देशप्रकाश त्रिवेदी की कलम से

केजरीवाल के बहाने गोविंदाचार्य का राजनीतिक दलों पर हमला।

नई दिल्ली। राजनीतिक दलों ने अपने अपने खातों में 8 नवंबर के बाद कितना पैसा जमा किया है इसका खुलासा होना चाहिए। नियमों के अनुसार कोइ भी दल 10 दिन से ज्यादा केश इन हैंड नहीं रख सकता है। इस नियम के अनुसार 18 नवम्बर तक ही दलों को अपना नकद पैसा खातों में जमा कराने की अनिवार्यता थी। भाजपा के पूर्व महासचिव गोविंदाचार्य ने केजरीवाल को पत्र लिखकर आप के खातों की जानकारी सार्वजानिक करने की मांग की है। केजरीवाल के बहाने गोविंदाचार्य ने भाजपा,कांग्रेस,बसपा,सपा सहित सभी दलों के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है।
जानकारों के अनुसार यदि किसी दल ने 18 नवम्बर के बाद पुराने नोट (1000,500) में राशि जमा की होगी तो उसकी मान्यता खतरे में पड़ सकती है। चुनाव आयोग ने19 नवम्बर 2014 कोआदेश निकाला था कि कोई भी दल 10 दिन से ज्यादा कैश इन हैंड नहीं रख सकेगा।
गोविंदाचार्य ने केजरवाल को पत्र लिखकर आप पार्टी के खाते की जानकारी मांगने के साथ साथ बीस हजार से ज्यादा राशि के दान दाताओं की सूची भी मांगी है।
गौरतलब है कि सभी दल बीस हजार से कम का दान दिखाकर आयकर से छूट प्राप्त कर लेते है।
जबकि कानून के अनुसार उन्हें छूट तभी प्राप्त होगी जब वे बीस हजार से अधिक के दानदाताओं के नाम आयकर को बताएंगे। ऐसा प्रावधान जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 29(सी) में है।
अंदरखाने की खबर है कि किसी भी दल ने इस नियम का पालन नही किया है।
बहरहाल गोविंदाचार्य के निशाने पर सबसे ज्यादा भाजपा ही है। सीधा निशाना भले ही केजरीवाल पर हो पर दवाब सबसे ज्यादा भाजपा की ही महसूस होगा।

प्रकाश त्रिवेदी@samacharline