इंदौरप्रकाश त्रिवेदी की कलम सेमध्य प्रदेश

सेमेस्टर प्रणाली ख़त्म हो,शिक्षा आयोग बनाया जाए। विद्यार्थी परिषद की केंद्र सरकार से मांग।

इंदौर। संघ विचार परिवार के छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने उच्च शिक्षा में सेमेस्टर प्रणाली को समाप्त करने की मांग की है। परिषद् राष्ट्रीय शिक्षा आयोग की पक्षधर है। छात्रसंघ चुनावों को लेकर परिषद् लिग्दोह समिति की सिफारिशें पर पुनर्विचार कराना चाहती है।
इंदौर में चल रहे परिषद् के 62 वे राष्ट्रीय अधिवेशन में केंद्र सरकार से नई शिक्षा नीति की तत्काल घोषणा करने की मांग की है।
परिषद् ने देशभर के छात्रों,शिक्षाविदों,के साथ व्यापक विचार विमर्श कर एक विस्तृत प्रतिवेदन नई शिक्षा नीति के लिए तैयार किया था उसे तत्कालीन मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी को सौप भी दिया है। परिषद् के अलंबरदार चाहते है कि केंद्र सरकार अबिलम्ब उनके प्रतिवेदन के आधार पर नई शिक्षा नीति की घोषणा कर दे।
परिषद् के प्रतिवेदन के अनुसार पाठ्यक्रमो में नैतिक और आध्यात्मिक मूल्यों का समावेश हो। खेल,संगीत,कला सहित व्यक्तित्व विकास की गतिविधियां उसमे शामिल हो। विश्वविद्यालयों में तत्काल नियुक्तियां की जाए। सामाजिक समरसता का ध्यान रखा जाए। तकनीकी शिक्षा की पढ़ाई भारतीय भाषाओं में हो। संस्कृत के लिए खास योजना बने।
शिक्षा और उद्योग के बीच समन्वय हो ताकि कौशल संवर्धन को बढ़ावा मिले। पूर्वोत्तर में शिक्षा सुविधाओं का विस्तार हो। देश भर में चल रहे कोचिंग संस्थानों को नियमित करने के लिए दिशा निर्देश जारी होना चाहिए।
गौरतलब है कि प्रकाश जावड़ेकर के मानव संसाधन मंत्री बनने के बाद भी संघ के शिक्षा संबंधी एजेंडे को तरजीह नहीं मिल पा रही है। शिक्षा माफिया के दबाब में नई शिक्षा नीति की घोषणा नहीं हो पा रही है।
संघ अब परिषद् के माध्यम से सरकार पर दवाब बनाना चाहता है।
बहरहाल शिक्षा के लोकव्यापीकरण को लेकर संघ की मंशा कब पूरी होगी देखना होगा। मोदी सरकार की नोटबंदी मुहिम के बाद परिषद् शिक्षा के क्षेत्र में क्रन्तिकारी बदलाव की उम्मीद कर रही है।

प्रकाश त्रिवेदी@samacharline