प्रकाश त्रिवेदी की कलम सेभोपालमध्य प्रदेशशहडोल

विधानसभा-विपक्ष के नेता के लिए लामबंदी शुरू।

भोपाल।शहडोल उपचुनाव की सरगर्मी के बीच मध्यप्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता लिए भी लॉबिंग और रणनीतियां बनना शुरू हो गयी है। कार्यवाहक नेता प्रतिपक्ष बाला बच्चन को कांग्रेस के दिग्गजों की आम सहमति प्राप्त है,लेकिन उनके सरकार के खिलाफ साफ्ट रवैये को लेकर सवाल उठाए जा रहे है। लिहाजा आलाकमान कांग्रेस विधायकों के बीच मत विभाजन से भी नेता के चुनाव पर विचार कर सकता है।
कांग्रेस के निकटवर्ती सूत्र बताते है कि आलाकमान की मंशा अगले दो साल में सरकार को हलाकान करने वाले नेता प्रतिपक्ष की है,इसके लिए यह जरुरी है कि ऐसा नेता साफ छवि का और धंधेबाज ना हो।
विपक्ष के नेता के लिए बाला बच्चन के अलावा रामनिवास रावत,अजय सिंह,मुकेश नायक,महेंद्र सिंह कालूखेड़ा,डॉ.गोविन्द सिंह के नाम सामने आ रहे है। आने वाले सालों में कांग्रेस की राजनीति की मुख्यधारा ज्योतिरादित्य सिंधिया के इर्द गिर्द रहने के संकेत है ऐसे में डॉ. गोविन्द सिंह का बनना आसान नहीं है,सिंधिया एक ओर मजबूत शक्ति केंद्र नहीं बनने देंगे।
रामनिवास रावत उनकी पसंद हो सकते है। रावत का विधानसभा में प्रदर्शन बेहतर रहा है। उनकी स्वीकार्यता भी ज्यादा है।
मुकेश नायक बड़बोलेपन का शिकार है,उनका अहं भी झलकता रहता है उनके समकालीन उन्हें स्वीकार नहीं करेंगे। गौरतलब है कि उनका सरकार के साथ ‘रिश्ता’ भी चर्चा में रहता है।
महेंद्र सिंह को सिंधिया का खास सिपहसलार माना जाता है सिंधिया चाहेंगे कि वे पूरे प्रदेश में उनके लिए रणनीति बनाए तथा सिंधिया के संभावित नेतृत्व के लिए जमीन तैयार करे।
अजय सिंह अब पोलिटिकली अनफिट है जमीनी लड़ाई के लिए वे शायद ही तैयार हो।
बाला बच्चन सबसे बेहतर नाम है पढे लिखे आदिवासी नेता है,अध्ययनशील है गत विधानसभा सत्रों में बेहतरीन प्रदर्शन दिखा चुके है। उनका कांग्रेस के दिग्गज कमलनाथ,दिग्विजय सिंह,सिंधिया,अरुण यादव सभी के साथ तालमेल अच्छा है। विधायकों और कार्यकर्ताओं के साथ उनकी केमेस्ट्री बढ़िया है।
शहडोल लोकसभा उप चुनाव के बाद इस पद के लिए लामबंदी शुरू होगी अलबत्ता अब भोपाल के अल्पसंख्यक विधायक आरिफ अकील ने भी दावेदारी जता दी है।
कांग्रेस को सरकार के साथ दो दो हाथ करने वाला साफ छवि का नेता प्रतिपक्ष चाहिए जिसका संगठन के साथ भी तालमेल अच्छा हो।
बहरहाल लामबंदी शुरू हो चुकी है आलाकमान के फैसले का इंतजार है।

प्रकाश त्रिवेदी@samacharline