा में गहन पड़ताल शुरू हो गईं है। सभी जिलों से खासकर सिमी के गढ़ उज्जैन,इंदौर, मंदसौर,खंडवा,रतलाम,शाजापुर, देवास, जैसे जिलो से वर्गविशेष के पुलिस कर्मियों की रिपोर्ट तलब की जा रही है। पुलिस मुख्यालय में इस बात को लेकर खासी चिंता है कि अंदर से सिमी को सहयोग करने वालो की पहचान होना चाहिए।

गौरतलब है कि सिमी में वर्गविशेष के एक खास समुदाय के युवाओं की तादाद ज्यादा है। इस समुदाय के काफी लोग पुलिस में भी है। खुद सिमी के सरगना सफ़दर नागोरी के पिता पुलिस में रहे है। पुलिस के अलावा वर्गविशेष के धनाढ्य लोग भी इनकी आर्थिक मदद करते है इन पर भी नज़र रखने की जरुरत है। बहरहाल चारो तरफ से आलोचना झेल रही मध्यप्रदेश पुलिस को इन तथ्यों पर भी विचार करना चाहिए की इन ऑपरेशन में कहा कहा चुके हुई है।

एनकाउंटर के ऑडियो और वीडियो बाहर कैसे आये ? यदि ये सच्चे है तो इनका बाहर आना इस ऑपरेशन की बड़ी नाकामी है और अगर यह झूठे है तो यह पता लगाना जरूरी है कि कौन पुलिस को बदनाम कर रहा है ।

मध्य प्रदेश पुलिस को अगर अपनी साख बचानी है तो इन देशद्रोही संगठनो – सिमी के मददगार लोगों को बेनकाब करना होगा ।

प्रकाश त्रिवेदी@samacharline