उज्जैनप्रकाश त्रिवेदी की कलम सेमध्य प्रदेश

शिवराज के एजेंडे में अब किसान और नर्मदा।

उज्जैन। लाड़ली लक्ष्मी , कन्यादान,और अन्नपूर्णा योजना के बाद अब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के एजेंडे में में किसान और नर्मदा प्राथमिकता में आ गए है। अब भी शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार सृजन पर फोकस नहीं हो पा रहा है। उज्जैन में किसानों के बीच जनसमूह देखकर उन्होंने एक के बाद एक रियायते किसानों और नर्मदा यात्रा के लिए की।
अपने पहले कार्यकाल में सामाजिक सेक्टर में वाहवाही लूटने के बाद शिवराज ने दूसरे कार्यकाल में सड़क, पानी,बिजली पर जोर दिया अब 2018 की पूर्व तैयारी के लिए उनका फोकस किसानों और नर्मदा पर है।
मालवा के किसान को खेती किसानी के साथ साथ फ़ूड प्रोसेसिंग उद्योग लगाने की सलाह और रियायत देकर उन्होंने दिल जीतने का प्रयास किया है।
किसानों के पढ़े लिखे बच्चों से शिवराज ने कहा कि वे फसलों के अनुसार फ़ूड प्रोसेसिंग उद्योग लगाए। उन्होंने इन उद्योगों के लिए अनेक रियायतों की घोषणा की।
नर्मदा नदी पर फोकस करते हुए 11 दिसंबर से शिवराज नर्मदा सेवा यात्रा की शुरुआत उमरिया से करने जा रहे है। नर्मदा के दोनों किनारों पर 3500 किलोमीटर क्षेत्र में फलदार पेड़ लगाने की योजना है। सरकारी एवं वनभूमि के अलावा किसानो की जमीन पर भी पेड़ लगाए जाएंगे। किसानों को दो साल तक मुआवजा भी दिया जायेगा। नर्मदा पट्टी में अमरकंटक से लेकर बड़वानी तक के विधानसभा क्षेत्र इसमें कवर हो जाएंगे। मालवा का किसान भी रियायतों से खुश नज़र आ रहा है।
लेकिन बिजली बिल और अस्थाई कनेक्शन को लेकर वो अभी भी परेशान है।
बहरहाल नर्मदा,क्षिप्रा,महाकाल, किसान,और लाड़ली लक्ष्मी के सहारे 2018 की जंग जीतने की कवायद में रोजगार के अवसर और प्रदेश के युवाओं का कौशल विकास गायब लग रहा है। निवेश और कामधंधे की बात करना बेमानी है।
प्रकाश त्रिवेदी@samacharline