प्रकाश त्रिवेदी की कलम सेविदेश

मुस्लिम विरोध और सबसे पहले अमेरिकन मुद्दे ने डोनाल्ड ट्रम्प को बनाया राष्ट्रपति।

डोनाल्ड ट्रम्प का राष्ट्रपति बनना हमें भले ही अप्रत्याशित लग रहा हो लेकिन आम अमेरिकन मतदाता ने उन्हें विजयी बनाने का मन पहले ही बना लिया था। दंभ और चारित्रिक दुर्गुणों को हम गंभीरता से लेते है,जबकि आम अमरिकन लोगो के लिए यह सामान्य और आम बात है। अमरिकन समाज का गत दो दशकों में भारी अवमूल्यन हुआ है, समाज लगातार वैश्विक और धुर अमरिकन हितों पर विभाजित है। 

दुनिया भर में आतंक की लड़ाई को देख रहा आम अमरिकन चाहता था कि उनका राष्ट्रपति मुस्लिम आतंकवाद और आई एस के खिलाफ कठोर सोच वाला हो। अपने शब्दों में हम कह सकते है कि ट्रम्प का दक्षिणपंथी होना ही उनकी विजय का कारण बना।
मुस्लिम आतंकवाद के अलावा ट्रम्प ने सबसे पहले अमरिकन का नारा दिया।
अपने चुनाव अभियान में उन्होंने मध्यवय की अमरिकन पीढ़ी को विश्वास दिलाया कि वे यहाँ के रोजगार बाहर नहीं जाने देंगे तथा उनके रोजगार और स्वास्थ्य के अधिकार की रक्षा करेंगे।
ट्रम्प ने अपने अभियान में यह साबित करने की सफल कोशिश की वे अमरिकन लीडर है जबकि हिलेरी अपने आप को वैश्विक नेता बताती रही।
गौरतलब है कि चुनाव की घोषणा होते ही तय हो गया था कि अब अमरिकन घर में काम करने वाला तथा घरेलू अर्थ व्यवस्था को पटरी पर लाने वाला राष्ट्रपति चाहते है।
अमरिकन समाज बेरोजगारी और स्वास्थ्य संबंधी सामाजिक सुरक्षा के लिए ओबामा केयर को लेकर नाराज था।
बहरहाल ट्रम्प की जीत वाशिंगटन डी सी के खिलाफ आम अमेरिकन की सहज नाराजी का प्रतीक है।

प्रकाश त्रिवेदी@samacharline